न्यूज़ डेस्क, अमर उजाला, देहरादून
Updated Sat, 07 Nov 2020 08:22 PM IST
पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कानूनी नोटिस भेजने के विरोध में उत्तराखंड बाल संरक्षण आयोग के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने आयोग और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
बाल संरक्षण आयोग की ओर से आप के प्रदेश अध्यक्ष एसएस कलेर और प्रदेश प्रभारी दिनेश मोहनिया को हरिद्वार में स्केप चैनल के मामले में कानूनी नोटिस जारी किया था। शनिवार को आप पदाधिकारी कार्यकर्ताओं के साथ आयोग कार्यालय पहुंचे। वहां आयोग अध्यक्ष के मौजूद न होने पर कार्यकर्ताओं ने कार्यालय के बाहर प्रदर्शन शुरू किया।
मोहनिया ने कहा कि भाजपा ने गंगा के मुद्दे पर चुनाव लड़ा था लेकिन उन्होंने पिछले चार सालों से गंगा को उसका खोया सम्मान नहीं दिया, बल्कि स्केप चैनल के तौर पर गंगा को अपमानित किया। आप ने मां गंगा के सम्मान के लिए सड़कों पर उतर कर आंदोलन किया तो सरकार ने राजनैतिक द्वेष की भावना से बाल आयोग के माध्यम से कानूनी नोटिस भेज दिया।
जो आयोग के अधीन नहीं आता था। कानून का सम्मान करने के लिए आयोग पहुंचे तो मौके पर अध्यक्षा मौजूद नहीं थी, जिसकी वजह से उनको बिना सुनवाई के वापस आना पड़ा। पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता मां गंगा के सम्मान के लिए लड़ता रहेगा।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सरकार तानाशाही पर उतर आई है। इस मौके पर प्रवक्ता नवीन पीर साली, उमा सिसोदिया, रवींद्र आनंद, डॉ. शौएब अंसारी, हिमांशु पुंडीर, त्रिलोक सजवान, विशाल चौधरी, राजू मौर्य आदि कार्यकर्ता मौजूद थे।
आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कानूनी नोटिस भेजने के विरोध में उत्तराखंड बाल संरक्षण आयोग के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने आयोग और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
बाल संरक्षण आयोग की ओर से आप के प्रदेश अध्यक्ष एसएस कलेर और प्रदेश प्रभारी दिनेश मोहनिया को हरिद्वार में स्केप चैनल के मामले में कानूनी नोटिस जारी किया था। शनिवार को आप पदाधिकारी कार्यकर्ताओं के साथ आयोग कार्यालय पहुंचे। वहां आयोग अध्यक्ष के मौजूद न होने पर कार्यकर्ताओं ने कार्यालय के बाहर प्रदर्शन शुरू किया।
मोहनिया ने कहा कि भाजपा ने गंगा के मुद्दे पर चुनाव लड़ा था लेकिन उन्होंने पिछले चार सालों से गंगा को उसका खोया सम्मान नहीं दिया, बल्कि स्केप चैनल के तौर पर गंगा को अपमानित किया। आप ने मां गंगा के सम्मान के लिए सड़कों पर उतर कर आंदोलन किया तो सरकार ने राजनैतिक द्वेष की भावना से बाल आयोग के माध्यम से कानूनी नोटिस भेज दिया।
जो आयोग के अधीन नहीं आता था। कानून का सम्मान करने के लिए आयोग पहुंचे तो मौके पर अध्यक्षा मौजूद नहीं थी, जिसकी वजह से उनको बिना सुनवाई के वापस आना पड़ा। पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता मां गंगा के सम्मान के लिए लड़ता रहेगा।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सरकार तानाशाही पर उतर आई है। इस मौके पर प्रवक्ता नवीन पीर साली, उमा सिसोदिया, रवींद्र आनंद, डॉ. शौएब अंसारी, हिमांशु पुंडीर, त्रिलोक सजवान, विशाल चौधरी, राजू मौर्य आदि कार्यकर्ता मौजूद थे।