न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पंतनगर
Updated Sun, 28 Jun 2020 08:32 PM IST
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जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि प्रशासन अपने ही छात्रों के उत्पीड़न पर आमादा है। इसके चलते बीटेक चतुर्थ वर्ष के छात्र अजीब दुविधा में फंस गए हैं। कोराना महामारी के फैलने पर विवि के हॉस्टलों को आननफानन में क्वारंटीन सेंटरों में तब्दील कर दिया गया। ऐसे में यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों का सामान यहीं रह गया। अब इसका समाधान न विवि प्रशासन कर रहा है और ना ही जिला प्रशासन। इसके चलते छात्र बेहद परेशान हैं।
होली की छुट्टियों में छात्र अपने घरों को गए थे। छात्र विवि में लौटते, उससे पहले ही देश में लॉकडाउन घोषित हो गया। इसके चलते विवि पूरी तरह बंद कर दिया गया था। जिला प्रशासन के निर्देश पर परिसर के 12 छात्रावासों को क्वारंटीन सेंटरों में तब्दील कर दिया गया। इसके लिए कमेटी गठित कर छात्रों की अनुपस्थिति में ही उनके कमरों के ताले तोड़कर उनका सामान कॉमन रूम में रखवाकर सील कर दिया गया।
इसी प्रक्रिया के तहत विश्वेसरैया भवन के बीटेक अंतिम वर्ष के करीब दो सौ छात्रों की किताबें, लैपटॉप, प्रपत्र, बिस्तर, कपड़े आदि भी कॉमन रूम में रख दिए गए। यह सामान किस स्थिति में है, इसकी जानकारी भी छात्रों को नहीं दी गई। ऐसे में वे छात्र बहुत परेशान हैं, जिन्हें या तो नौकरी आदि के लिए आवेदन या साक्षात्कार के लिए जाना है या एमटेक में प्रवेश लेना है।
जिला प्रशासन के निर्देश पर 26 जून को विवि प्रशासन ने कमेटी गठित की और उसकी देखरेख में छात्रों के प्रपत्र और लैपटॉप छात्रावास के कॉमन हॉल से शिफ्ट करवाकर डीएसडब्ल्यू के पास रखवा दिए गए। वार्डन की सूचना पर पंतनगर पहुंचे करीब 25 छात्रों को छह घंटे की प्रतीक्षा के बाद सिर्फ शैक्षिक प्रमाणपत्र ही लौटाए गए। छात्रों के कपड़े, बिस्तर आदि लौटाने में प्रशासन को छात्रों के संक्रमित हो जाने का भय सताने लगा और उसे लॉकडाउन के बाद देने को कहा गया। छात्रों ने विवि प्रशासन और जिला प्रशासन से निवेदन किया है कि इस समस्या का यथाशीघ्र समाधान निकालकर अंतिम वर्ष के छात्रों को उनका सामान वापस कराया जाए।
क्वारंटीन सेंटर बनाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से छात्रावासों के अधिग्रहण करते समय छात्रों का सामान वहीं कॉमन रूम में सील करवा दिया गया था। एहतियातन बीटेक अंतिम वर्ष के छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए सिर्फ उनके डॉक्यूमेंट अधिष्ठाता छात्र कल्याण के पास रखवा दिए गए थे। जिन छात्रों को जरूरी प्रपत्र चाहिए, उन्हें हम वापस कर रहे हैं। उनका शेष सामान सुरक्षित है। स्थिति सामान्य होने पर उन्हें लौटाया जाएगा।
- डॉ. तेज प्रताप, कुलपति पंतनगर विवि।
छात्रों का सामान जिला प्रशासन नहीं, बल्कि विवि प्रशासन के कब्जे में हैं। विवि प्रशासन को ही सामान छात्रों को लौटाना है और इन्हीं को इस संबंध में कार्य करना है। इसमें जिला प्रशासन का कोई रोल नहीं है। अगर सामान लौटाने को लेकर कोई जिला प्रशासन की जिम्म्मेदारी बताकर छात्रों को गुमराह करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
