फर्जी गोरक्षकों पर हमले जारी रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को लगातार दूसरे दिन दलितों के प्रति भावुक हो गए। उन्होंने दलितों पर हो रहे हमले और अत्याचार तथा इसे लेकर हो रही राजनीति को बंद करने की भावनात्मक अपील करते हुए कहा, ‘यदि मारना ही है तो मुझे मारो।
दलित समाज में लंबे समय से उपेक्षित रहे हैं। मेरे दलित भाइयों पर हमलों का खेल बंद करें। समाज के उन लोगों से अपील करता हूं कि यदि उन्हें कोई समस्या है, यदि उन्हें हमले ही करना है तो मुझ पर हमले करें।’
मोदी के बयान ऐसे समय में आ रहे हैं जब उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश तथा राजस्थान जैसे कई राज्यों में गोरक्षा के नाम पर दलितों और मुस्लिमों पर हमले हो रहे हैं और इन घटनाओं को लेकर एनडीए सरकार की चौतरफा निंदा हो रही है।
उन्होंने हैदराबाद में भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक में भावुक होते हुए कहा जब कुछ घटनाएं मेरे संज्ञान में आईं तो मुझे ‘असह्य पीड़ा’ हुई। उन्होंने किसी घटना का जिक्र किए बिना कहा, ‘दलितों की रक्षा और सम्मान करना हमारी जवाबदेही है। दलितों पर जुल्म ढाने का षड्यंत्रकारियों को कोई अधिकार नहीं है।
सामाजिक एकता और सौहार्द बनाए रखना हमारे लिए सर्वोपरि है। हमें ऐेसे खतरों (सामाजिक द्वेष) से अधिक सतर्क रहना होगा और इनसे समाज की रक्षा करनी होगी। जाति, धर्म और सामाजिक हस्ती के आधार पर समाज को बांटने की इजाजत नहीं दी जा सकती।’
ऐसी घटनाओं का राजनीतिक लाभ लेने वालों की भर्त्सना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘जो लोग इस सामाजिक समस्या को हल करना चाहते हैं, मेरी उनसे गुजारिश है कि वे समाज को बांटने वाली राजनीति छोड़ दें।
बांटने वाली राजनीति देशहित के लिए नहीं हो सकती।’ उन्होंने कहा कि देश को यदि तरक्की की राह पर ले जाना है तो शांति, सद्भावना और अखंडता ही इसका मूलमंत्र है। देश की एकता ही हमारे देश के विकास का मुख्य स्रोत है।
अपने पहले तेलंगाना दौरे पर कई विकास परियोजनाओं का उदघाटन करने के बाद प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं हर किसी को बताना चाहता हूं कि इन फर्जी गोरक्षकों से बचकर रहें।
ऐसे कुछ लोगों का गोरक्षा से कुछ लेना-देना नहीं है, बल्कि वे समाज में तनाव और टकराव पैदा करना चाहते हैं। गोरक्षा के नाम पर ऐसे लोग राष्ट्र की शांति और सदभावना को भंग करना चाहते हैं।
मैं चाहता हूं कि सच्चे गोरक्षक ऐसे फर्जी लोगों की पोल-पट्टी खोलें और राज्य सरकारें उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। गायें कभी बोझ नहीं होतीं। गोमूत्र और गोबर कृषि में इस्तेमाल होते हैं।’
उन्होंने हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल द्वारा आवारा गायों की रक्षा की मुहिम और कृषि कार्यों में उनके इस्तेमाल के लिए किसानों को सौंपे जाने के उनके अभियान की सराहना की। उन्होंने कहा, ‘गायों को देश के आर्थिक विकास से जोड़ा जाना चाहिए।
भारत विविधता की धरती है। देश की एकता और अखंडता की रक्षा करना हमारा सर्वोपरि दायित्व है। इसके लिए देशवासियों को गायों की रक्षा और सेवा करनी चाहिए। इससे राष्ट्र समृद्ध होगा, न कि देश के लिए समस्या बनेगी।
लेकिन फर्जी गोरक्षक समाज और देश को बर्बाद कर रहे हैं। हमें ऐसे लोगों से बचना होगा और उन्हें सजा दिलानी होगी। तभी हम देश को सर्वोच्च मुकाम दिला सकते हैं।’
इससे पहले मोदी ने तेलंगाना के प्रत्येक घर में पाइपलाइन के जरिये पेयजल पहुंचाने के मकसद से राज्य की महत्वाकांक्षी परियोजना मिशन भगीरथ के पहला चरण का उद्घाटन किया।
उन्होंने मेडक जिले के गजवेल विधानसभा क्षेत्र के कोमातिबांदा गांव में एक धातु पट्टी का भी अनावरण किया और एक नल की टूटी खोलकर इसका औपचारिक उद्घाटन किया। यह मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव का निर्वाचन क्षेत्र है।