नई दिल्ली। किसान नेता वीएम सिंह किसान आंदोलन को नया स्वरूप देते हुए आगे बढ़ाएंगे। किसानों की लड़ाई जारी रखने के लिए उन्होेंने उत्तर प्रदेश किसान मजदूर मोर्चा (यूपीकेएमएम) का गठन कर इसके तले चलाए जाने वाले आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर ली है। उन्होंने कहा कि मोर्चा के उद्देश्य तीनों कानूनों को समाप्त कराना और सरकार से एमएसपी पर कानून बनवाना है।
प्रेस क्लब में मीडिया से बातचीत में वीएम सिंह ने कहा कि उन्होंने दिल्ली की सीमाओं पर जारी आंदोलन से खुद को अलग कर लिया है, लेकिन गांव-गांव जाकर किसानों को जागरूक करने का निर्णय लिया है। 26 जनवरी की घटना से पहले तक वह भी गाजीपुर बॉर्डर पर करीब दो महीने तक अनशन पर बैठे थे, जबकि उनके साथ बैठे लगभग 90 प्रतिशत गन्ना उत्पादक किसान थे, जिनका एमएसपी से कोई लेना देना नहीं था। इसी बीच किसान आंदोलन के अंदर राजनीतिक दलों और उनसे संबंध रखने वाले लोगों का प्रवेश शुरू हो गया। इसी कारण आंदोलन कमजोर पड़ने लगा था। उन्होंने कहा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अमरोहा व पूर्वी उत्तर प्रदेश के किसान नेताओं से लखनऊ में बात करने के बाद दिल्ली में 21 फरवरी को बैठक कर उत्तर प्रदेश किसान मजदूर मोर्चा का गठन किया है।
- उत्तर प्रदेश के हर गांव में सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक अनिश्चितकालीन क्रमिक अनशन किया जाएगा। दोपहर11 बजे 3 तक किसानों को कृषि कानूनों के बारे में जानकारी दी जाएगी। इसी के साथ हर अनशनकारी 2-2 मिनट का अपना परिचय देते हुए प्रधानमंत्री को अपना संदेश भेजेगा।
- हर रोज 5 नए किसान क्रमिक अनशन पर बैठेंगे। इससे एक माह में एक गांव से 150 परिवार अपनी आवाज पीएम तक पहुंचा पाएंगे। इस तरह पूरे प्रदेश में एक माह में लगभग एक करोड़ से ज्यादा किसान अपनी बात प्रधानमंत्री तक पहुंचा पाएंगे।
- अनशन एक ही मुद्दे पर होगा पर उसके तीन पहलू होंगे। पहला कृषि कानून वापस कराना, दूसरा एमएसपी पर खरीद गारंटी का कानून बनाना, तीसरा हर गांव से गेहूं का एक-एक दाना एमएसपी पर खरीदे जाने तक आंदोलन जारी रहेगा
- आंदोलन को सफल बनाने के लिए किसान खुद मुट्ठी बन्द हों इसलिए गांव के प्रत्येक घर से एक मुट्ठी अनाज लिया जाएगा। इससे सप्ताह में एक बार भंडारा किया जाएगा। इससे किसानों में भाईचारा व एकजुटता बढ़ेगी।
नई दिल्ली। किसान नेता वीएम सिंह किसान आंदोलन को नया स्वरूप देते हुए आगे बढ़ाएंगे। किसानों की लड़ाई जारी रखने के लिए उन्होेंने उत्तर प्रदेश किसान मजदूर मोर्चा (यूपीकेएमएम) का गठन कर इसके तले चलाए जाने वाले आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर ली है। उन्होंने कहा कि मोर्चा के उद्देश्य तीनों कानूनों को समाप्त कराना और सरकार से एमएसपी पर कानून बनवाना है।
प्रेस क्लब में मीडिया से बातचीत में वीएम सिंह ने कहा कि उन्होंने दिल्ली की सीमाओं पर जारी आंदोलन से खुद को अलग कर लिया है, लेकिन गांव-गांव जाकर किसानों को जागरूक करने का निर्णय लिया है। 26 जनवरी की घटना से पहले तक वह भी गाजीपुर बॉर्डर पर करीब दो महीने तक अनशन पर बैठे थे, जबकि उनके साथ बैठे लगभग 90 प्रतिशत गन्ना उत्पादक किसान थे, जिनका एमएसपी से कोई लेना देना नहीं था। इसी बीच किसान आंदोलन के अंदर राजनीतिक दलों और उनसे संबंध रखने वाले लोगों का प्रवेश शुरू हो गया। इसी कारण आंदोलन कमजोर पड़ने लगा था। उन्होंने कहा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अमरोहा व पूर्वी उत्तर प्रदेश के किसान नेताओं से लखनऊ में बात करने के बाद दिल्ली में 21 फरवरी को बैठक कर उत्तर प्रदेश किसान मजदूर मोर्चा का गठन किया है।
- उत्तर प्रदेश के हर गांव में सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक अनिश्चितकालीन क्रमिक अनशन किया जाएगा। दोपहर11 बजे 3 तक किसानों को कृषि कानूनों के बारे में जानकारी दी जाएगी। इसी के साथ हर अनशनकारी 2-2 मिनट का अपना परिचय देते हुए प्रधानमंत्री को अपना संदेश भेजेगा।
- हर रोज 5 नए किसान क्रमिक अनशन पर बैठेंगे। इससे एक माह में एक गांव से 150 परिवार अपनी आवाज पीएम तक पहुंचा पाएंगे। इस तरह पूरे प्रदेश में एक माह में लगभग एक करोड़ से ज्यादा किसान अपनी बात प्रधानमंत्री तक पहुंचा पाएंगे।
- अनशन एक ही मुद्दे पर होगा पर उसके तीन पहलू होंगे। पहला कृषि कानून वापस कराना, दूसरा एमएसपी पर खरीद गारंटी का कानून बनाना, तीसरा हर गांव से गेहूं का एक-एक दाना एमएसपी पर खरीदे जाने तक आंदोलन जारी रहेगा
- आंदोलन को सफल बनाने के लिए किसान खुद मुट्ठी बन्द हों इसलिए गांव के प्रत्येक घर से एक मुट्ठी अनाज लिया जाएगा। इससे सप्ताह में एक बार भंडारा किया जाएगा। इससे किसानों में भाईचारा व एकजुटता बढ़ेगी।