न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Sat, 27 Jun 2020 06:18 AM IST
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नौसेना के बेडे़ में शुक्रवार को स्वदेश निर्मित उन्नत टॉरपीडो डिकॉय सिस्टम मारीच को शामिल किया गया। यह युद्धपोतों के सभी मोर्चों से गोलाबारी करने में सक्षम है। इससे नौसेना की एंटी सबमरीन युद्धक क्षमता को बड़ी मजबूती मिली है। इस एंटी टॉरपीडो डिकॉय सिस्टम का डिजाइन और विकास डीआरडीओ की प्रयोगशालाओं एनएसटीएल और एनपीओएल में किया गया है।
सार्वजनिक क्षेत्र का रक्षा उपक्रम भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड इसके उत्पादन का कार्य करेगा। इस सिस्टम के प्रारूप (प्रोटोटाइप) को एक नामित नौसैनिक मंच पर स्थापित किया गया था जहां इसने सभी उपयोगकर्ता मूल्यांकन परीक्षणों को सफलतापूर्वक पूरा किया और नौसेना के लिए आवश्यक योग्यता के अनुसार अपनी विशेषताओं का प्रदर्शन किया।
टॉरपीडो डिकॉय सिस्टम का नौसेना के बेड़े में शामिल किया जाना न केवल रक्षा प्रौद्योगिकी के स्वदेशी विकास के लिए नौसेना और डीआरडीओ के संयुक्त संकल्प को दर्शाता है बल्कि सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल और नवीन प्रौद्योगिकी में ‘आत्मनिर्भर’ बनने के देश के संकल्प को भी एक बड़ा प्रोत्साहन है।
नौसेना के बेडे़ में शुक्रवार को स्वदेश निर्मित उन्नत टॉरपीडो डिकॉय सिस्टम मारीच को शामिल किया गया। यह युद्धपोतों के सभी मोर्चों से गोलाबारी करने में सक्षम है। इससे नौसेना की एंटी सबमरीन युद्धक क्षमता को बड़ी मजबूती मिली है। इस एंटी टॉरपीडो डिकॉय सिस्टम का डिजाइन और विकास डीआरडीओ की प्रयोगशालाओं एनएसटीएल और एनपीओएल में किया गया है।
सार्वजनिक क्षेत्र का रक्षा उपक्रम भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड इसके उत्पादन का कार्य करेगा। इस सिस्टम के प्रारूप (प्रोटोटाइप) को एक नामित नौसैनिक मंच पर स्थापित किया गया था जहां इसने सभी उपयोगकर्ता मूल्यांकन परीक्षणों को सफलतापूर्वक पूरा किया और नौसेना के लिए आवश्यक योग्यता के अनुसार अपनी विशेषताओं का प्रदर्शन किया।
टॉरपीडो डिकॉय सिस्टम का नौसेना के बेड़े में शामिल किया जाना न केवल रक्षा प्रौद्योगिकी के स्वदेशी विकास के लिए नौसेना और डीआरडीओ के संयुक्त संकल्प को दर्शाता है बल्कि सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल और नवीन प्रौद्योगिकी में ‘आत्मनिर्भर’ बनने के देश के संकल्प को भी एक बड़ा प्रोत्साहन है।