कोरोना वायरस को लेकर किए जा रहे अध्ययन में हर रोज नई-नई चीजें सामने आ रही है। ऐसे ही एक अध्ययन में सामने आया है कि सामान्य बातचीत के दौरान सांस के साथ निकलने वाली छोटी बूंदें (रेस्पिरेटरी ड्रॉपलेट) हवा में आठ मिनट और इससे ज्यादा समय तक भी रह सकती है।