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Uttarakhand Cabinet: सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट लगाने वालों को मिलेगी सरकारी राहत, नई नीति से मिलेंगे ये फायदे

अमर उजाला ब्यूरो, भराड़ीसैंण Published by: अलका त्यागी Updated Mon, 13 Mar 2023 09:40 PM IST
सार

नई नीति के तहत निजी उपयोग या तीसरे पक्ष की बिक्री के लिए सरकारी या निजी भूमि पर भी सौर ऊर्जा की परियोजनाएं लगाई जा सकेंगी।

सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट
सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट - फोटो : प्रतीकात्मक तस्वीर

विस्तार

उत्तराखंड में सौर ऊर्जा के प्रोजेक्ट लगाने वालों को राज्य सरकार बड़े पैमाने पर छूट देने जा रही है। नई सौर ऊर्जा नीति पर सोमवार को कैबिनेट की मुहर लग गई, जिसमें यह तमाम राहत दी गई है। उत्तराखंड राज्य सौर ऊर्जा नीति 2023 में सरकार ने यह अपेक्षा जताई है कि दिसंबर 2027 तक प्रदेश में 2500 मेगावाट बिजली का उत्पादन इस प्रोजेक्ट से होगा। इनसे सौर ऊर्जा के क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। ग्रामीणों की आजीविका के अवसर भी बढ़ेंगे।



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निजी-सरकारी भूमि पर लग सकेंगे सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट
नई नीति के तहत निजी उपयोग या तीसरे पक्ष की बिक्री के लिए सरकारी या निजी भूमि पर भी सौर ऊर्जा की परियोजनाएं लगाई जा सकेंगी। यूपीसीएल के स्तर से राज्य के बाहर भी सौर ऊर्जा की परियोजनाएं लगाई जा सकेंगी। यह प्रावधान इसलिए किया गया है क्योंकि यूपीसीएल को अपनी खरीदी जाने वाली बिजली का एक निश्चित प्रतिशत सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट से खरीदना अनिवार्य है।

स्थानीय युवाओं को 70 प्रतिशत रोजगार
नई पॉलिसी में स्थानीय युवाओं के रोजगार की भी गारंटी दी गई है। इसमें कहा गया है कि जो भी सरकारी भूमि को लीज पर लेकर अपना सोलर प्रोजेक्ट लगाएगा, उसे 70 प्रतिशत स्थानीय युवाओं को रोजगार देना होगा। उरेडा अपने टेंडर में इस शर्त को जारी करेगा।

सौर ऊर्जा इस्तेमाल करने वालों के लिए ग्रीन टैरिफ
पॉलिसी में यह प्रावधान किया गया है कि यूपीसीएल सौर ऊर्जा का एक ग्रीन टैरिफ प्रस्ताव तैयार करेगा, जो कि नियामक आयोग को भेजा जाएगा। नियामक आयोग उपभोक्ताओं के लिए ग्रीन टैरिफ चुनने का विकल्प दे सकता है। वहीं, पीक आवर्स में ग्रिड में सौर ऊर्जा देने वालों को फीड इन टैरिफ से प्रोत्साहित कर सकता है। आसान पहुंच व निगरानी के लिए वर्चुअल नेट मीटरिंग (वीएनएम) और ग्रुप नेट मीटरिंग (जीएनएम) का इस्तेमाल किया जा सकता है।

उरेडा को बनाना होगा लैंड बैंक
नई पॉलिसी में उरेडा की जिम्मेदारियां भी बढ़ाई गई हैं। इसके तहत उरेडा को एक सोलर पॉलिसी सेल की स्थापना करनी होगी, जिसके तहत सिंगल विंडो के माध्यम से सोलर प्रोजेक्ट को पास किया जाएगा। उरेडा को लैंडबैंक बनाना होगा। सभी सरकारी जमीनें और भवनों की सूची बनानी होगी, जहां सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट लग सकते हैं। इसी प्रकार, ऐसी निजी भूमि भी चिन्ह्ति करनी होंगी, जिन पर कोई प्राइवेट व्यक्ति लीज पर अपना प्रोजेक्ट लगा सके।

नई नीति से यह मिलेंगे फायदे
- सिंगल विंडो पोर्टल के माध्यम से सौर ऊर्जा के प्रोजेक्ट लगेंगे।
- लैंड यूज परिवर्तन शुल्क, न्यायालय शुल्क, पंजीकरण, भूमि उपयोग अनुमोदन, बाहरी विकास शुल्क, जांच शुल्क और बुनियादी ढांचा विकास शुल्क में छूट मिलेगी।
- जो भी प्रोजेक्ट लगेगा, यूपीसीएल को अनिवार्य तौर पर उससे बिजली खरीदनी होगी। इससे निवेशकों का जोखिम कम होगा।
- फीड इन टैरिफ के माध्यम से अतिरिक्त बिजली उत्पादन करने वाले उपभोक्ताओं को मुआवजा मिलेगा। वहीं, दीनदयाल उपाध्याय होम स्टे विकास एवं स्वरोजगार योजना को भी इससे लाभ पहुंचेगा।
- अपने उपयोग के लिए और सामूहिक उपयोग के लिए निर्बाध अभिगम और एसजीएसटी व बिजली शुल्क में छूट मिलेगी।
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