जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले सड़कों को अतिक्रमण मुक्त करने की योजना है। सोमवार से एमसीडी विशेष अभियान चलाएगी। 6 फरवरी से 15 दिन तक अतिक्रमण पर बुलडोजर चलेगा। इसके अलावा दीवारों, मेट्रो पिलर आदि पर चिपके पोस्टर, चौराहों पर लगे गैर जरूरी होर्डिंग हटेंगे, कूड़ा व मलबे की साफ-सफाई की जाएगी।
दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव की ओर से खाका तैयार कर एमसीडी को सौंपा गया है। एमसीडी के साथ पीडब्ल्यूडी, डीडीए और अन्य एजेंसियों का अभियान में पूरा सहयोग होगा। निगम का कहना है कि सड़कें किसी भी शहर के चरित्र को परिभाषित करती हैं। जी-20 में आने वाले गणमान्य अतिथियों के लिए सड़कों को और निखारने व साफ सुथरा बनाने के लिए यह निर्णय लिया गया है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य शहर की सड़कों को नया रूप देना है।
ओवरहेड केबल हटेंगी
ओवरहेड तार भी सड़कों पर बदसूरत व अस्तव्यस्त दिखती हैं, जहां भी संभव होगा इन्हें संबंधित एजेंसियों द्वारा हटाया जाएगा। एमसीडी ने हाल ही में महरौली इलाके में ओवरहेड तारें हटवाईं हैं। इसके अलावा बरसाती पानी की नालियों की प्राथमिकता के आधार पर सफाई कराई जाएगी और जहां मेनहोल कवर गायब हैं, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर बदला जाएगा। दिल्ली पुलिस की ओर से पहचाने गए ब्लैक स्पॉट पर रोशनी लगाई जाएगी।
अभियान के दौरान पुलिस संभालेगी यातायात व्यवस्था
अभियान के दौरान अन्य एजेंसियों से समन्वय से अस्थायी, स्थायी अतिक्रमण को हटाया जाएगा। यातायात और पैदल चलने वालों की आवाजाही को आसान बनाने के लिए दिल्ली यातायात पुलिस सहयोग करेगी। सड़कों से सभी प्रकार के कचरे, मलबे, पोस्टर, होर्डिंग को हटाया जाएगा।
दिल्ली सरकार ने तैयारी के लिए केंद्र से मांगे 927 करोड़
दिल्ली सरकार ने जी-20 बैठक की तैयारियों के लिए केंद्र से 927 करोड़ रुपये मांगे हैं। इसके लिए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखा है और तैयारियों को तेजी से पूरा करने के लिए फंड मांगा है। सिसोदिया ने कहा है कि ये भारत के लिए बहुत खुशी की बात है कि इस बार भारत जी-20 की बैठक की मेजबानी कर रहा है। दिल्ली वालों के लिए और भी खुशी की बात है कि इसकी अधिकतर महत्वपूर्ण गतिविधियां दिल्ली में ही होने जा रही हैं।
जी-20 की इस बैठक के आयोजन को सफल बनाने की दिशा में दिल्ली सरकार भारत सरकार का पूरा सहयोग करेगी। दिल्ली सरकार की कोशिश रहेगी कि जी-20 की बैठक के दौरान जो अंतरराष्ट्रीय मेहमान आएं, उनकी मेजबानी में कोई कमी न रहे। 21वीं सदी के भारत की राजधानी के रूप में वह दिल्ली से अविस्मरणीय यादें लेकर लौटें। इसी दिशा में दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों ने इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट से लेकर अनेक गतिविधियों और कार्यक्रमों के आयोजन की एक रूपरेखा बनाई है।