सफलता की एक और सच्ची कहानी हाथ लगी है । ये कहानी है 'इनवर्टर मैन' की, जिनका नाम कुंवर सचदेव है । कुंवर अपने नाम की ही तरह सकारात्मक सोच और बुलंद हौसलों के भी कुंवर निकले । कुंवर आज 'Su-Kam' कंपनी के मालिक हैं । जिसका सालाना टर्नओवर 2000 करोड़ रुपए है । इतना बड़ा अंपायर खड़ा करने के पीछे कुंवर की कड़ी मेहनत है ।
जानते हैं कैसे घर-घर जाकर पेन बेचने वाले लड़के ने 2000 करोड़ की कंपनी खड़ी कर दी । कुंवर का जन्म दिल्ली की एक पंजाबी परिवार में हुआ था । कुंवर अपने दो भाई और माता-पिता के साथ छोटे से घर में रहा करते थे । कुंवर के पिता भारतीय रेलवे में क्लर्क थे और मां हाउसवाइफ थीं । कुंवर ने प्राइमरी तक की पढ़ाई प्राइवेट स्कूल में की फिर पैसों की कमी के कारण उन्हें सरकारी स्कूल में डाल दिया गया ।
12वीं पास करने के बाद कुंवर ने मेडिकल का एंट्रेस एग्जाम पास कर लिया लेकिन इंटर में उनके सिर्फ 49 फीसदी नंबर थे । इस वजह से उनका एडमिशन नहीं हो पाया । इसके बाद कुंवर ने फिर से 12वीं का एग्जाम दिया और इस बार अपने स्कूल में टॉप किया । लेकिन इस बार मेडिकल का एंट्रेंस एग्जाम पास नहीं कर पाए । इसके बाद कुंवर को इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन मिल गया ।
कुंवर का इस कोर्स में कोई इंट्रेस्ट नहीं था । फिर भी वो लगे रहे । कॉलेज के दिनों से ही कुंवर को पढ़ने का शौक था । यही आदत बाद में उनके काम आई । पढ़ाई के साथ-साथ कुंवर अपने भाई के साथ घर-घर जाकर पेन बेचते थे । इससे वो परिवार की मदद कर पाते थे। पढ़ाई पूरी करने के बाद कुंवर ने एक केबल कम्युनिकेशन कंपनी के सेल्स डिपार्टमेंट में जॉब कर ली ।
यहां काम करते हुए उन्हें एहसास हुआ कि भारत में बिजनेस करना एक अच्छा कमाई का जरिया साबित हो सकता है । यह बात 1988 की है । कुंवर ने जॉब छोड़ दी और दिल्ली में अपना केबल का बिजनेस शुरू किया । जिसका नाम उन्होंने 'Su-Kam Communication Systems' रखा। बिजनेस तो खुल गया था लेकिन कुंवर को मैन्युफैक्चर के बारे में कोई समझ नहीं थी । इसके चलते उन्होंने कुछ अच्छे इंजीनियर को अपने यहां काम दिया ।