- डॉ. नीरज खैरवाल, डीएम।
सार
- अंतिम वर्ष के छात्रों को प्रपत्र तो लौटा रहे, लेकिन किताबें, कपड़े और बिस्तर देने से इनकार
विस्तार
जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि प्रशासन अपने ही छात्रों के उत्पीड़न पर आमादा है। इसके चलते बीटेक चतुर्थ वर्ष के छात्र अजीब दुविधा में फंस गए हैं। कोराना महामारी के फैलने पर विवि के हॉस्टलों को आननफानन में क्वारंटीन सेंटरों में तब्दील कर दिया गया। ऐसे में यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों का सामान यहीं रह गया। अब इसका समाधान न विवि प्रशासन कर रहा है और ना ही जिला प्रशासन। इसके चलते छात्र बेहद परेशान हैं।
होली की छुट्टियों में छात्र अपने घरों को गए थे। छात्र विवि में लौटते, उससे पहले ही देश में लॉकडाउन घोषित हो गया। इसके चलते विवि पूरी तरह बंद कर दिया गया था। जिला प्रशासन के निर्देश पर परिसर के 12 छात्रावासों को क्वारंटीन सेंटरों में तब्दील कर दिया गया। इसके लिए कमेटी गठित कर छात्रों की अनुपस्थिति में ही उनके कमरों के ताले तोड़कर उनका सामान कॉमन रूम में रखवाकर सील कर दिया गया।
इसी प्रक्रिया के तहत विश्वेसरैया भवन के बीटेक अंतिम वर्ष के करीब दो सौ छात्रों की किताबें, लैपटॉप, प्रपत्र, बिस्तर, कपड़े आदि भी कॉमन रूम में रख दिए गए। यह सामान किस स्थिति में है, इसकी जानकारी भी छात्रों को नहीं दी गई। ऐसे में वे छात्र बहुत परेशान हैं, जिन्हें या तो नौकरी आदि के लिए आवेदन या साक्षात्कार के लिए जाना है या एमटेक में प्रवेश लेना है।
जिला प्रशासन के निर्देश पर 26 जून को विवि प्रशासन ने कमेटी गठित की और उसकी देखरेख में छात्रों के प्रपत्र और लैपटॉप छात्रावास के कॉमन हॉल से शिफ्ट करवाकर डीएसडब्ल्यू के पास रखवा दिए गए। वार्डन की सूचना पर पंतनगर पहुंचे करीब 25 छात्रों को छह घंटे की प्रतीक्षा के बाद सिर्फ शैक्षिक प्रमाणपत्र ही लौटाए गए। छात्रों के कपड़े, बिस्तर आदि लौटाने में प्रशासन को छात्रों के संक्रमित हो जाने का भय सताने लगा और उसे लॉकडाउन के बाद देने को कहा गया। छात्रों ने विवि प्रशासन और जिला प्रशासन से निवेदन किया है कि इस समस्या का यथाशीघ्र समाधान निकालकर अंतिम वर्ष के छात्रों को उनका सामान वापस कराया जाए।
क्वारंटीन सेंटर बनाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से छात्रावासों के अधिग्रहण करते समय छात्रों का सामान वहीं कॉमन रूम में सील करवा दिया गया था। एहतियातन बीटेक अंतिम वर्ष के छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए सिर्फ उनके डॉक्यूमेंट अधिष्ठाता छात्र कल्याण के पास रखवा दिए गए थे। जिन छात्रों को जरूरी प्रपत्र चाहिए, उन्हें हम वापस कर रहे हैं। उनका शेष सामान सुरक्षित है। स्थिति सामान्य होने पर उन्हें लौटाया जाएगा।
- डॉ. तेज प्रताप, कुलपति पंतनगर विवि।
छात्रों का सामान जिला प्रशासन नहीं, बल्कि विवि प्रशासन के कब्जे में हैं। विवि प्रशासन को ही सामान छात्रों को लौटाना है और इन्हीं को इस संबंध में कार्य करना है। इसमें जिला प्रशासन का कोई रोल नहीं है। अगर सामान लौटाने को लेकर कोई जिला प्रशासन की जिम्म्मेदारी बताकर छात्रों को गुमराह करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
- डॉ. नीरज खैरवाल, डीएम।