न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Wed, 28 Oct 2020 11:02 PM IST
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बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से पहले मुंगेर में हुई हिंसा में एक शख्स की मौत को लेकर पुलिस प्रशासन पर सवाल उठाए जा रहे हैं। वहीं प्रतिमा विसर्जन के दौरान कथित तौर पर हुई पुलिस फायरिंग को लेकर मुंगेर एसपी लिपि सिंह भी निशाने पर हैं। सोशल मीडिया पर लिपि सिंह ट्रेंड कर रही हैं और उनकी तुलना लोग जनरल डायर से कर रहे हैं। आइए बताते हैं कि कौन था जनरल डायर जिससे की जा रही है लिपि सिंह की तुलना -
जलियांवाला बाग हत्याकांड से तो आप सभी परिचित होंगे ही, जिसके दर्द को सौ साल बाद भी लोग भुला नहीं पाए हैं। जनरल डायर वह क्रूर अंग्रेज अफसर था, जिसने जलियांवाला बाग में निहत्थे भारतीयों पर गोली चलाने का आदेश दे दिया था। डायर का पूरा नाम कर्नल रेजिनाल्ड एडवर्ड हैरी डायर था।
डायर ने बिना चेतावनी के दिया गोलियां बरसाने का आदेश
13 अप्रैल, 1919 ब्रिटिश भारतीय इतिहास का सबसे काला दिन माना जाता है। इसी दिन अमृतसर के जलियांवाला बाग में रोलेट एक्ट के विरोध में हजारों लोग एकत्र हुए थे।अंग्रेज अफसर जनरल डायर ने जलियांवाले बाग के मुख्य द्वार को अपने सैनिकों और हथियारंबद वाहनों से रोक दिया था। इसके बाद डायर के आदेश पर उसके सैनिकों ने निहत्थी भीड़ पर बिना किसी चेतावनी के 10 मिनट तक बिना रुके गोलियां बरसाईं थीं। इस घटना में तकरीबन 1,000 लोगों की मौत हो गई, जबकि 1500 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। लेकिन ब्रिटिश सरकार मरने वाले लोगों की संख्या 379 और घायल लोगों की संख्या 1200 बताती है।
इतिहास में अमृतसर का कसाई के तौर पर दर्ज
डायर का जन्म भारत में ही हुआ था और उसके पिता शराब बनाने का काम करते थे। डायर को उर्दू और हिंदुस्तानी दोनों ही भाषाएं बहुत अच्छे से आती थीं। इतिहास में डायर का नाम अमृतसर के कसाई के तौर पर दर्ज है। उसकी मौत के 91 साल के बाद भी लोग उसे अमृतसर का कसाई ही बुलाते हैं।
क्या है पूरा मामला?
मुंगेर के दीनदयाल चौक के पास सोमवार देर रात प्रतिमा विसर्जन के दौरान पुलिस और लोगों के बीच झड़प हो गई। इसमें गोली लगने से एक शख्स की मौत हो गई और कई लोग घायल भी हो गए हैं। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें पुलिस लोगों पर बेरहमी से डंडे बरसाती दिख रही है। पुलिस ने सफाई में कहा कि असामाजिक तत्वों की ओर से पथराव और फायरिंग की गई, जिसमें कई पुलिसकर्मी जख्मी हो गए। इसके बाद से पुलिस ने हालात को संभालने के लिए कार्रवाई की। इसके बाद से लोग मुंगेर एसपी लिपि सिंह के निलंबन और उन पर कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं।
तेजस्वी ने जांच की मांग की
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने पुलिस प्रशासन की तुलना जनरल डायर से की और पूछा कि जनरल डायर बनने का आदेश किसने दिया। तेजस्वी यादव ने मुंगेर की घटना पर दुख जताया। साथ ही तेजस्वी ने कहा कि हाईकोर्ट की निगरानी में घटना की जांच कराई जाए। साथ ही एसपी लिपि सिंह को तुरंत हटाया जाए। वहीं कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने मुंगेर की घटना को नरसंहार करार दिया।
