न्यूज डेस्क, अमर उजाला, देवप्रयाग/ जोशीमठ
Updated Wed, 03 Jun 2020 10:55 PM IST
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चार धाम तीर्थपुरोहित हक हकूककधारी महापंचायत ने चार धाम यात्रा शुरू किए जाने का विरोध किया है। महापंचायत ने सरकार से चार धाम यात्रा शुरू किए जाने के फैसले पर पुनर्विचार की मांग की है।
हकूकधारियों का कहना है कि सरकार पहले चार धाम और अन्य प्रमुख तीर्थ स्थलों पर कोरोना संक्रमण से बचाव का पुख्ता इंतजाम करे, उसके बाद ही यात्रा शुरू की जाए। उन्होंने इस मामले में सरकार से जल्दबाजी न किए जाने की बात कही। महापंचायत के अध्यक्ष कृष्णकांत कोटियाल ने प्रेस को जारी बयान में कहा कि स्थानीय लोगों को धाम जाने की इजाजत दिया जाना ठीक है, लेकिन अब प्रदेश में बड़ी संख्या में प्रवासी आए हैं। इनकी वजह से कोरोना संक्रमण की आशंका बढ़ गई है।
महापंचायत के उपाध्यक्ष विनोद शुक्ला ने सरकार से पहले तीर्थ पुरोहितों और हकूकधारियों को चार धाम जाने की अनुमति दिए जाने की मांग की। महामंत्री हरीश डिमरी और कोषाध्यक्ष लक्ष्मीनारायण जुगलान ने कहा कि सरकार को चार धाम यात्रा शुरू करने से पहले कोरोना संक्रमण रोकने पर विचार करना चाहिए। महापंचायत संयोजक सुरेश सेमवाल, कुबेरनाथ पोस्ती, जगमोहन उनियाल और जमुनाप्रसाद रैवानी ने चार धाम यात्रा की शुरुआत से पहले सरकार से तीर्थ पुरोहितों, हकूकधारियों और व्यावसायियों से बात किए जाने का अनुरोध किया।
बदरीरनाथ के होटल व्यवसायियों और स्थानीय लोगों ने आठ जून से चारधाम यात्रा खोलने पर आपत्ति जताई। बुधवार को एक प्रतिनिधिमंडल ने एसडीएम जोशीमठ से भेेंटकर अभी यात्रा शुरू न करने की बात कही। कहा यदि अभी यात्रा शुरू की गई तो बदरीनाथ धाम में संक्रमण फैल सकता है। अनलॉक-1 खत्म होने के बाद ही यात्रा शुरू होनी चाहिए और जिले के लोगों को ही आने की अनुमति देनी चाहिए।
बदरीनाथ होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश मेहमा ने कहा कि बदरीनाथ धाम में बामणी और माणा गांव में अभी कोरोना का कोई मामला सामने नहीं आया है। यात्रा शुरू होती है तो धाम के साथ इन गांवों में कोरोना का खतरा बढ़ जाएगा। होटलों में काम करने के लिए बाहर से बड़ी संख्या में लोग आते हैं, पूरी व्यवस्था बनाने में कम से कम 20 दिन लगते हैं। ऐसे में आठ जून तक व्यवस्था बनाना मुश्किल होगा।
एसडीएम अनिल चन्याल ने कहा कि बदरीनाथ धाम में मूलभूत सुविधाएं दुरुस्त करने के लिए विभागीय कर्मचारियों को भेज दिया गया है। तीन दिनों में सभी मूलभूत सुविधाओं को दुरुस्त कर दिया जाएगा।
सार
- चार धाम तीर्थपुरोहित हक हकूककधारी महापंचायत बोली- पहले कोरोना संक्रमण से बचाव का पुख्ता इंतजाम हो
विस्तार
चार धाम तीर्थपुरोहित हक हकूककधारी महापंचायत ने चार धाम यात्रा शुरू किए जाने का विरोध किया है। महापंचायत ने सरकार से चार धाम यात्रा शुरू किए जाने के फैसले पर पुनर्विचार की मांग की है।
हकूकधारियों का कहना है कि सरकार पहले चार धाम और अन्य प्रमुख तीर्थ स्थलों पर कोरोना संक्रमण से बचाव का पुख्ता इंतजाम करे, उसके बाद ही यात्रा शुरू की जाए। उन्होंने इस मामले में सरकार से जल्दबाजी न किए जाने की बात कही। महापंचायत के अध्यक्ष कृष्णकांत कोटियाल ने प्रेस को जारी बयान में कहा कि स्थानीय लोगों को धाम जाने की इजाजत दिया जाना ठीक है, लेकिन अब प्रदेश में बड़ी संख्या में प्रवासी आए हैं। इनकी वजह से कोरोना संक्रमण की आशंका बढ़ गई है।
महापंचायत के उपाध्यक्ष विनोद शुक्ला ने सरकार से पहले तीर्थ पुरोहितों और हकूकधारियों को चार धाम जाने की अनुमति दिए जाने की मांग की। महामंत्री हरीश डिमरी और कोषाध्यक्ष लक्ष्मीनारायण जुगलान ने कहा कि सरकार को चार धाम यात्रा शुरू करने से पहले कोरोना संक्रमण रोकने पर विचार करना चाहिए। महापंचायत संयोजक सुरेश सेमवाल, कुबेरनाथ पोस्ती, जगमोहन उनियाल और जमुनाप्रसाद रैवानी ने चार धाम यात्रा की शुरुआत से पहले सरकार से तीर्थ पुरोहितों, हकूकधारियों और व्यावसायियों से बात किए जाने का अनुरोध किया।
चारधाम यात्रा शुरू हुई तो फैल सकता है संक्रमण
बदरीरनाथ के होटल व्यवसायियों और स्थानीय लोगों ने आठ जून से चारधाम यात्रा खोलने पर आपत्ति जताई। बुधवार को एक प्रतिनिधिमंडल ने एसडीएम जोशीमठ से भेेंटकर अभी यात्रा शुरू न करने की बात कही। कहा यदि अभी यात्रा शुरू की गई तो बदरीनाथ धाम में संक्रमण फैल सकता है। अनलॉक-1 खत्म होने के बाद ही यात्रा शुरू होनी चाहिए और जिले के लोगों को ही आने की अनुमति देनी चाहिए।
बदरीनाथ होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश मेहमा ने कहा कि बदरीनाथ धाम में बामणी और माणा गांव में अभी कोरोना का कोई मामला सामने नहीं आया है। यात्रा शुरू होती है तो धाम के साथ इन गांवों में कोरोना का खतरा बढ़ जाएगा। होटलों में काम करने के लिए बाहर से बड़ी संख्या में लोग आते हैं, पूरी व्यवस्था बनाने में कम से कम 20 दिन लगते हैं। ऐसे में आठ जून तक व्यवस्था बनाना मुश्किल होगा।
एसडीएम अनिल चन्याल ने कहा कि बदरीनाथ धाम में मूलभूत सुविधाएं दुरुस्त करने के लिए विभागीय कर्मचारियों को भेज दिया गया है। तीन दिनों में सभी मूलभूत सुविधाओं को दुरुस्त कर दिया जाएगा।