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SC: गुजरात और उत्तराखंड की ओर से UCC के लिए गठित समितियों को चुनौती देने वाली याचिका खारिज, जानें पूरा मामला

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अभिषेक दीक्षित Updated Mon, 09 Jan 2023 06:16 PM IST
सार

देशभर में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए अनेक याचिकाएं शीर्ष अदालत के समक्ष लंबित हैं। केंद्र ने कहा है कि समान नागरिक संहिता का मुद्दा राज्य विधायिका के दायरे में आता है।

Supreme Court dismisses PIL challenging committees set up by Gujarat and Uttarakhand for Universal Civil Code
सुप्रीम कोर्ट (फाइल) - फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड और गुजरात सरकार के अपने-अपने राज्यों में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू करने के लिए समितियों के गठन के फैसले को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर विचार करने से सोमवार को इनकार कर दिया। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ ने कहा कि अनूप बरनवाल और अन्य द्वारा दायर याचिका में दम नहीं है और इस पर विचार करने की जरूरत महसूस नहीं होती।



कोर्ट ने कहा कि राज्यों द्वारा ऐसी समितियों के गठन को संविधान के दायरे से बाहर जाकर चुनौती नहीं दी जा सकती। राज्यों द्वारा संविधान के अनुच्छेद 162 के तहत समितियां गठित करने में कुछ गलत नहीं है। यह अनुच्छेद कार्यपालिका को ऐसा करने की शक्ति देता है। दरअसल, उत्तराखंड और गुजरात की सरकारों ने समान नागरिक संहिता लागू करने पर विचार करने के लिए समितियों का गठन किया है।


समान नागरिक संहिता के तहत सभी नागरिकों के तलाक, गोद लेने, उत्तराधिकार, संरक्षण आदि के मामलों को एक समान रूप से देखा जाएगा, चाहे वे किसी धर्म या लिंग के हों। देशभर में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए अनेक याचिकाएं शीर्ष अदालत के समक्ष लंबित हैं। केंद्र ने कहा है कि समान नागरिक संहिता का मुद्दा राज्य विधायिका के दायरे में आता है।

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