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से पहले मुंगेर में हुई हिंसा में एक शख्स की मौत को लेकर पुलिस प्रशासन पर सवाल उठाए जा रहे हैं। वहीं प्रतिमा विसर्जन के दौरान कथित तौर पर हुई पुलिस फायरिंग को लेकर मुंगेर एसपी लिपि सिंह भी निशाने पर हैं। सोशल मीडिया पर लिपि सिंह ट्रेंड कर रही हैं और उनकी तुलना लोग जनरल डायर से कर रहे हैं। आइए बताते हैं कि कौन था जनरल डायर जिससे की जा रही है लिपि सिंह की तुलना -
जलियांवाला बाग हत्याकांड से तो आप सभी परिचित होंगे ही, जिसके दर्द को सौ साल बाद भी लोग भुला नहीं पाए हैं। जनरल डायर वह क्रूर अंग्रेज अफसर था, जिसने जलियांवाला बाग में निहत्थे भारतीयों पर गोली चलाने का आदेश दे दिया था। डायर का पूरा नाम कर्नल रेजिनाल्ड एडवर्ड हैरी डायर था।
डायर ने बिना चेतावनी के दिया गोलियां बरसाने का आदेश
13 अप्रैल, 1919 ब्रिटिश भारतीय इतिहास का सबसे काला दिन माना जाता है। इसी दिन अमृतसर के जलियांवाला बाग में रोलेट एक्ट के विरोध में हजारों लोग एकत्र हुए थे।अंग्रेज अफसर जनरल डायर ने जलियांवाले बाग के मुख्य द्वार को अपने सैनिकों और हथियारंबद वाहनों से रोक दिया था। इसके बाद डायर के आदेश पर उसके सैनिकों ने निहत्थी भीड़ पर बिना किसी चेतावनी के 10 मिनट तक बिना रुके गोलियां बरसाईं थीं। इस घटना में तकरीबन 1,000 लोगों की मौत हो गई, जबकि 1500 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। लेकिन ब्रिटिश सरकार मरने वाले लोगों की संख्या 379 और घायल लोगों की संख्या 1200 बताती है।
इतिहास में अमृतसर का कसाई के तौर पर दर्ज
डायर का जन्म भारत में ही हुआ था और उसके पिता शराब बनाने का काम करते थे। डायर को उर्दू और हिंदुस्तानी दोनों ही भाषाएं बहुत अच्छे से आती थीं। इतिहास में डायर का नाम अमृतसर के कसाई के तौर पर दर्ज है। उसकी मौत के 91 साल के बाद भी लोग उसे अमृतसर का कसाई ही बुलाते हैं।
क्या है पूरा मामला?
मुंगेर के दीनदयाल चौक के पास सोमवार देर रात प्रतिमा विसर्जन के दौरान पुलिस और लोगों के बीच झड़प हो गई। इसमें गोली लगने से एक शख्स की मौत हो गई और कई लोग घायल भी हो गए हैं। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें पुलिस लोगों पर बेरहमी से डंडे बरसाती दिख रही है। पुलिस ने सफाई में कहा कि असामाजिक तत्वों की ओर से पथराव और फायरिंग की गई, जिसमें कई पुलिसकर्मी जख्मी हो गए। इसके बाद से पुलिस ने हालात को संभालने के लिए कार्रवाई की। इसके बाद से लोग मुंगेर एसपी लिपि सिंह के निलंबन और उन पर कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं।
तेजस्वी ने जांच की मांग की
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने पुलिस प्रशासन की तुलना जनरल डायर से की और पूछा कि जनरल डायर बनने का आदेश किसने दिया। तेजस्वी यादव ने मुंगेर की घटना पर दुख जताया। साथ ही तेजस्वी ने कहा कि हाईकोर्ट की निगरानी में घटना की जांच कराई जाए। साथ ही एसपी लिपि सिंह को तुरंत हटाया जाए। वहीं कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने मुंगेर की घटना को नरसंहार करार दिया।