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Assam commission urges govt clear encroached land of Vaishnavite monasteries
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Assam: वैष्णव मठ भूमि अतिक्रमण पर आयोग ने सौंपी रिपोर्ट, सीएम सरमा ने जरूरी कदम उठाने की कही बात
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, गुवाहाटी
Published by: गुलाम अहमद
Updated Sat, 03 Dec 2022 10:42 PM IST
सार
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Assam Vaishnavite Monasteries land encroachment: असम सरकार ने पिछले साल सतरा (वैष्णव मठ) की भूमि पर अतिक्रमण की समस्या के समाधान के लिए असम गण परिषद के विधायक प्रदीप हजारिका की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय आयोग का गठन किया था, इसमें भाजपा विधायक मृणाल सैकिया और रूपक सरमा सदस्य थे। आयोग का मुख्य उद्देश्य सतरा भूमि की समस्या की जांच करना और अतिक्रमण की गई भूमि की पहचान कर उचित समाधान की सिफारिश करना था।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, Assam CM, CM Himanata Biswa Sarma , Himanata Biswa Sarma
- फोटो : ANI
असम सरकार के आयोग ने राज्य में सतरों (वैष्णव मठों) की भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराने और इनकी सांस्कृतिक विरासत को बचाने के लिए कदम उठाने पर जोर दिया है। वैष्णव मठों की भूमि की समस्याओं की समीक्षा और आकलन के लिए असम राज्य आयोग ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा को सौंप दी है। आयोग ने 11 जिलों में स्थित 303 मठों का दौरा किया और उनके द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर अपनी रिपोर्ट तैयार की है।
आयोग की रिपोर्ट मिलने के बाद असम के मुख्यमंत्री सरमा ने शुक्रवार को कहा कि उनकी सरकार अतिक्रमण हटाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगी। राज्य में पहली बार मठों की भूमि को अतिक्रमण कराने की दिशा में ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि सरकार आयोग की रिपोर्ट के निष्कर्षों की समीक्षा करेगी क्योंकि राजस्व विभाग के प्रावधानों और नए कानूनों में बदलाव के कारण सतरा भूमि के स्वामित्व में कानूनी रूप से परिवर्तन हो सकता है।
सतरा की 1,898 हेक्टेयर भूमि पर अतिक्रमण
आयोग की अंतरिम रिपोर्ट के अनुसार, 33,265.7 बीघा (8,413.89 हेक्टेयर) भूमि मठों के कब्जे में है, जबकि 7,504.2 बीघा (1,898.04 हेक्टेयर) भूमि पर अतिक्रमण है। बारपेटा जिले में मठों की जमीन (5,545 बीघे) पर सबसे अधिक अतिक्रमण किया गया है.
बता दें, पिछले साल असम सरकार ने असम गण परिषद के विधायक प्रदीप हजारिका की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय आयोग का गठन किया था, इसमें भाजपा विधायक मृणाल सैकिया और रूपक सरमा सदस्य थे। आयोग का मुख्य उद्देश्य सतरा भूमि की समस्या की जांच करना और अतिक्रमण की गई भूमि की पहचान कर उचित समाधान की सिफारिश करना था।
सामाजिक सुधारक शंकरदेव ने की थी सतरा की स्थापना
असम में सतरा वैष्णववाद एक संस्था है, जिसकी स्थापना सामाजिक और धार्मिक सुधारक शंकरदेव ने की थी। शंकरदेव असमिया संस्कृति के जनक माने जाते हैं। सतरा, मठ के साथ साथ पारंपरिक प्रदर्शन कलाओं के केंद्र हैं। राज्य सरकार की एक वेबसाइट के अनुसार, 15वीं सदी में माजुली में पहला सतरा (मठ) स्थापित किया गया था।
आयोग ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट में दो भागों में सिफारिशों को पेश किए हैं, जिनमें से एक कुछ विशिष्ट सत्रों से संबंधित है और दूसरा सामान्य सुझावों से संबंधित है। रिपोर्ट में नागांव जिले में मठों को धार्मिक पर्यटन सर्किट के रूप में विकसित करने की सिफारिश की गई है। साथ ही आयोग ने सतरा भूमि को तत्काल अतिक्रमण मुक्त करने की सिफारिश की है। इसके अलावा बारपेटा, बारदोवा और माजुली में आवासीय सतरिया सांस्कृतिक शिक्षा केंद्र स्थापित करने का सुझाव दिया है।
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हिमंत ने असम आंदोलन कल्याण ट्रस्ट के लिए अतिरिक्त पांच करोड़ रुपये देने की घोषणा की
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार को असम आंदोलन कल्याण ट्रस्ट को पांच करोड़ रुपये अतिरिक्त देने की घोषणा की। ट्रस्ट का गठन पांच करोड़ रुपये के प्रारंभिक कोष के साथ किया गया था और मुख्यमंत्री की अतिरिक्त पांच करोड़ रुपये की घोषणा के साथ, इसके निपटान में कुल राशि 10 करोड़ रुपये होगी।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि भविष्य के कार्यों से संबंधित मामलों के साथ-साथ ट्रस्ट को मजबूत करने के लिए आवश्यक उपायों पर चर्चा करने के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक बैठक में इस आशय का निर्णय लिया गया। सरमा ने कहा कि राशि का उपयोग असम आंदोलन के शहीदों के परिवार के सदस्यों और आंदोलन के दौरान गंभीर रूप से घायल लोगों को विभिन्न राहत उपाय प्रदान करने के लिए किया जाएगा।
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