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उपलब्धि: दिल्ली मेट्रो की पिंक लाइन पर ड्राइवरलेस ट्रेन परिचालन का उद्घाटन, भारत दुनिया के चुनिंदा देशों में शामिल

अमर उजाला, न्यूज डेस्क, नई दिल्ली Published by: अनुराग सक्सेना Updated Thu, 25 Nov 2021 03:06 PM IST
सार

पिंक लाइन की कुल लंबाई 58.43 किलोमीटर है। इसके दायरे में 38 स्टेशन हैं। इनमें 26 एलिवेटेड जबकि 12 भूमिगत स्टेशन हैं। मार्च 2018 से अगस्त 2021 के दौरान पांच चरणों में पिंक लाइन कॉरिडोर पर टुकड़ों में अलग-अलग सेक्शन पर मेट्रो सेवाएं शुरू हुईं।

Achievement: Inauguration of driverless train operation of Pink Line, India among selected countries of the world
डीएमआरसी की पिंक लाइन पर ड्राइवरलेस सेवा का शुभारंभ किया गया - फोटो : DMRC

विस्तार
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दिल्ली मेट्रो की पिंक लाइन पर बृहस्पतिवार से चालक चालक रहित ट्रेन संचालन (डीटीओ)की शुरुआत हुई। 59 किलोमीटर लंबे इस कॉरिडोर पर अत्याधुनिक तकनीक से संचालित ड्राइवरलेस मेट्रो को केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी और दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये उदघाटन किया। पिंक लाइन पर ड्राइवरलेस नेटवर्क के विस्तार के बाद दिल्ली मेट्रो दुनिया में चौथे स्थान पर काबिज हो गई है। दुनिया के शीर्ष तीन शहरों में सिंगापुर(पहले), शंघाई (दूसरे) और कुआलालंपुर (तीसरे) के बाद दिल्ली मेट्रो का नाम चौथे स्थान पर है।



मजलिस पार्क से शिव विहार के बीच 38 स्टेशनों के बीच अब ड्राइवरलेस मेट्रो में यात्रियों को सफर का मौका मिल गया है। इससे पहले दिसंबर, 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मजेंटा लाइन पर ड्राइवरलेस मेट्रो का का शुभारंभ किया था। नेटवर्क विस्तार के बाद दिल्ली मेट्रो का 97 किलोमीटर ड्राइवरलेस हो गया है। पिंक लाइन और मजेंटा लाइन के बाद दिल्ली मेट्रो फेज-4 परियोजना के 160 किलोमीटर के दायरे में ड्राइवरलेस मेट्रो का परिचालन होगा। 


दिल्ली मेट्रो की दुनिया के सर्वेश्रेष्ठ देशों से की जा सकती है तुलना: पुरी
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि 2025 तक मेट्रो का विस्तार 25 शहरों में किया जाएगा। पुरी ने कहा कि दिसंबर 2020 कोविड-19 महामारी की पहली लहर के बाद दिसंबर, 2020 में दिल्ली मेट्रो की मजेंटा लाइन पर ड्राइवरलेस मेट्रो का परिचालन शुरू किया गया। इसके महज 11 महीनों में डीएमआरसी की दूसरी लाइन को भी चालक रहित कर दिया गया। इसके लिए मंत्री ने डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक डॉ. मंगू सिंह सहित डीमआरसी के पूरे परिवार को श्रेय देते हुए बधाई दी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मैंने अपने 39 साल के कार्यकाल में न्यूयॉर्क, लंदन और टोक्यो में सेवाएं की है। मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि दिल्ली मेट्रो की तुलना दुनिया के सर्वेश्रेष्ठ देशों से की जा सकती है। 

मेट्रो की फिर बढ़ेगी राइडरशिप, कुआलालंपुर से महज आधे किलोमीटर कम है दिल्ली मेट्रो 

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कुआलालंपुर के बाद दिल्ली मेट्रो का विश्व में चौथे स्थान पर है। दिल्ली मेट्रो का ड्राइवरलेस मेट्रो 97 किमी से थोड़ा अधिक है और यह मलेशिया की राजधानी से महज आधे किलोमीटर कम है। दिल्ली मेट्रो न केवल देश का गौरव बल्कि स्वचालित प्रणाली के मामले में भी अग्रणी है। दिल्ली मेट्रो में कोविड से पहले रोजाना करीब 65 लाख यात्राएं हो रही थी। अब 100 प्रतिशत बैठने की क्षमता के बाद प्रत्येक कोच में 30 यात्रियों के खड़े होकर सफर की इजाजत मिलने के बाद यात्रियों की संख्या में फिर बढ़ोतरी होगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि फिलहाल देश के 18 शहरों में 723 किमी के दायरे में मेट्रो नेटवर्क है। अलग अलग शहरों में 1,000 किमी से अधिक पर मेट्रो का निर्माण चल रहा है। अभी भी छह नए प्रस्तावों पर विचार किया जा रहा है।

मानवीय हस्तक्षेप होगा कम, खामियों की गुंजाइश भी
हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि डीटीओ ट्रेन संचालन में सेवाओं में लचीलापन आएगा। मानवीय हस्तक्षेप के साथ त्रुटियां भी कम होंगी और कोच में अधिक जगह भी उपलब्ध होने से यात्रियों को सहूलियत मिलेगी। डीएमआरसी के मुताबिक इन ट्रेनों के परिचालन से पहले होने वाली जांच की प्रक्रिया खत्म हो जाएगी। मेट्रो पूरी तरह स्वचालित होगी, इससे ट्रेन ऑपरेटरों का बोझ भी कम होगा। इतना ही नहीं, रात के वक्त सेवाएं खत्म होने के बाद मेट्रो खुद ब खुद डिपो तक भी पहुंचेगी। यह प्रक्रिया पूरी तरह मानवरहित होगा। मजेंटा लाइन (जनकपुरी पश्चिम से बॉटेनिकल गार्डन) के बीच चालक रहित मेट्रो के संचालन में भी काफी बदलाव आया है। पिंक लाइन पर भी शुरुआत में यात्रियों और ट्रेन संचालकों में विश्वास और सहायता के लिए ट्रेन ऑपरेटर मौजूद रहेंगे। धीरे धीरे पूरी लाइन की केवल ड्राइवरलेस मेट्रो का ही परिचालन होगा। इससे ट्रेनों की फ्रिक्वेंसी भी जरूरत के मुताबिक बदली जा सकती है। इस तकनीक से फ्रिक्वेंसी 90 सेंकेंड तक की जा सकती है।
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