न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: देव कश्यप
Updated Sun, 20 Sep 2020 05:11 PM IST
राज्यसभा में रविवार को हंगामे के बीच दो कृषि विधेयक पास होने के बाद विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया है। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अहमद पटेल ने कहा कि 'उन्हें (राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश) को लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा करनी चाहिए, लेकिन इसके बजाय, उनके रवैये ने आज लोकतांत्रिक परंपराओं और प्रक्रियाओं को नुकसान पहुंचाया है। इसलिए हमने उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया है।'
अहमद पटेल ने कहा कि 'यह दिन इतिहास में 'काला दिन' के रूप में दर्ज होगा। जिस तरह से ये बिल पारित किए गए हैं, वह लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं और लोकतंत्र की हत्या है। 12 विपक्षी दलों ने राज्यसभा के सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया है।'
जमकर हुआ हंगामा
इससे पहले राज्यसभा में कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सरलीकरण) विधेयक-2020 तथा कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020 को मंजूरी मिल गई। ध्वनिमत से पारित होने से पहले इन विधेयकों पर सदन में खूब हंगामा हुआ। नारेबाजी करते हुए सांसद वेल तक पहुंच गए। कोविड-19 के खतरे को दरकिनार करते हुए धक्का-मुक्की भी हुई। विपक्ष ने इसे 'काला दिन' बताया। तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि यह 'लोकतंत्र की हत्या' है।
भाजपा ने विपक्ष को बताया 'किसान विरोधी'
दूसरी ओर कृषि विधेयक पास होने पर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि 'नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने किसानों को पिछले 70 सालों के अन्याय से मुक्त करा दिया है।' उन्होंने राज्यसभा में हंगामे पर कहा कि 'विपक्षी दल किसान-विरोधी हैं। प्रक्रिया का हिस्सा बनने के बजाय, उन्होंने किसानों की मुक्ति के मार्ग को रोकने की कोशिश की। भाजपा उनकी हरकतों की निंदा करती है।'
राज्यसभा में रविवार को हंगामे के बीच दो कृषि विधेयक पास होने के बाद विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया है। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अहमद पटेल ने कहा कि 'उन्हें (राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश) को लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा करनी चाहिए, लेकिन इसके बजाय, उनके रवैये ने आज लोकतांत्रिक परंपराओं और प्रक्रियाओं को नुकसान पहुंचाया है। इसलिए हमने उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया है।'
अहमद पटेल ने कहा कि 'यह दिन इतिहास में 'काला दिन' के रूप में दर्ज होगा। जिस तरह से ये बिल पारित किए गए हैं, वह लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं और लोकतंत्र की हत्या है। 12 विपक्षी दलों ने राज्यसभा के सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया है।'
जमकर हुआ हंगामा
इससे पहले राज्यसभा में कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सरलीकरण) विधेयक-2020 तथा कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020 को मंजूरी मिल गई। ध्वनिमत से पारित होने से पहले इन विधेयकों पर सदन में खूब हंगामा हुआ। नारेबाजी करते हुए सांसद वेल तक पहुंच गए। कोविड-19 के खतरे को दरकिनार करते हुए धक्का-मुक्की भी हुई। विपक्ष ने इसे 'काला दिन' बताया। तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि यह 'लोकतंत्र की हत्या' है।
भाजपा ने विपक्ष को बताया 'किसान विरोधी'
दूसरी ओर कृषि विधेयक पास होने पर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि 'नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने किसानों को पिछले 70 सालों के अन्याय से मुक्त करा दिया है।' उन्होंने राज्यसभा में हंगामे पर कहा कि 'विपक्षी दल किसान-विरोधी हैं। प्रक्रिया का हिस्सा बनने के बजाय, उन्होंने किसानों की मुक्ति के मार्ग को रोकने की कोशिश की। भाजपा उनकी हरकतों की निंदा करती है।'