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Tripura Election 2023: BJP seeking votes from UP Model in Tripura too
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Tripura Election 2023: त्रिपुरा में भी 'यूपी मॉडल' से वोट मांग रही BJP, फिर विपक्ष की नाकामी के भरोसे भाजपा
Tripura Election 2023: भाजपा ने यह रणनीति त्रिपुरा जैसे उसी राज्य में ही नहीं अपनाई है, जहां उसे पहली बार सरकार बनाने का अवसर मिला है। पिछले वर्ष नवंबर-दिसंबर महीने में संपन्न हुए गुजरात विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने यही रणनीति अपनाई थी, जहां वह करीब ढाई दशक से सत्ता में है...
Tripura Election 2023- Home Minister Amit Shah and CM Manik Saha addressing public meetings in Tripura
- फोटो : Agency
वर्ष 2022 में हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने अपनी सत्तारूढ़ योगी आदित्यनाथ सरकार की उपलब्धियों की बजाय अखिलेश सरकार की नाकामियों को जमकर उछाला था। उसने अखिलेश यादव सरकार में अपराध और भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाया और उसे इसका लाभ मिला। भाजपा उत्तर प्रदेश में एक बार फिर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने में सफल रही। भाजपा इसी 'यूपी मॉडल' पर त्रिपुरा में भी वोट मांग रही है। पांच साल सफलतापूर्वक सरकार चलाने के बाद भी उसकी चुनावी सभाओं में पिछली वाम दलों की सरकार की 'असफलताओं' को जमकर उछाला जा रहा है। आंतरिक असुरक्षा, आतंकवाद और 'तोलाबाजी' के मुद्दे पर भाजपा जमकर हमलावर है। भाजपा को उम्मीद है कि इन मुद्दों के सहारे पूर्वोत्तर के इस राज्य में भाजपा एक बार फिर सरकार बनाने में सफल रहेगी।
भाजपा ने यह रणनीति त्रिपुरा जैसे उसी राज्य में ही नहीं अपनाई है, जहां उसे पहली बार सरकार बनाने का अवसर मिला है। पिछले वर्ष नवंबर-दिसंबर महीने में संपन्न हुए गुजरात विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने यही रणनीति अपनाई थी, जहां वह करीब ढाई दशक से सत्ता में है। यहां भी भाजपा ने मतदाताओं को लंबे समय से सत्ता से बाहर कांग्रेस की असफलताओं को जमकर उठाया और रिकॉर्ड सफलता प्राप्त की। क्या भाजपा नेताओं को अपनी सरकार की उपलब्धियों से ज्यादा विपक्षी दलों की असफलता पर भरोसा रहता है?
शाह ने त्रिपुरा में उठाया ये मुद्दा
गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को त्रिपुरा में एक जनसभा को संबोधित किया। इसमें उन्होंने जनता को पिछली वाम सरकार की असफलताओं से सावधान किया। शाह ने कहा कि यदि राज्य में दोबारा वाम दलों की सरकार आती है, तो राज्य में 'तोलाबाजी' (किसी काम को करने के बदले में मांगा जाने वाला कमीशन) शुरू हो जाएगी। चूंकि, ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस भी इस बार त्रिपुरा में किस्मत आजमा रही है, और उसके कार्यकर्ताओं पर इसी तरह के आरोप बंगाल में लगते हैं, भाजपा नेता अमित शाह का तोलाबाजी का आरोप वाम दल के साथ-साथ ममता बनर्जी को निशाने पर लेने के लिए भी था।
हालांकि, उन्होंने केंद्र सरकार की उपलब्धियों का जमकर बखान किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और वामदलों ने पूर्वोत्तर को केवल अंधेरा दिया, जबकि उन्होंने पूर्वोत्तर को विकास की राह पर आगे बढ़ाया। भाजपा के अन्य नेताओं के भाषण में भी यही झलक देखने को मिलती है।
यह रणनीति क्यों?
राजनीतिक विश्लेषक डॉ. सुधीर कुमार ने अमर उजाला से कहा कि भाजपा केवल एक व्यक्ति के सहारे अपने पूरे एजेंडे को आगे बढ़ाने की रणनीति पर काम करती है। यही कारण है कि जब उपलब्धियों को गिनाने की बात आती है तो वह केंद्र और राज्य हर जगह केवल 'मोदी मॉडल' की चर्चा करती है। इस तरह वह ब्रांड मोदी को राज्यों के स्तर तक ज्यादा लोकप्रिय और मजबूत बनाने का काम करती है। यह उसे लोकसभा के साथ साथ दूसरे राज्यों में भी मदद मिलती है।
लेकिन विपक्ष की नाकामियों को उछालने की बात हो, तो आवश्यकता के अनुसार विभिन्न राज्यों के क्षेत्रीय दलों और उसके नेताओं पर हमले करती है। चूंकि जनता स्थानीय दलों और नेताओं के कथित भ्रष्टाचार से सीधे जुड़ी होती है, भाजपा इन मुद्दों को जमकर उठाती है और यह भाजपा को ज्यादा अपील करती है।
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डॉ. सुधीर कुमार ने कहा कि अब तक विपक्ष सत्तारूढ़ दल के विरुद्ध भ्रष्टाचार पर हमले करता था, लेकिन लंबे समय तक विपक्ष में रही भाजपा अब भी उस हथियार को मजबूती से इस्तेमाल कर रही है। इससे अप्रत्यक्ष रूप से वह यह भी स्थापित करने की कोशिश करती है कि उसके शासन में कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ, जबकि दूसरे दल जनता के हितों पर डाका डालते थे। फिलहाल, भाजपा की यह रणनीति सफल होती दिखाई पड़ रही है।
भाजपा को अपनी जीत पर भरोसा
हालांकि भाजपा नेताओं का कहना है कि वह आरोप लगाने की बजाय अपने काम के दम पर सत्ता में आने में सफल रहती है। केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता सर्बानंद सोनोवाल ने कहा है कि केंद्र की पूर्व की सरकारों ने पूर्वोत्तर को कभी सम्मान और महत्त्व नहीं दिया। पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार आने के बाद पूर्वोत्तर ने विकास की पहली झलक देखी है और अब वह तेजी से आगे बढ़ रहा है। सोनोवाल ने कहा कि यही कारण है कि इस समय त्रिपुरा सहित सभी पूर्वोत्तर राज्यों के विधानसभाओं में शानदार सफलता हासिल करेगी।
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