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Politics: आखिर क्यों शिवसेना के लिए जरूरी है कांग्रेस का साथ? इस कदमताल से सधेंगे कई चुनाव

Ashish Tiwari आशीष तिवारी
Updated Sun, 22 Jan 2023 06:26 PM IST
सार

कांग्रेस ने अपनी भारत जोड़ो यात्रा के समापन पर देश के तमाम बड़े राजनीतिक दलों और नेताओं को आमंत्रित किया है। इस यात्रा में समापन से पहले ही जब शिवसेना के नेता संजय राउत ने कश्मीर में राहुल गांधी के साथ कदमताल की तो महाराष्ट्र की सियासत में चर्चाएं शुरू हो गई।

Bharat Jodo Yatra
Bharat Jodo Yatra - फोटो : संवाद

विस्तार

कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में शिवसेना की कश्मीर में हुई दोबारा एंट्री से महाराष्ट्र की सियासत में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। कांग्रेस के साथ मिलकर शिवसेना न सिर्फ आने वाले दिनों में होने वाले बीएमसी के चुनाव में खुद को मजबूत देख रही है, वहीं कांग्रेस भी शिवसेना के साथ मिलकर 2024 के लोकसभा चुनावों में मजबूत सियासत की नींव रख रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि शिवसेना के नेता कांग्रेस से लगातार मिलकर यह साबित करने की कोशिश कर रहे हैं कि वह अब भारतीय जनता पार्टी से किसी भी तरह मिलने वाले नहीं है। वहीं कांग्रेस की ओर से मिले आश्वासन से शिवसेना महाराष्ट्र में भाजपा से दो-दो हाथ करने के लिए तैयार है।



एक सप्ताह बाद राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा का समापन श्रीनगर में हो जाएगा। कांग्रेस ने अपनी भारत जोड़ो यात्रा के समापन पर देश के तमाम बड़े राजनीतिक दलों और नेताओं को आमंत्रित किया है। इस यात्रा में समापन से पहले ही जब शिवसेना के नेता संजय राउत ने कश्मीर में राहुल गांधी के साथ कदमताल की तो महाराष्ट्र की सियासत में चर्चाएं शुरू हो गई। महाराष्ट्र में बने महाविकास आघाडी से जुड़े एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि शिवसेना के लिए कांग्रेस का साथ फिलहाल बहुत जरूरी है। इसके पीछे की वजह बताते हुए वो कहते हैं कि शिवसेना के लिए मजबूत जमीन महाराष्ट्र में तभी तैयार हो सकती है, जब उसके साथ कुछ बड़े राजनैतिक संगठन जुड़े हो। इसके लिए कांग्रेस और एनसीपी जैसे राजनीतिक संगठन शिवसेना के लिए मजबूरी भी है और जरूरत भी है। यही वजह है कि जरूरत पड़ने पर शिवसेना कांग्रेस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी दिख रही है।


वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक हिमांशु शितोले कहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी से मनमुटाव होने के बाद महा विकास आघाड़ी और राज्य की छोटी-छोटी पार्टियों के साथ भी शिवसेना का गठबंधन जारी है। वो कहते हैं कि आने वाले लोकसभा चुनाव और उसके बाद विधानसभा के चुनावों से पहले शिवसेना को अपनी राजनीतिक जमीन बरकरार रखने के लिए यह बेहद जरूरी है। वो बताते हैं कि शिवसेना ने संभाजी ब्रिगेड, कामगार पार्टी और शिक्षक पार्टी समेत कई छोटे छोटे राजनीतिक दलों और बड़ी पार्टियों में एनसीपी और कांग्रेस के साथ अपनी मजबूती बनाई है। सियासी जानकारों का कहना है कि एकनाथ शिंदे और भारतीय जनता पार्टी के मजबूत गठबंधन के साथ शिवसेना जब तक किसी बड़े राजनीतिक दल के साथ अपना गठबंधन करके अपनी जमीन मजबूत नहीं बनाएगी तब तक उसके लिए बीएमसी के चुनाव भी बड़ी चुनौती जैसे लगेंगे। यही वजह है कि शिवसेना न सिर्फ कांग्रेस के साथ बल्कि महा विकास आघाड़ी को मजबूत करने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है।
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