बांदा में दिल्ली से लौटे खांसी-जुकाम से जकड़े राजमिस्त्री ने कोरोना हो जाने के खौफ से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। परिजनों ने यही दावा किया है। वह दिल्ली से 22 दिन पहले आया था। उधर, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग परिजनों की इस दलील को नहीं स्वीकार रहे।
मूलरूप से हमीरपुर जिले के चिल्ली गांव का रहने वाला राजेंद्र (35) पुत्र रामआसरे की यहां जमालपुर (कोतवाली देहात) में ससुराल है। वह दिल्ली में परिवार के साथ रहकर राजगीरी करता था। पिछले माह मार्च में साले रामबाबू की शादी में ससुराल आया था।
शनिवार की शाम यहां उसने घर की छत में लगे जाल में रस्सी बांधी और फंदे पर झूल गया। पत्नी व अन्य परिजन मकान के दूसरे हिस्से में थे। कुछ देर शव लटका देखा। पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
मृतक के साले महेश ने बताया कि दिल्ली से आने के बाद से ही राजेंद्र जुुकाम, खांसी और बुुखार से ग्रस्त था। गांव में उसका वायरल बुखार का इलाज करते रहे। महेश के मुताबिक तबियत न सुधरने से राजेंद्र को कोरोना होने की आशंका हो गई।
इसी से परेशान होकर आत्महत्या कर ली। उधर, कोतवाली देहात निरीक्षक धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि परिजनों ने आत्महत्या की सूचना दी है। कारण नहीं बताया। उधर, सीएमओ डॉ. संतोष कुमार ने कहा कि कोरोना का डर था तो जिला अस्पताल में दिखाना चाहिए था। बिना किसी जांच के परिजनों के कथन के आधार पर कोरोना नहीं माना जा सकता।
बांदा में दिल्ली से लौटे खांसी-जुकाम से जकड़े राजमिस्त्री ने कोरोना हो जाने के खौफ से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। परिजनों ने यही दावा किया है। वह दिल्ली से 22 दिन पहले आया था। उधर, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग परिजनों की इस दलील को नहीं स्वीकार रहे।
मूलरूप से हमीरपुर जिले के चिल्ली गांव का रहने वाला राजेंद्र (35) पुत्र रामआसरे की यहां जमालपुर (कोतवाली देहात) में ससुराल है। वह दिल्ली में परिवार के साथ रहकर राजगीरी करता था। पिछले माह मार्च में साले रामबाबू की शादी में ससुराल आया था।