पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने आर्टिकल-370 और राष्ट्रीय ध्वज को लेकर विवादित टिप्पणी कर दी है। भाजपा का आरोप है कि उनके खिलाफ केस दर्ज किया जाए। देश में महबूबा मुफ्ती जैसी धृष्टता 80 लोग कर चुके हैं। यानी उन्होंने किसी भी तरह से तिरंगे का अपमान किया है।
ऐसे लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई होती है।अगर मामला साबित हो जाता है तो आरोपी को 1095 दिन का कारावास या जुर्माना, अथवा दोनों भुगतने पड़ सकते हैं। महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि वे तभी तिरंगा उठाएंगी, जब पूर्व राज्य का झंडा और संविधान बहाल किया जाएगा।
महबूबा ने कहा, जहां तक मेरी बात है, तो मुझे चुनाव में कोई दिलचस्पी नहीं है। जब तक वह संविधान हमें वापस नहीं मिल जाता, जिसके तहत मैं चुनाव लड़ती थी, महबूबा मुफ्ती को चुनाव से कोई लेना देना नहीं है। भाजपा ने इसे तिरंगे का अपमान माना है।
एनसीआरबी रिपोर्ट बताती है कि 2018 में राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम के तहत 80 केस दर्ज किए गए थे। इनमें दोषसिद्ध मामलों की संख्या 6 रही है। 17 केस ऐसे थे, जिनमें बहस पूरी कर ली गई थी।अपराध साबित होने की दर 35.3 प्रतिशत रही है।
साल 2019 में भी तिरंगे का अपमान करने के अनेक मामले सामने आए हैं। 74 केसों में 89 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी। 13 लोगों को दोषी ठहराया गया। 24 लोग बरी हो गए। आरोपियों में एक महिला भी शामिल थी। इसी तरह राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत 483 एंट्री दर्ज की गई थी। 489 लोगों को हिरासत में लिया गया।
इनमें 183 आदमी एक माह तक, 42 व्यक्ति ऐसे थे जो एक से तीन माह तक कैद में रहे। 54 लोगों को तीन से छह माह तक कैद में रहना पड़ा। 210 लोग ऐसे भी थे, जो साल के अंत तक बाहर नहीं निकल सके थे। राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 की धारा 2 के तहत कोई भी व्यक्ति, जो किसी सार्वजनिक स्थान पर या किसी भी ऐसे स्थान पर सार्वजनिक रूप से भारतीय राष्ट्रीय झंडे या उसके किसी भाग को जलाता है, विकृत करता है, विरूपित करता है, दूषित करता है, कुरूपित करता है, नष्ट करता है, कुचलता है या अन्यथा उसके प्रति अनादर प्रकट करता है या (मौखिक या लिखित शब्दों में, या कृत्यों द्वारा) अपमान करता है तो उसे तीन वर्ष तक के कारावास या जुर्माने से, या दोनों से दंडित किया जाएगा।
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने आर्टिकल-370 और राष्ट्रीय ध्वज को लेकर विवादित टिप्पणी कर दी है। भाजपा का आरोप है कि उनके खिलाफ केस दर्ज किया जाए। देश में महबूबा मुफ्ती जैसी धृष्टता 80 लोग कर चुके हैं। यानी उन्होंने किसी भी तरह से तिरंगे का अपमान किया है।
ऐसे लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई होती है।अगर मामला साबित हो जाता है तो आरोपी को 1095 दिन का कारावास या जुर्माना, अथवा दोनों भुगतने पड़ सकते हैं। महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि वे तभी तिरंगा उठाएंगी, जब पूर्व राज्य का झंडा और संविधान बहाल किया जाएगा।
महबूबा ने कहा, जहां तक मेरी बात है, तो मुझे चुनाव में कोई दिलचस्पी नहीं है। जब तक वह संविधान हमें वापस नहीं मिल जाता, जिसके तहत मैं चुनाव लड़ती थी, महबूबा मुफ्ती को चुनाव से कोई लेना देना नहीं है। भाजपा ने इसे तिरंगे का अपमान माना है।
एनसीआरबी रिपोर्ट बताती है कि 2018 में राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम के तहत 80 केस दर्ज किए गए थे। इनमें दोषसिद्ध मामलों की संख्या 6 रही है। 17 केस ऐसे थे, जिनमें बहस पूरी कर ली गई थी।अपराध साबित होने की दर 35.3 प्रतिशत रही है।
साल 2019 में भी तिरंगे का अपमान करने के अनेक मामले सामने आए हैं। 74 केसों में 89 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी। 13 लोगों को दोषी ठहराया गया। 24 लोग बरी हो गए। आरोपियों में एक महिला भी शामिल थी। इसी तरह राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत 483 एंट्री दर्ज की गई थी। 489 लोगों को हिरासत में लिया गया।
इनमें 183 आदमी एक माह तक, 42 व्यक्ति ऐसे थे जो एक से तीन माह तक कैद में रहे। 54 लोगों को तीन से छह माह तक कैद में रहना पड़ा। 210 लोग ऐसे भी थे, जो साल के अंत तक बाहर नहीं निकल सके थे। राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 की धारा 2 के तहत कोई भी व्यक्ति, जो किसी सार्वजनिक स्थान पर या किसी भी ऐसे स्थान पर सार्वजनिक रूप से भारतीय राष्ट्रीय झंडे या उसके किसी भाग को जलाता है, विकृत करता है, विरूपित करता है, दूषित करता है, कुरूपित करता है, नष्ट करता है, कुचलता है या अन्यथा उसके प्रति अनादर प्रकट करता है या (मौखिक या लिखित शब्दों में, या कृत्यों द्वारा) अपमान करता है तो उसे तीन वर्ष तक के कारावास या जुर्माने से, या दोनों से दंडित किया जाएगा।