पहली पारी के ‘फ्लॉप शो’ के बाद फालोऑन को विवश श्रीलंका की टीम ने उम्मीद नहीं की होगी कि दूसरी पारी में उनके बल्लेबाज कुसल मेंडिस (110) दिमुथ करुणारत्ने (92*) संघर्ष का ऐसा जज्बा दिखाएंगे। पहली पारी में एक सत्र में आठ विकेट गंवाकर 183 पर लुढ़कने वाली श्रीलंका टीम ने दूसरे टेस्ट के तीसरे दिन दूसरी पारी में दो विकेट पर 209 रन बना लिए हैं। हालांकि अभी उसे पारी की हार टालने के लिए 230 रन और बनाने हैं जबकि दो दिन शेष हैं।
जिस पिच पर लंच से पहले टर्न और बाउंस नजर आ रहा था उस पर आक्रामक अंदाज में खेल रहे श्रीलंका के तीसरे क्रम के बल्लेबाज मेंडिस ने जमकर शॉट खेले, दूसरे छोर पर ओपनर करुणारत्ने ने लंगर डालकर भारतीय गेंदबाजों को विकेट के लिए तरसा दिया। हालांकि दूसरी पारी में श्रीलंका को पहला झटका जल्द लग गया था जब उमेश यादव ने उपुल थरंगा को बोल्ड कर दिया था लेकिन करुणारत्ने और मेंडिस ने दूसरे विकेट पर 191 रन की बेहतरीन साझेदारी की।मेंडिस और करुणारत्ने ने श्रीलंका के लिए भारत के खिलाफ दूसरे विकेट पर दूसरी श्रेष्ठ साझेदारी की। इससे पहले 1997 में सनत जयसूर्या और रोशन महानामा ने 576 रन बनाए थे।
मेंडिस का महत्वपूर्ण विकेट हार्दिक पांड्या के खाते में गया जिन्होंने उन्हें विकेटकीपर साहा के हाथों लपकवा दिया। पहली पारी में पांच विकेट लेने वाले रविचंद्रन अश्विन को दूसरी पारी में 24 ओवरों में और बाएं हाथ के स्पिनर रविंद्र जडेजा को 16 ओवरों में कोई विकेट नहीं मिला। मेंडिस का यह तीसरा शतक 120 गेंदों पर बना जिसमें 17 चौके शामिल थे जबकि 13वीं अर्द्धशतकीय पारी खेलने वाले करुणारत्ने 200 गेंदों की अपनी पारी में अब तक 12 चौके लगा चुके हैं। मेंडिस को शुरुआत में एक जीवनदान मिला था जब मिडआन पर शिखर धवन ने अश्विन की गेंद पर आठवें ओवर में उनका कैच छोड़ दिया था। इससे पहले भारत के नौ विकेट पर 622 रन के जवाब में श्रीलंका की पहली पारी 183 पर लुढ़क गई थी। पहली मर्तबा श्रीलंका को टेस्ट क्रिकेट में 439 रन से पिछड़ना पड़ा इससे पहले 2000 में पाकिस्तान के खिलाफ गाले में श्रीलंका की टीम 419 रन से पिछड़ी थी।
दूसरी पारी में मेंडिस और करुणारत्ने अलग ही सोच के साथ उतरे और उन्होंने भारतीय स्पिनरों के खिलाफ खास रणनीति अपनाई, खासकर मेंडिस ने जिन्होंने टर्निंग विकेट और आक्रामक नजदीकी क्षेत्ररक्षण के बावजूद लगातार स्वीप शॉट खेलने का साहस दिखाया और अपने पलटवार में सफल रहे। उन्होंने टर्न के खिलाफ कई अपने फुटवर्क का भी बेहतरीन इस्तेमाल किया। श्रीलंका टीम फालोऑन करने के बावजूद कभी भी रक्षात्मक मूड में नहीं दिखी और मेंडिस व करुणारत्ने की मदद से उसने प्रतिओवर 3.5 की रनरेट निकाली।
पहली पारी के ‘फ्लॉप शो’ के बाद फालोऑन को विवश श्रीलंका की टीम ने उम्मीद नहीं की होगी कि दूसरी पारी में उनके बल्लेबाज कुसल मेंडिस (110) दिमुथ करुणारत्ने (92*) संघर्ष का ऐसा जज्बा दिखाएंगे। पहली पारी में एक सत्र में आठ विकेट गंवाकर 183 पर लुढ़कने वाली श्रीलंका टीम ने दूसरे टेस्ट के तीसरे दिन दूसरी पारी में दो विकेट पर 209 रन बना लिए हैं। हालांकि अभी उसे पारी की हार टालने के लिए 230 रन और बनाने हैं जबकि दो दिन शेष हैं।
जिस पिच पर लंच से पहले टर्न और बाउंस नजर आ रहा था उस पर आक्रामक अंदाज में खेल रहे श्रीलंका के तीसरे क्रम के बल्लेबाज मेंडिस ने जमकर शॉट खेले, दूसरे छोर पर ओपनर करुणारत्ने ने लंगर डालकर भारतीय गेंदबाजों को विकेट के लिए तरसा दिया। हालांकि दूसरी पारी में श्रीलंका को पहला झटका जल्द लग गया था जब उमेश यादव ने उपुल थरंगा को बोल्ड कर दिया था लेकिन करुणारत्ने और मेंडिस ने दूसरे विकेट पर 191 रन की बेहतरीन साझेदारी की।मेंडिस और करुणारत्ने ने श्रीलंका के लिए भारत के खिलाफ दूसरे विकेट पर दूसरी श्रेष्ठ साझेदारी की। इससे पहले 1997 में सनत जयसूर्या और रोशन महानामा ने 576 रन बनाए थे।
मेंडिस का महत्वपूर्ण विकेट हार्दिक पांड्या के खाते में गया जिन्होंने उन्हें विकेटकीपर साहा के हाथों लपकवा दिया। पहली पारी में पांच विकेट लेने वाले रविचंद्रन अश्विन को दूसरी पारी में 24 ओवरों में और बाएं हाथ के स्पिनर रविंद्र जडेजा को 16 ओवरों में कोई विकेट नहीं मिला। मेंडिस का यह तीसरा शतक 120 गेंदों पर बना जिसमें 17 चौके शामिल थे जबकि 13वीं अर्द्धशतकीय पारी खेलने वाले करुणारत्ने 200 गेंदों की अपनी पारी में अब तक 12 चौके लगा चुके हैं। मेंडिस को शुरुआत में एक जीवनदान मिला था जब मिडआन पर शिखर धवन ने अश्विन की गेंद पर आठवें ओवर में उनका कैच छोड़ दिया था। इससे पहले भारत के नौ विकेट पर 622 रन के जवाब में श्रीलंका की पहली पारी 183 पर लुढ़क गई थी। पहली मर्तबा श्रीलंका को टेस्ट क्रिकेट में 439 रन से पिछड़ना पड़ा इससे पहले 2000 में पाकिस्तान के खिलाफ गाले में श्रीलंका की टीम 419 रन से पिछड़ी थी।