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वन कर्मियों को फूलों की घाटी में हिम तेंदुआ होने के संकेत मिले हैं। इसको लेकर विभागीय कर्मचारी उत्साहित हैं क्योंकि चार साल पहले यहां हिम तेंदुआ दिखा था, उसके बाद अब फिर हिम तेंदुआ होने की बात कही जा रही है।
हालांकि वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह मात्र चिह्न हैं, वास्तविकता बर्फ पिघलने के बाद क्षेत्र में लगाए गए ट्रैप कैमरों को देखने के बाद ही पता चल पाएगी। इन दिनों फूलों की घाटी रेंज के वन कर्मी घाटी में गश्त कर रहे हैं। गश्ती दल को बर्फ में कुछ पदचिह्न मिले हैं, जिन्हें हिम तेंदुए के चिह्न माना जा रहा है।
इसकी सूचना वन कर्मियों ने रेंज कार्यालय को दी। दरअसल हिम तेंदुआ अत्यधिक बर्फीले वाले स्थानों पर रहता है जिसके चलते इसे देख पाना आसान नहीं होता है। यह दुलर्भ वन्य जीवों की श्रेणी में आता है। फूलों की घाटी रेंज के रेंजर बृजमोहन भारती का कहना है कि फूलों की घाटी में चार साल बाद हिम तेंदुआ दिखने के संकेत मिले हैं।
क्षेत्र में छह ट्रैप कैमरा लगाए गए हैं। बर्फ पिघलने के बाद कैमरों को देखने के बाद इसकी पुष्टि की जाएगी। फूलों की घाटी की तुलना में नंदादेवी पार्क में हिम तेंदुए अधिक पाए जाते हैं। यहां भी ट्रैप कैमरे उतारने के बाद तस्वीर साफ हो पाएगी।
वन कर्मियों को फूलों की घाटी में हिम तेंदुआ होने के संकेत मिले हैं। इसको लेकर विभागीय कर्मचारी उत्साहित हैं क्योंकि चार साल पहले यहां हिम तेंदुआ दिखा था, उसके बाद अब फिर हिम तेंदुआ होने की बात कही जा रही है।
हालांकि वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह मात्र चिह्न हैं, वास्तविकता बर्फ पिघलने के बाद क्षेत्र में लगाए गए ट्रैप कैमरों को देखने के बाद ही पता चल पाएगी। इन दिनों फूलों की घाटी रेंज के वन कर्मी घाटी में गश्त कर रहे हैं। गश्ती दल को बर्फ में कुछ पदचिह्न मिले हैं, जिन्हें हिम तेंदुए के चिह्न माना जा रहा है।
क्षेत्र में छह ट्रैप कैमरा लगाए गए हैं
इसकी सूचना वन कर्मियों ने रेंज कार्यालय को दी। दरअसल हिम तेंदुआ अत्यधिक बर्फीले वाले स्थानों पर रहता है जिसके चलते इसे देख पाना आसान नहीं होता है। यह दुलर्भ वन्य जीवों की श्रेणी में आता है। फूलों की घाटी रेंज के रेंजर बृजमोहन भारती का कहना है कि फूलों की घाटी में चार साल बाद हिम तेंदुआ दिखने के संकेत मिले हैं।
क्षेत्र में छह ट्रैप कैमरा लगाए गए हैं। बर्फ पिघलने के बाद कैमरों को देखने के बाद इसकी पुष्टि की जाएगी। फूलों की घाटी की तुलना में नंदादेवी पार्क में हिम तेंदुए अधिक पाए जाते हैं। यहां भी ट्रैप कैमरे उतारने के बाद तस्वीर साफ हो पाएगी।