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Uttarakhand Rain and Floods: काल बनकर बरसे बादल, अब तक 42 लोगों की मौत, मृतकों के परिजनों को मिलेगी चार लाख की मदद
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, देहरादून
Published by: अलका त्यागी
Updated Wed, 20 Oct 2021 12:47 AM IST
नैनीताल जिले में 29 की जान गई, अल्मोड़ा में एक ही परिवार के तीन लोगों समेत छह मरे। कई लोगों के लापता होने की आशंका, नदियां उफान पर, चंपावत जिले में चार लोगों की मौत।
उत्तराखंड में बारिश का कहर
- फोटो : अमर उजाला
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उत्तराखंड के कुमाऊं में सोमवार और मंगलवार को बेमौसम बादल काल बनकर बरसे। भूस्खलन, मकान ढहने, पानी में करंट आदि कारणों से 42 लोगों की मौत हो गई, जबकि कुछ लोग लापता हैं। नैनीताल में 29, अल्मोड़ा में 6, चंपावत में 4, पिथौरागढ़, बागेश्वर और ऊधमसिंह नगर में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई। आधिकारिक आंकड़ों में मृतकों की संख्या हालांकि 35 बताई गई है।
प्रदेश में दो दिनों की बारिश से आई आपदा में मृतकों की कुल संख्या 48 पहुंच गई है। उधर, गढ़वाल में मंगलवार को किसी की मौत की खबर नहीं है। सोमवार को यहां तीन मौतों की सूचना थी। गढ़वाल में मौसम साफ होने से बंद मार्गों को खोलकर चारधाम यात्रियों व अन्य फंसे लोगों को निकालने का काम दिन भर चलता रहा।
कुमाऊं में प्रलयंकारी बारिश ने सोमवार रात और मंगलवार को भारी तबाही मचाई। नैनीताल जिले में सबसे अधिक 29 लोगों की मौत हुई है। इनमें तोषापानी (धारी तहसील) में पांच, चौकुटा में छह, सकूना (रामगढ़) में नौ, कैंची में दो, बोहराकोट (रामगढ़) में दो, क्वारब में दो और रामगढ़ में एक और नैनीताल में एक व्यक्ति की मौत हो गई।
अल्मोड़ा जिले में आपदा की भेंट चढ़े छह लोगों में तीन लोग रापड़ गांव के एक ही परिवार के थे। इनकी पहचान अमर उजाला के पूर्व पत्रकार आनंद नेगी और उनके परिवार के दो अन्य सदस्यों के रूप में हुई है। चितई की एक महिला और अल्मोड़ा के एनटीडी क्षेत्र की एक युवती की भी मलबे में दबने से मौत हो गई। स्याल्दे में भी एक महिला की मलबे में दबने से मृत्यु हुई है। चंपावत के तेलवाड़ में भूस्खलन की चपेट में आने तीन और पाटी में एक महिला की जान चली गई।
पिथौरागढ़ जिले के गंगोलीहाट में पहाड़ी से गिरे पत्थर की चपेट में आने से बिहार निवासी एक मजदूर की मौत हो गई जबकि दो घायल हो गए। रुद्रपुर (ऊधमसिंह नगर) में रामपुर के विधायक कमलेश शुक्ला की पुत्रवधू की बारिश के दौरान करंट लगने से मौत हो गई। वहीं, बाजपुर में सोमवार को बहे किसान का शव बरामद कर लिया गया है।
मृतकों के परिजनों को मिलेगी चार लाख की मदद
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मंगलवार शाम रुद्रपुर क्षेत्र में जलभराव से हुए नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने प्रभावितों को हरसंभव मदद का भरोसा दिया। कहा कि प्रदेश में बड़ी आपदा आई है, जिसमें जनहानि के साथ ही पशु हानि भी हुई है। आपदा में जान गंवाने वालों के परिजनों को चार लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी।
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पीएम नरेंद्र मोदी ने जताया शोक
वहीं, पीएम नरेंद्र मोदी ने प्रदेश में आपदा के दौरान जान गंवाने वाले लोगों की मौत पर शोक व्यक्त किया।
यात्रियों को निकालने में जुटे हैं : धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आपदा में भारी नुकसान हो गया। मैं आपदा वाले इलाकों का दौरा कर रहा हूं। सरकार प्रभावितों की हर संभव सहायता कर रही है। जहां कुछ यात्री फंसे हैं, उन्हें सुरक्षित निकालने का प्रयास कर रहे हैं। सभी रास्ते खोलने के निर्देश दिए गए हैं। प्रधानमंत्री भी हादसे को लेकर चिंतित हैं। वायुसेना से तीन हेलिकॉप्टरों की मांग की थी। वे भी आ गए हैं। जानमाल की काफी क्षति हुई है।
कुमाऊं में 89 सड़कें बंद
