देश के इस राज्य की कहानी शायद आपको किसी हिंदी फिल्म की तरह लगे। मध्यप्रदेश के मुस्लिम युवाओं का एक बड़ा आंकड़ा है जिन्हें छोटे-मोटे मामलों में ही जेल में डाल दिया गया है और उन्हें यह साबित करने में दसियों साल लग गए हैं कि उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है।
टीओआई के मुताबिक इंदौर के रहने वाले मोहम्मद इमरान अन्सारी को यह साबित करने में 10 साल लगे कि वह निर्दोष हैं।
यह एक हैरत में डालने वाला केस था जिसमें मोहम्मद को आतंकी गतिविधियों में शामिल होने को लेकर गिरफ्तार किया गया था। उस पर आरोप था कि वह इन गतिविधियों के लिए अन्य राज्यों में भी यात्रा करता रहा। दिलचस्प बात यह है कि जिस समय मोहम्मद पर यह आरोप लगाए गए थे, वह जेल में था।
मोहम्मद इमरान उन 200 युवा मुसलमानों में से एक है जिनके खिलाफ पिछले 12 सालों में इसी तरह के किसी अपराध को लेकर मामला दर्ज किया गया है।
इनमें से 85 से ज्यादा ऐसे मामले हैं जो या तो निराधार हैं या किसी छोटे-मोटे मामले में शामिल बता कर जेल में डाल दिया गया।
यह सारे आंकड़े दिल्ली में जामिया के एक शिक्षक सामने लाए हैं। इनमें पुलिस एफआईआर और कोर्ट के एफिडेविट और अन्य सबूतों के आधार पर सारी बातें सामने आई हैं।
इनमें ज्यादातर मामले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, बीजेपी की सरकार के वक्त रजिस्टर किए गए हैं। कुछ मामले उस वक्त शुरू हुए जब दिग्विजय सिंह प्रदेश के मुख्यमंत्री थे।
जानकारी के मुताबिक इनमें से ज्यादार मुसलमान युवाओं को साहित्य की कुछ किताबें रखने, नारे लगाने या सिमी से जुड़े कोई भी पोस्टर लगाने या संबंध रखने पर जेल में डाल दिया गया।
देश के इस राज्य की कहानी शायद आपको किसी हिंदी फिल्म की तरह लगे। मध्यप्रदेश के मुस्लिम युवाओं का एक बड़ा आंकड़ा है जिन्हें छोटे-मोटे मामलों में ही जेल में डाल दिया गया है और उन्हें यह साबित करने में दसियों साल लग गए हैं कि उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है।
टीओआई के मुताबिक इंदौर के रहने वाले मोहम्मद इमरान अन्सारी को यह साबित करने में 10 साल लगे कि वह निर्दोष हैं।
यह एक हैरत में डालने वाला केस था जिसमें मोहम्मद को आतंकी गतिविधियों में शामिल होने को लेकर गिरफ्तार किया गया था। उस पर आरोप था कि वह इन गतिविधियों के लिए अन्य राज्यों में भी यात्रा करता रहा। दिलचस्प बात यह है कि जिस समय मोहम्मद पर यह आरोप लगाए गए थे, वह जेल में था।
मोहम्मद इमरान उन 200 युवा मुसलमानों में से एक है जिनके खिलाफ पिछले 12 सालों में इसी तरह के किसी अपराध को लेकर मामला दर्ज किया गया है।
इनमें से 85 से ज्यादा ऐसे मामले हैं जो या तो निराधार हैं या किसी छोटे-मोटे मामले में शामिल बता कर जेल में डाल दिया गया।
यह सारे आंकड़े दिल्ली में जामिया के एक शिक्षक सामने लाए हैं। इनमें पुलिस एफआईआर और कोर्ट के एफिडेविट और अन्य सबूतों के आधार पर सारी बातें सामने आई हैं।
इनमें ज्यादातर मामले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, बीजेपी की सरकार के वक्त रजिस्टर किए गए हैं। कुछ मामले उस वक्त शुरू हुए जब दिग्विजय सिंह प्रदेश के मुख्यमंत्री थे।
जानकारी के मुताबिक इनमें से ज्यादार मुसलमान युवाओं को साहित्य की कुछ किताबें रखने, नारे लगाने या सिमी से जुड़े कोई भी पोस्टर लगाने या संबंध रखने पर जेल में डाल दिया गया।