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Increased gap in Covishield doses Govt says Driven by science
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कोविशील्ड की दूसरी डोज में बढ़ा गैप: सरकार ने कहा यह 'विज्ञान द्वारा संचालित'
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: देव कश्यप
Updated Sun, 16 May 2021 07:16 AM IST
सार
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कोरोना टीकाकरण के बीच कोविशील्ड वैक्सीन की दूसरी खुराक के लिए सरकार ने बढ़ाया गैप, कहा- यह विशेषज्ञों के आकलन पर आधारित।
कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए पूरे देश में टीकाकरण अभियान चल रहा है। 1 मई से देश में 18 साल से ऊपर के लोगों के लिए भी टीकाकरण अभियान शुरू हो चुका है। इस बीच कई राज्यों में टीके की कमी देखी जा रही है। इसी बीच कोविशील्ड वैक्सीन की दूसरी डोज लगवाने में समयावधि में परिवर्तन किया गया है। 14 मई की मध्य रात्रि से कोविशील्ड की दूसरी डोज का समय बढ़ा दिया गया है।
इसे लेकर सरकार का कहना है कि यह प्रक्रिया वैज्ञानिकों की तरफ से संचालित की जा रही है। जबकि ब्रिटेन ने कोविशील्ड खुराक के बीच के अंतर को कम करने का फैसला किया है, केंद्र सरकार दो खुराकों के बीच के अंतर को बढ़ाने के अपने फैसले पर कायम है। केंद्र सरकार की ओर से कहा गया है कि यह विशेषज्ञों के आकलन पर आधारित है और इससे टीकों की कमी को लेकर कोई विवाद नहीं खड़ा किया जाना चाहिए।
नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा कि ब्रिटेन अपने यहां की स्थिति, म्यूटेंट और महामारी को देखते हुए कोविशील्ड की खुराक के बीच के अंतर को कम कर रही है, हमने इसे अपने जोखिम महामारी विज्ञान के अनुसार निर्धारित किया है। यह विज्ञान द्वारा संचालित है और यह एक गतिशील प्रक्रिया है। हम इस पर पूरी नजर रख रहे हैं। हमने विशेषज्ञों के आकलन के आधार पर ही यह निर्णय लिया है।
केंद्र सरकार का कहना है कि विशेषज्ञों का आकनल है कि कोविशील्ड वैक्सीन की पहली खुराक 60-85 फीसदी तक कोरोना संक्रमण (सामूहिक रूप से हल्के, मध्यम और गंभीर स्थिति के लिए ) से बचाव में प्रभावी है और कोरोना के प्रसार को भी रोकता है।
बता दें कि कोविशील्ड वैक्सीन की दो खुराकों के बीच जनवरी महीने में भारत में 28 दिनों का अंतर था जबकि इस टीके को विकसित करने वाली एस्ट्राजेनेका कंपनी ने 4-12 सप्ताह के अंतराल की सिफारिश कर चुका था। कोविशील्ड वैक्सीन का उत्पादन भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) द्वारा किया जा रहा है। कोविशील्ड वैक्सीन को ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका ने मिलकर तैयार किया है। यही वजह है कि इस वैक्सीन को ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन भी कहा जाता है।
वैक्सीन के दोनों डोज में अंतर
कोविशील्ड की दो डोज के बीच 12 हफ्ते का अंतर रखा गया है, वहीं दूसरे टीके कोवाक्सीन की दो डोज में 4 से 8 हफ्ते का अंतर रखा गया है। वहीं एसआईआई के मुख्य कार्यकारी अध्यक्ष अदार पुनावाला ने शनिवार को एक ट्वीट में कहा कि संस्थान भारतीय बाजार में प्राथमिकता से टीका उपलब्ध कराने की पूरी कोशिश कर रहा है।
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गौरतलब है कि भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट देश में दो प्रमुख वैक्सीन निर्माता कंपनी हैं। दोनों ने अबतक कई राज्यों को वैक्सीन की आपूर्ति की है और यह लगातार जारी है।
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