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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी स्थित 'महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ' की झांकी राजपथ पर गणतंत्र दिवस की शोभा बढ़ाएगी। झांकी में काशी विद्यापीठ, गांधी जी की शिक्षा नीति और वाराणसी के पारंपरिक घाट एवं मंदिर प्रदर्शित किए गए हैं।
महात्मा गांधी जयंती के 150 वर्ष पूरे होने पर विशेष तौर से इस झांकी को तैयार किया गया है। झांकी के अगले हिस्से पर गांधी जी की पुस्तक 'सत्य के प्रयोग' को दिखाया गया है। बता दें कि वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र होने के अलावा प्राचीन धर्म नगरी के तौर पर भी देखा जाता है। पिछले चार साल में यहां पर कई छोटे बड़े आयोजन हो चुके हैं।
अंतरराष्ट्रीय स्तर की कई हस्तियां वाराणसी के घाट देखने पहुंची हैं। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेशी मेहमानों को काशी की विद्यापीठ, मंदिर और घाट दिखाने के लिए यहां लेकर आए हैं। प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन वाराणसी में ही आयोजित किया गया है। यहां पर आए मेहमानों को घाट, मंदिर, विद्यापीठ एवं दूसरे धार्मिक स्थलों पर ले जाया गया है।
उत्तरप्रदेश सरकार का मानना है कि गणतंत्र दिवस पर काशी विद्यापीठ की झांकी आने से वहां मौजूद देश विदेश के अनेक लोगों में वाराणसी देखने की जिज्ञासा पैदा होगी। झांकी में बौद्ध भिक्षुक, साधु और पंडित कर्मकांड की प्रक्रिया से गंगा की पूजा करते नज़र आएंगे। इसके अलावा झांकी में वाराणसी के सुसज्जित मंदिरों और भक्तिभाव की समरसता को भी दिखाया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी स्थित 'महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ' की झांकी राजपथ पर गणतंत्र दिवस की शोभा बढ़ाएगी। झांकी में काशी विद्यापीठ, गांधी जी की शिक्षा नीति और वाराणसी के पारंपरिक घाट एवं मंदिर प्रदर्शित किए गए हैं।
महात्मा गांधी जयंती के 150 वर्ष पूरे होने पर विशेष तौर से इस झांकी को तैयार किया गया है। झांकी के अगले हिस्से पर गांधी जी की पुस्तक 'सत्य के प्रयोग' को दिखाया गया है। बता दें कि वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र होने के अलावा प्राचीन धर्म नगरी के तौर पर भी देखा जाता है। पिछले चार साल में यहां पर कई छोटे बड़े आयोजन हो चुके हैं।
अंतरराष्ट्रीय स्तर की कई हस्तियां वाराणसी के घाट देखने पहुंची हैं। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेशी मेहमानों को काशी की विद्यापीठ, मंदिर और घाट दिखाने के लिए यहां लेकर आए हैं। प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन वाराणसी में ही आयोजित किया गया है। यहां पर आए मेहमानों को घाट, मंदिर, विद्यापीठ एवं दूसरे धार्मिक स्थलों पर ले जाया गया है।
उत्तरप्रदेश सरकार का मानना है कि गणतंत्र दिवस पर काशी विद्यापीठ की झांकी आने से वहां मौजूद देश विदेश के अनेक लोगों में वाराणसी देखने की जिज्ञासा पैदा होगी। झांकी में बौद्ध भिक्षुक, साधु और पंडित कर्मकांड की प्रक्रिया से गंगा की पूजा करते नज़र आएंगे। इसके अलावा झांकी में वाराणसी के सुसज्जित मंदिरों और भक्तिभाव की समरसता को भी दिखाया गया है।