ज्योतिष में शनिदेव को न्याय और कर्मफलदाता माना गया है। यह लोगों को उनके द्वारा किए गए कर्मों के आधार पर ही शुभ और अशुभ फल प्रदान करते हैं। लोगों की जुबान पर शनिदेव का नाम आते ही लोग घबरा जाते हैं। वैदिक ज्योतिष शास्त्र में जिन जातकों की कुंडली में शनिदेव अशुभ घर में बैठ जाते हैं वें तमाम तरह के कष्ट और परेशानियां देते हैं। वहीं इसके उलट अगर शनि की दशा कुंडली में शुभ है तो व्यक्ति को राजपाठ,वैभव,धन संपत्ति और मान-सम्मान प्राप्त करवाते हैं। कुंडली में शुभ शनि व्यक्ति को उच्च पद प्रदान करते हैं। शनि सभी ग्रहों में सबसे मंद गति से चलने वाले ग्रह हैं इस कारण से जातकों के जीवन पर इनका शुभ-अशुभ प्रभाव ज्यादा दिनों तक रहता है। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या जब किसी पर आती है उसे कई तरह की परेशानियां आने लगती हैं। मकर और कुंभ राशि शनिदेव की स्वयं की राशि होती है। शनिदेव सभी 12 राशयों में से कुछ पर विशेष मेहरबान रहते हैं। आइए जानते हैं कौन-कौन सी हैं शनिदेव की प्रिय राशियां...
शनिदेव की प्रिय राशियां
मकर राशि
मकर राशि शनिदेव की प्रिय राशियों में एक राशि है। इस राशि के स्वामी स्वयं शनिदेव हैं। वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब शनिदेव गोचर करते हैं तो कुछ राशि पर साढ़ेसाती शुरू हो जाती है तो कुछ से खत्म हो जाती है। मकर राशि पर शनि की साढ़ेसाती होने पर शनिदेव ज्यादा कष्ट नहीं देते हैं। मकर राशि के जातक शनिदेव की पूजा करने पर जल्दी प्रसन्न होकर उन्हें शनिदोष से मुक्ति कर देते हैं।
कुंभ राशि
कुंभ राशि शनिदेव की दूसरी प्रिय राशि है। इस राशि के स्वामी भी शनिदेव होते हैं। कुंभ राशि के जातकों पर शनिदेव हमेशा मेहरबान रहते हैं। इन जातकों के जीवन में कभी भी धन की कोई कमी नहीं रहती है।
तुला राशि
तुला राशि शनिदेव की उच्च राशि मानी जाती है। जिसमें शनिदेव हमेशा शुभ रहते हैं। अगर तुला राशि के जातकों की कुंडली में शनि शुभ ग्रह के साथ और स्थान पर बैठ जाते हैं तो बहुत ही शुभ फल ही देते हैं। इस राशि के जातकों को कभी भी ज्यादा दिनों तक कष्ट नहीं झेलने पड़ते हैं।
धनु राशि
धनु राशि के स्वामी देवगुरु बृहस्पति को माना जाता है। शनि और गुरु ग्रह की आपस में मित्रता का भाव रखते हैं। इस कारण से शनिदेव हमेशा धनु राशि के जातकों पर मेहरबान रहते हैं। जब भी शनि की साढ़ेसाती या चाल में बदलाव होता है तब इस राशि के जातकों पर धनु मेहरबान ही रहते हैं। धनु राशि के जातकों पर शनिदेव सुख-समृद्धि और धन दौलत प्रदान करते हैं।