अगर आपको भी रात के समय हाई बीम लाइट के साथ कार चलाने की आदत है तो इसे बदल लेना बेहतर है। ऐसा नहीं करने पर सामने से आ रही कार, बस, ट्रक या अन्य वाहन के ड्राइवर को परेशानी होती है जिससे अपने साथ ही हादसा होने का खतरा बढ़ जाता है।
ट्रैफिक पुलिस ने जारी किया वीडियो
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने भी हाई बीम लाइट पर 14 मिनट का एक वीडियो जारी किया है। जब सिटी में ड्राइव करो तो हाई बीम को बोलो बाय बीम नाम से जारी किए गए वीडियो में हाई बीम पर कार चलाने वालों से पूछा गया है कि क्या आपका कुछ खो गया है, या कुछ ढूंढ रहे हो। अगर नहीं, तो लो बीम रखो।
क्यों खतरनाक होती है हाई बीम लाइट
सड़कों पर चलने वाली कारें, बस और ट्रक के ज्यादातर ड्राइवर अपने वाहनों को हाई बीम लाइट पर ही चलाते हैं। हाई बीम लाइटों के कारण सामने से आ रहे वाहनों के ड्राइवर की आंखें चौंधिया जाती हैं। ऐसे में कई बार ड्राइवर अपना कंट्रोल खो देता है और हादसा हो जाता है।
90 के दशक में काली होती थी हेडलाइट
90 के दशक में ज्यादातर बसों, ट्रकों, कारों की हेडलाइट पर काला रंग लगाया जाता था। लाइट के एक चौथाई हिस्से पर काला रंग लगाया जाता था जिससे रात के समय सड़क पर सामने से आ रहे वाहन के ड्राइवर की आंखों पर कम रोशनी पड़ती थी और हादसे की आशंका भी कम होती थी।
हर साल होते हैं कई सड़क हादसे
भारत में हर साल कई लाख सड़क हादसे होते हैं जिनमें से कई हादसों का कारण हाई बीम लाइट पर वाहन चलाना होता है।
क्या कहते हैं डॉक्टर
आंखों के डॉक्टर के मुताबिक 45-50 साल की उम्र के व्यक्ति की आंखों में मोतिया बनना शुरू हो जाता है। ऐसे में अगर व्यक्ति की आंखों में तेज लाइट पड़ेगी तो हादसा होने के चांस बढ़ जाते हैं।