कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा असर जिन सेक्टर्स पर देखने को मिला है उनमें ऑटो सेक्टर भी एक है। हालांकि, जब 50 दिनों के लॉकडाउन के बाद वापस से शोरूम खुलने शुरू हो गए, तो सबसे बड़ा सवाल यही था कि क्या लोग कोरोना काल में वाहनों की खरीदारी करेंगे? ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि जो अनुमान ऑटो सेक्टर को लेकर लगाए गए थे, उसके मुकाबले स्थिति काफी बेहतर है और तेजी से उसमें सुधार हो रहा है। भारतीय ऑटो सेक्टर में मौजूदा हालात ये हैं कि सप्लाई के मुकाबले देश में वाहनों की मांग ज्यादा बढ़ गई है।
कोरोना से पहली की स्थिति में हो रही वापसी
वाहनों की खरीद को लेकर की जा रही पूछताछ और ऑर्डर कोरोना से पहले की हालत का 85 फीसदी हो गया है। साधारण भाषा में कहें तो कोरोना से पहले जहां 100 लोग वाहनों का ऑर्डर या पूछताछ करते थे, तो वहीं अब 85 लोग ऑर्डर या पूछताछ कर रहे हैं।
2 लाख से ज्यादा हुई पैसेंजर वाहनों की बुकिंग
लॉकडाउन के बाद से अब तक दो लाख से भी ज्यादा पैसेंजर वाहनों की बुकिंग हो चुकी है। वहीं, माना जा रहा है कि जुलाई महीने में यह आंकड़ा और भी तेजी से आगे बढ़ेगा।
बिक्री बढ़ी, सप्लाई घटी
वाहनों के प्रोडक्शन में आई कमी का दो सबसे बड़ा कारण प्रवासी मजदूरों का अपने घरों कों वापस जाना और सरकार की तरफ से प्रति व्यक्ति 8 घंटे की शिफ्ट तय करना है। फैक्ट्रियों में 45 से 50 फीसदी का ही प्रोडक्शन हो पा रहा है, जिसके चलते सप्लाई में 35 से 40 फीसदी की कमी आ गई है।
जून के मुकाबले जुलाई में बढ़ेगा प्रोडक्शन
जून के मुकाबले जुलाई महीने में पैसेंजर वाहनों के प्रोडक्शन में 25 से 30 फीसदी की बढ़ोतरी आएगी। कंपनियां इस दौरान 160000 से 170000 वाहनों का प्रोडक्शन करेंगी। बता दें कि पिछले 20 सालों में वित्तवर्ष 20 बिक्री के मामले में सबसे ज्यादा खराब रहा