Hindi News
›
India News
›
amar ujala shabd samman sarod vadak ustad amjad ali khan sangeet sandhya live performance
{"_id":"63d7fd98fc678d04530ba344","slug":"amar-ujala-shabd-samman-sarod-vadak-ustad-amjad-ali-khan-sangeet-sandhya-live-performance-2023-01-30","type":"feature-story","status":"publish","title_hn":"Shabd Samman: जब उस्ताद अमजद अली खान ने सरोद के सुरों से शब्दों के सम्मान का मान बढ़ाया","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
Shabd Samman: जब उस्ताद अमजद अली खान ने सरोद के सुरों से शब्दों के सम्मान का मान बढ़ाया
प्रख्यात सरोद वादक उस्ताद अमजद अली खान अमर उजाला के 'शब्द सम्मान' समारोह में मुख्य अतिथि थे। साहित्यकारों को सम्मानित करने के बाद उन्होंने अपने दोनों बेटों के साथ सरोद वादन की प्रस्तुति दी।
रबाब। अफगानिस्तान-ईरान का लोकवाद्य। इस वाद्य का जब भारतीयकरण हुआ तो इसे सरोद कहा जाने लगा। मौजूदा दौर में हम जिस सरोद को सुनते हैं, उसका श्रेय जाता है सेनिया बंगश घराने को। इसी घराने के प्रख्यात सरोद वादक उस्ताद अमजद अली खान अपने दोनों शिष्य-सुपुत्रों अमान अली बंगश और अयान अली बंगश के साथ सोमवार को अमर उजाला फाउंडेशन के कार्यक्रम में मौजूद थे। मौका था अमर उजाला 'शब्द सम्मान' का।
सरोद के सुर और राग की रंजकता
सेनिया बंगश घराने के तीनों वादकों ने श्रोताओं का सरोद की अलहदा लयकारी और मीठी तंत्रकारी से परिचय कराया। प्रस्तुति का आरंभ अमान अली बंगश और अयान अली बंगश के वादन से हुआ। पहला राग था रागेश्वरी। यह रात का राग है। खमाज थाट के इस राग के आरोह-अवरोह से उन्होंने आगाज किया। अमान अली बंगश की सरोद से निकले सुर झपताल की 10 मात्राओं के साथ तार सप्तक तक की यात्रा कर रहे थे। उन्होंने सुरों की मधुरता को सरोद के नाद में पिरोया और राग की रंजकता को विस्तार दिया। फिर अयान अली बंगश ने भी इस विस्तार में अपने साज के सुर मिलाए। क्या आलाप, क्या जोड़, क्या गतकारी और क्या झाला, सबने श्रोताओं को मुग्ध कर दिया। तबले के साथ सरोद के सवाल-जवाब कानों में आनंद घोल रहे थे।
प्रख्यात सरोद वादक उस्ताद अमजद अली खान अमर उजाला के 'शब्द सम्मान' समारोह में मुख्य अतिथि थे।
- फोटो : Amar Ujala
'प्रधानमंत्री आएं, उनके हाथों से हो सुरों के यज्ञ की शुरुआत'
अमर उजाला के शब्द सम्मान अलंकरण 'आकाशदीप' और श्रेष्ठ कृति सम्मान 'छाप', 'थाप' और 'भाषाबंधु' से साहित्यकारों को उस्ताद अमजद अली खान के मुख्य आतिथ्य में ही सम्मानित किया गया। दोनों भाइयों की जोड़ी की प्रस्तुति के बाद वे मंच पर आए। ग्वालियर में जन्मे उस्ताद ने सरोद वादन की तालीम अपने पिता और गुरु उस्ताद हाफिज अली खान से ली थी। उन्होंने ग्वालियर में सरोद घर नाम से साजों का संग्रहालय स्थापित किया है। वे चाहते हैं कि वहां सुरों का एक यज्ञ हो, जिसका शुभारंभ करने स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आएं।
'वैष्णव जन तो तेने कहिए जे'
मंच पर आते ही उन्होंने महात्मा गांधी को याद किया। कहा कि सारी दुनिया में उनका अहिंसा का संदेश पहुंचा है और उनकी पुण्यतिथि पर वे उनके मनपसंद भजन के साथ उन्हें श्रद्धांजलि देना चाहते हैं। उन्होंने 'वैष्णव जन तो तेने कहिए जे' को सरोद के मीठे स्वरों पर उतारा। राग मिश्र खमाज में निबद्ध इस भजन की मूल रचना को बजाते वक्त उसके गायकी अंग का बखूबी ध्यान रखा।
मंच पर आते ही उस्ताद अमजद अली खान ने महात्मा गांधी को याद किया।
- फोटो : Amar Ujala
राग की धुन और तराने को पहले गाकर सुनाया
उस्ताद अमजद अली खान का सरोद वादन इसलिए अलग है क्योंकि वे उसे बाकी वादकों की तरह उंगली के पोर से नहीं बजाते, बल्कि उंगली के नख से उसके तार छेड़ते हैं। उन्होंने अपने सरोद वादन को आगे बढ़ाने से पहले एक धुन और एक तराना गाकर सुनाया। उन्होंने बताया कि एक धुन वे अक्सर गुनगुनाया करते थे। एक बार जब पुणे में गणेश उत्सव के लिए उन्हें प्रस्तुति देनी थी, तब उन्होंने इसी धुन पर आधारित राग गणेश कल्याण की रचना की। उनकी सरोद से निकले इस राग के सुर इतने भावपूर्ण थे, मानो श्रोता किसी गणेश उत्सव के ही साक्षी बन रहे हों। इसके बाद उन्होंने अमीर खुसरो साहब द्वारा रचित और तीन ताल में निबद्ध तराना "ता दा रे ता नी" छेड़ा।
इससे बेहतर शाम नहीं हो सकती थी...
समापन से पहले उस्ताद के साथ दोनों बेटों ने दोबारा सरोद वादन किया। इस बार राग था किरवाणी। तीनों का साज एक ही था, लेकिन सुर इस तरह से निकल रहे थे और सम पर लौट रहे थे, जैसे किसी नदी से निकलती अलग-अलग धाराएं दोबारा आपस में मिल रही हों। रात के इस राग की अनुभूति गहन-गंभीर थी। संगत दे रहे अणुव्रत चटर्जी और ईशान घोष के तबले से निकले स्पष्ट बोल जुगलबंदी को नया आयाम दे रहे थे। जिस दिल्ली की सुबह बारिश की बूंदों के साथ हुई थी, उसकी इससे बेहतर शाम नहीं हो सकती थी।
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
विज्ञापन
विज्ञापन
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।