इंदिरा गांधी नेशनल फॉरेस्ट एकेडमी में 2019- 21 बैच के ट्रेनी आईएफएस अफसर फिलहाल 30 जून के बाद ही एकेडमी लौटेंगे। बैच के 30 से अधिक अफसरों के रेड जोन में फंसे होने की वजह से यह फैसला लिया गया है।
एकेडमी के अधिकारियों के मुताबिक फिलहाल सभी अफसरों को उनके घरों पर ही ऑनलाइन ट्रेनिंग दी जा रही है। जैसे ही केंद्रीय पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और डीओपीटी की ओर से गाइडलाइन जारी की जाती है तो उसके मुताबिक अफसरों को अकेडमी में बुलाया जाएगा।
बता दें कि कोरोना वायरस संकट के चलते इंदिरा गांधी नेशनल फॉरेस्ट अकेडमी के 2019-21 बैच के तमाम अफसरों को उनके घरों को भेज दिया गया था। केंद्र सरकार ने जब लॉकडाउन में ढील दी तो एकेडमी की ओर से इन अफसरों को बुलाने की पहल की गई। एकेडमी की ओर से केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को पत्र भी लिखा गया।
मंत्रालय और डीओपीटी ने एकेडमी के अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए की केंद्र सरकार के साथ ही संबंधित राज्य सरकार और जिला प्रशासन की ओर से कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर जो गाइडलाइन जारी की गई है, उसके मुताबिक अफसरों को एकेडमी बुलाया जाए। इस बीच जब एकेडमी के अधिकारियों ने अपने स्तर पर जानकारियां जुटाई तो पता चला कि 30 से अधिक अफसर ऐसे हैं जिनके घर कोरोना वायरस संक्रमण के चलते रेड जोन में हैं।
ऐसे में इन अफसरों को बुलाने पर तमाम तरह की दिक्कतें हो सकती हैं। ऐसे में फैसला लिया गया कि तमाम ट्रेनी आईएफएस अफसरों को 30 जून के बाद एकेडमी में बुलाया जाए। नेशनल फॉरेस्ट अकेडमी के एडिशनल डायरेक्टर एसके अवस्थी ने बताया कि फिलहाल ट्रेनी आईएफएस अफसरों को उनके घरों पर ही ऑनलाइन ट्रेनिंग दी जा रही है।
जैसे ही कोरोना वायरस को लेकर नई गाइडलाइन जारी की जाएगी। उसके बाद ही इन अफसरों को बुलाने के संबंध में कोई अंतिम निर्णय लिया जाएगा। फिलहाल अफसरों को 30 जून तक नहीं बुलाया जा रहा है।
इंदिरा गांधी नेशनल फॉरेस्ट एकेडमी में 2019- 21 बैच के ट्रेनी आईएफएस अफसर फिलहाल 30 जून के बाद ही एकेडमी लौटेंगे। बैच के 30 से अधिक अफसरों के रेड जोन में फंसे होने की वजह से यह फैसला लिया गया है।
एकेडमी के अधिकारियों के मुताबिक फिलहाल सभी अफसरों को उनके घरों पर ही ऑनलाइन ट्रेनिंग दी जा रही है। जैसे ही केंद्रीय पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और डीओपीटी की ओर से गाइडलाइन जारी की जाती है तो उसके मुताबिक अफसरों को अकेडमी में बुलाया जाएगा।
बता दें कि कोरोना वायरस संकट के चलते इंदिरा गांधी नेशनल फॉरेस्ट अकेडमी के 2019-21 बैच के तमाम अफसरों को उनके घरों को भेज दिया गया था। केंद्र सरकार ने जब लॉकडाउन में ढील दी तो एकेडमी की ओर से इन अफसरों को बुलाने की पहल की गई। एकेडमी की ओर से केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को पत्र भी लिखा गया।
मंत्रालय और डीओपीटी ने एकेडमी के अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए की केंद्र सरकार के साथ ही संबंधित राज्य सरकार और जिला प्रशासन की ओर से कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर जो गाइडलाइन जारी की गई है, उसके मुताबिक अफसरों को एकेडमी बुलाया जाए। इस बीच जब एकेडमी के अधिकारियों ने अपने स्तर पर जानकारियां जुटाई तो पता चला कि 30 से अधिक अफसर ऐसे हैं जिनके घर कोरोना वायरस संक्रमण के चलते रेड जोन में हैं।
ऐसे में इन अफसरों को बुलाने पर तमाम तरह की दिक्कतें हो सकती हैं। ऐसे में फैसला लिया गया कि तमाम ट्रेनी आईएफएस अफसरों को 30 जून के बाद एकेडमी में बुलाया जाए। नेशनल फॉरेस्ट अकेडमी के एडिशनल डायरेक्टर एसके अवस्थी ने बताया कि फिलहाल ट्रेनी आईएफएस अफसरों को उनके घरों पर ही ऑनलाइन ट्रेनिंग दी जा रही है।
जैसे ही कोरोना वायरस को लेकर नई गाइडलाइन जारी की जाएगी। उसके बाद ही इन अफसरों को बुलाने के संबंध में कोई अंतिम निर्णय लिया जाएगा। फिलहाल अफसरों को 30 जून तक नहीं बुलाया जा रहा है।