नैनीताल जिले में 15, पिथौरागढ़ जिले में 28, चंपावत में 14, अल्मोड़ा में 22, बागेश्वर में 10 सड़कें बंद हैं।
खतरे के निशान से ऊपर बह रही कोसी नदी
कोसी नदी में पानी बढ़ने से रामनगर के गर्जिया मंदिर को खतरा पैदा हो गया। पानी मंदिर की सीढ़ियों तक पहुंच गया है। वहीं बैराज के सभी फाटक खोल दिए गए हैं। कोसी बैराज पर कोसी नदी का जलस्तर 139000 क्यूसेक है। जो खतरे के निशान से काफी ऊपर है। कोसी बैराज में खतरे का निशान 80000 क्यूसेक है।
उधर, हल्द्वानी में गोला नदी उफान पर आने से नदी पर बना अप्रोच पुल टूट गया। जिसके कारण वहां आवाजाही बंद हो गई है। टनकपुर में शारदा नदी के उफान से क्रशर मार्ग ने नाले का रूप ले लिया है। मंगलवार की सुबह गोला नदी का जलस्तर 90 हजार क्यूसेक पार हो गया। जिससे अप्रोच पुल टूट गया। सूचना पर प्रशासन और एनएचएआई के अधिकारियों ने सड़क का जायजा लिया। नदी का जलस्तर बढ़ने से गोला बैराज को खतरा पैदा हो गया है। बारिश के कारण नाला भी उफान पर आ गया जिससे नाले के किनारे बना एक मकान बह गया।
केदारघाटी में बर्फबारी
केदारनाथ में बारिश के साथ ऊपरी पहाड़ियों पर बर्फबारी हो रही है। वहीं, यमुनोत्रीधाम सहित यमुना घाटी की पहाडियां कोहरे से ढकी हुई हैं। उधर, राजधानी देहरादून समेत पहाड़ों की रानी मसूरी मे चटक धूप खिली है।
रेलवे ट्रैक बहा
गोला नदी के तेज बहाव के कारण हुए भू- कटाव के चलते काठगोदाम में रेलवे ट्रेक क्षतिग्रस्त हो गया। बारिश के बाद उत्तराखंड आने वाली कई ट्रेनें निरस्त की गई हैं। वहीं, कई ट्रेनों को शार्ट टर्मिनेट किया गया है। सूचना के लिए पूर्वोत्तर रेलवे इज्जतनगर मंडल के मुख्य स्टेशनों पर हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं।
काठगोदाम- 9368702980
हल्द्वानी - 9368702979
रुद्रपुर - 9368702984
नैनीताल में सड़कों पर आया झील का पानी
उधर, नैनीताल में भारी बारिश से कई जगह पानी भर गया है। वहीं, तल्लीताल चौराहे में (डांठ) में लगभग दो इंच की दरार पड़ गई। सूचना मिलते ही एसडीएम और सीओ मौके पर पहुंच गए। कैंट रोड में पानी का बहाव बहुत तेज होने के कारण दुकानों के अंदर फंसे लोगों को सेना के जवानों ने रेस्क्यू कर निकाला।
रामनगर में रिजॉर्ट में घुसा पानी, 100 लोग फंसे
नदी के ओवरफ्लो होने से कोसी नदी का पानी रामनगर-रानीखेत मार्ग स्थित लेमन ट्री रिजॉर्ट में घुस गया था। डीजीपी अशोक कुमार के मुताबिक इस दौरान लगभग 100 लोग फंस गए थे। वे सभी सुरक्षित हैं।
हरिद्वार में खतरे के निशान पर पहुंची गंगा
पहाड़ों की बारिश के बाद हरिद्वार में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। सुबह साढ़े आठ बजे से पानी के जलस्तर में बढ़ोतरी हुई है। जिसके बाद से प्रशासन अलर्ट मोड पर है। बैराज के खतरे का निशान 294 मीटर पर है। उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के एसडीओ शिवकुमार कौशिक ने बताया कि रात 12:00 बजे के बाद टिहरी बांध व श्रीगंगानगर से पानी छोड़े जाने से गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। जिससे क्षेत्र में अलर्ट जारी किया गया है
ऋषिकेश में त्रिवेणी घाट का आरती स्थल डूबा
ऋषिकेश में गंगा खतरे के निशान से महज 20 सेंटीमीटर नीचे बह रही है। त्रिवेणी घाट के आरती स्थल समेत विभिन्न गंगा घाट जलमग्न हो गए हैं। प्रशासन तटीय क्षेत्रों में रह रहे लोगों को आश्रय स्थलों में शिफ्ट कर रहा है। ऋषिकेश में गंगा का जलस्तर 340.30 मीटर पर पहुंच गया है। गंगा चेतावनी निशान 340.50 मीटर के बिल्कुल करीब पहुंच गई है। केंद्रीय जल आयोग ने मैदानी जिलों के प्रशासन अलर्ट कर दिया है। पुलिस गंगा के तटीय क्षेत्र में रहने वाले लोगों लगातार अलर्ट कर रही है। वहीं चंद्रेश्वर नगर, मायाकुंड, चंद्रभागा के आसपास रहने वाले लोगों को शिफ्ट किया जा रहा है। त्रिवेणी घाट का आरती स्थल, परमार्थ घाट, नाव घाट, शत्रुघ्न घाट आदि घाट पानी में डूब गए हैं।
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