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Morva Hadaf Assembly Seat: इस सीट पर निमिषाबेन ने खिलाया कमल, कांग्रेस उम्मीदवार नहीं बचा सके अपनी जमानत

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, अहमदाबाद Published by: शिवेंद्र तिवारी Updated Mon, 02 Jan 2023 09:23 AM IST
सार

Gujarat Election Result 2022: मोरवा हडफ विधानसभा सीट पर भाजपा भाजपा की निमिषाबेन मनहरसिंह सुथार ने आप के भाणाभाई मनसुखभाई डामोर को 48,877 वोटों से हरा दिया। भाजपा उम्मीदवार को 81,897 वोट जबकि आप को यहां 33,020 वोट मिले। 

Gujarat Election 2022: Morva Hadaf Assembly Seat Profile And History
भाजपा - फोटो : PTI

विस्तार

गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं। इस बार भारतीय जनता पार्टी ने नया रिकॉर्ड बना दिया है। 182 विधानसभा सीटों वाले गुजरात में भाजपा के 156 प्रत्याशी चुनाव जीत गए। कांग्रेस को सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा। कांग्रेस 77 सीटों से सीधे 17 पर आ गई। मतलब कांग्रेस को 60 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा। वहीं, इस बार सरकार बनाने का दावा करने वाली आम आदमी पार्टी के केवल पांच प्रत्याशी ही चुनाव जीत पाए। एक सीट पर सपा उम्मीदवार विजयी हुए तो बाकी तीन सीटें निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीतीं।

 
पंचमहल जिले की मोरवा हडफ विधानसभा सीट पर भाजपा भाजपा की निमिषाबेन मनहरसिंह सुथार ने आप के भाणाभाई मनसुखभाई डामोर को 48,877 वोटों से हरा दिया। भाजपा उम्मीदवार को 81,897 वोट जबकि आप को यहां 33,020 वोट मिले। तीसरे नंबर पर कांग्रेस रही। इसकी प्रत्याशी स्नेहलत्ताबेन गोविंदकुमार खांट को 22,184 वोट मिले जो कुल वोट का महज 15.68 फीसदी रहा। कांग्रेस व प्रजा विजय पक्ष के उम्मीदवार की जमानत जब्त हो गई। वहीं, नोटा को 2,574 वोट मिले। 


2017 में निर्दलीय को मिली थी जीत 
मोरवा हडफ सीट पर 2017 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी को जीत मिली थी। इस चुनाव में इस सीट से भाजपा ने विक्रम सिंह डिंडोर को अपना उम्मीदवार बनाया था। निर्दलीय प्रत्याशी भूपेंद्र सिंह कांट ने भाजपा के विक्रम सिंह डिंडोर को 4,366 वोटों से हराया था। यहां कुल तीन उम्मीदवार मैदान में थे। इन दोनों के अलावा बाकी बचे एक उम्मीदवार की जमानत जब्त हो गई थी। इसी तरह 2012 में इस सीट से कांग्रेस की सविताबेन कांट  को जीत मिली थी।
हालांकि, चुनाव नतीजे आने के बाद ही उनका निधन हो गया। इसके बाद हुए उपचुनाव में इस सीट पर निमिषाबेन सुथार को जीत मिली। 2017 के आम चुनाव में निमिषाबेन की जगह भाजपा ने विक्रम सिंह डिंडोर को टिकट दिया। डिंडोर यह चुनाव हार गए। हालांकि, 2021  में हुए उपचुनाव में एक बार फिर भाजपा ने निमिषाबेन को अपना उम्मीदवार बनाया। इस बार निमिषाबेन ने यह सीट फिर से भाजपा की झोली में डाल दी। 2022 के चुनाव में निमिषाबेन तीसरी बार मोवा हडफ सीट से विधायक चुनी गई हैं। 
पंचमहल लोकसभा के अंतरगत आने वाली मोरवा हडफ सीट 2008 में हुए परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई है। 2012 में यहां पहली बार चुनाव हुए हैं। मोरवा हडफ सीट से अब तक कोई भी विधायक पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर सका है। 

 
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