New Delhi: Chinese Foreign Minister Wang Yi arrives in India. He is likely to meet NSA Ajit Doval and EAM Dr S Jaishankar tomorrow. (Video: ANI)
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Prasar Bharati News Services (@pbns_india) 24 Mar 2022
भारत-चीन सीमा विवाद
यह दौरा इस मायने में भी अहम है कि हाल के समय में भारत-चीन के बीच लद्दाख सीमा विवाद और गलवान संघर्ष को लेकर विवाद रहा है। विवाद ने पिछले साल गंभीर स्थिति धारण कर ली थी और दोनों देशों ने बड़ी तादाद में सीमा पर सैनिकों की तैनाती कर दी।
इसे लेकर दोनों पक्षों में कमांडर स्तर की बातचीत भी हो रही है, लेकिन अभी तक सैनिकों की वापसी का मुद्दा हल नहीं हो पाया है। इस संबंध में अब तक दर्जनभर से ज्यादा दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया है।
ओआईसी बैठक में बयान को लेकर विवादों में आए वांग यी
वहीं, वांग यी इस्लामाबाद में हुए ओआईसी की बैठक में अपने बयान के लिए भी विवादों में हैं। ओआईसी बैठक के दौरान इस्लामाबाद में वांग ने कहा था कि कश्मीर पर हमने आज फिर से अपने कई इस्लामी दोस्तों की पुकार सुनी है। चीन भी यही उम्मीद साझा करता है।
इस पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने तीखी प्रतिक्रिया जताई थी। विदेश मंत्रालय ने कहा था, हम उद्घाटन समारोह में अपने भाषण के दौरान चीनी विदेश मंत्री वांग यी द्वारा भारत के लिए अनावश्यक संदर्भ को खारिज करते हैं। प्रवक्ता ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर से संबंधित मामले पूरी तरह से भारत के आंतरिक मामले हैं। चीन सहित अन्य देशों को टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है। उन्हें ध्यान देना चाहिए कि भारत उनके आंतरिक मुद्दों को लेकर ऐसा करने से परहेज करता है।
किसी बयान की आलोचना करते समय किसी विदेश मंत्री का नाम लेना काफी असामान्य माना जाता है और यह इस मामले पर भारत के सख्त रुख को दर्शाता है।
जयशंकर बोले- भारत में विदेश नीति के फैसले राष्ट्रीय हितों के अनुरूप लिए
वहीं, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत अपने सिद्धांतों पर स्पष्ट है। विदेश नीतियों के फैसले भारत में राष्ट्रीय हितों के अनुकूल लिए जाते हैं। यह हमारी सोच और विचारों से प्रदर्शित होते हैं। उन्होंने यूक्रेन की स्थिति को व्यापार से जोड़ने के सवाल को सिरे से नकार दिया। विदेश मंत्री कहा कि अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को राज्यों की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए। राज्यसभा में प्रश्न के उत्तर में लिखित जवाब को सदन पटल पर रखा गया है।