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दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण से मुकाबला करने के लिए कारगर समाधान ‘माइऑक्सी’

नोएडा Updated Tue, 30 Oct 2018 05:08 PM IST
my oxy will remove pollution of delhi ncr
माई ऑक्सी
इंडस्ट्रियल, मेडिकल और रेफ्रिजरेशन गैसों के क्षेत्रों में अग्रणी गुप्ता ऑक्सीजन प्राइवेट लिमिटेड ने खासतौर से भारतीय बाजारों के लिए पहली बार एफडीए से मंजूरी प्राप्त कैन्ड ऑक्सीजन माइऑक्सी पेश करने की घोषणा की है। माइऑक्सी पोर्टेबल कैन्स में पहली बार उपलब्ध एकमात्र ऑक्सीजन आई.पी. है जिसे एफडीए द्वारा अनुमति प्रदान की गई है और इसे भारतीय फार्माकोपियल मानकों का अनुपालन करते हुए वैध ड्रग लाइसेंस के तहत् निर्मित किया गया है।


1200 किलोपास्कल पर 5.9 लीटर आयतन वाले माइऑक्सी एल्युमीनियम डिस्पोज़ेबल कैन में इनबिल्ट मास्क लगा है और प्रत्येक कैन से 100 से 150 दफा श्वास लिया जा सकता है। माइऑक्सी को अपोलो फार्मेसी और दिल्ली/एनसीआर के मेडिकल स्टोर्स समेत सभी प्रमुख फार्मेसी पर तथा नैटमैड्स जैसी ऑनलाइन फार्मेसी पर 399/रु प्रति कैन की कीमत पर उपलब्ध कराया गया है। 


सभी आयुवर्गों के लिए उपलब्ध माइऑक्सी बच्चों, गर्भवर्ती महिलाओं तथा स्तनपान कराने वाली माताओं और बुजुर्गों के लिए भी उपयुक्त है। झ99ः शुद्ध ऑक्सीजन वाली माइऑक्सी वायु प्रदूषण, ऊंचाई वाले स्थानों और बासी हवा, अत्यधिक शारीरिक व्यायाम, मद्यपान, जैट लैग, तनाव जैसे कारणों के चलते शरीर में ऑक्सीजन की कमी या सांस उखड़ने जैसी समस्याओं के दौरान ऑक्सीजन स्तर को सप्लीमेंट करने में कारगर है। 

हवा में करीब 21 फीसदी ऑक्सीजन होती है जबकि शेष मात्रा नाइट्रोजन, कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य गैसों की होती है। अधिक भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में ऑक्सीजन का स्तर गिरकर 14 प्रतिशत तक हो सकता है जबकि कारों से निकलने वाला धुंआ हवा में कार्बन मोनोऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड का स्तर बढ़ाता है। माइऑक्सी अधिक प्रदूषण के चलते सांस उखड़ने या सांस नहीं आने जैसी आपातकालीन स्थितियों में प्राथमिक उपचार की तरह काम करता है। सिर्फ 4-5 दफा श्वास लेने से ही माइऑक्सी शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ा देता है और मस्तिष्क तथा शरीर को सामान्य तरीके से काम करने में मदद करता है। 

माइऑक्सी के सीईओ आनंद गुप्ता ने बताया,’’प्रदूषण देशभर में एक भयंकर समस्या बनता जा रहा है। अध्ययनों से यह साफ हो गया है कि भारत में असमय होने वाले प्रत्येक चार मौतों में से एक का कारण प्रदूषण ही होता है। दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर अभूतपूर्व रूप से बढ़ चुका है और हाल में यहां पीएम (पार्टिकुलेट मैटर) संबंधी आंकड़े 2.5 लेवल पर 158 के स्तर पर दर्ज किए गए।

दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडैक्स (एक्यूआई) हाल में गिरकर ’अत्यधिक खराब‘ की श्रेणी में पहुंच चुका था और अंतिम बार इसे 337 मापा गया। सरकारें बेशक, इस दिशा में स्थिति पर नियंत्रण बनाने के लिए प्रयासरत हैं लेकिन दिल्ली में हवा की गुणवत्ता में सुधार की दिशा में फिलहाल कोई प्रगति नहीं देखी गई है। माइऑक्सी दिल्ली/एनसीआर जैसे प्रदूषित शहरों को ताजी ऑक्सीजन का लाभ दिलाने और दिल्लवासियों की सुरक्षा के लिए उनके दैनिक जीवन का हिस्सा बनने की दिशा में किया गया प्रयास है। इस कैन को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इसे प्रयोग करना आसान है, साथ ही यह कॉम्पैक्ट पैकेजिंग में आता है और इसका वज़न आपके मोबाइल फोन से भी कम है तथा इसे सामान्य तापमान पर रखा जा सकता है।‘‘
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माइऑक्सी का इस्तेमाल किन परिस्थितियों में किया जा सकता हैः 
1. ऊंचाई वाले स्थानों परः अधिक ऊंचाई वाले स्थानों पर ऑक्सीजन परमाणु की सघनता काफी कम हो जाती है। पहाड़ों पर 5000 फुट से अधिक की ऊंचाई पर जाने पर एक्यूट माउंटेन सिकनैस के लक्षण जैसे सिरदर्द, सिर घूमना, ठीक से नींद न आना, थकान, सांस उखड़ना आदि से सामना करना पड़ सकता है। माइऑक्सी को खासतौर से भारत में ऊंचाई वाले स्थलों जैसे लेह-लद्दाख, सियाचिन, करगिल, नाथुला पास पर तैनात सेना कर्मियों, ट्रैकर्स/एथलीटों और ऊंची चोटियों पर चढ़ाई के लिए जाने वाले पर्वतारोहियों, तीर्थयात्राओं (अमरनाथ, कैलाश मानसरोवर, बदरीनाथ, हेमकुंट साहिब) आदि जाने वाले उन यात्रियों के लिए तैयार किया गया है जो हवा में ऑक्सीजन की बेहद कम मात्रा होने के कारण ठंड या अधिक डीहाइड्रेशन की वजह से हाइपॉक्सिया के शिकार हो सकते हैं।

2. प्राथमिक उपचार के तौर परः माइऑक्सी आपातकालीन परिस्थितियों में सांस उखड़ने जैसी तकलीफों के दौरान आवश्यक प्राथमिक उपचार हो सकता है। जिन मामलों में ऑक्सीजन स्तर में तेजी से गिरावट होती है जैसे क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनेरी डिज़ीज़ (सीओपीडी), अत्यधिक वर्कआउट, तनावपूर्ण ट्रेनिंग, हवा की गुणवत्ता में गड़बड़ी आदि के चलते, उनमें माइऑक्सी शरीर में ऑक्सीजन लैवल की बहाली में तत्काल अस्थायी रूप से राहत देता है। 

3. अत्यधिक प्रदूषण की स्थिति मेंः अधिक प्रदूषित इलाकों में रहने से सभी आयुवर्ग के लोगों में स्वास्थ्य के लिए कई प्रकार की समस्याएं पैदा हो सकती हैं और फेफड़ों की कार्यप्रणाली भी प्रभावित होती है। माइऑक्सी अधिक प्रदूषण स्तर की वजह से उत्पन्न श्वसन समस्याओं में तत्काल लाभ दिलाता है। 

आनंद गुप्ता ने कहा, ’’प्रदूषित वातावरण में ऑक्सीजन से भरपूर हवा में सांस लेना सभी के लिए जरूरी होता है। हमारी टीम ने किफायती कीमत पर क्वालिटी प्रोडक्ट उपलब्ध कराने के लिए व्यापक रूप से आर एंड डी पर ज़ोर दिया है ताकि ऐसा उत्पाद तैयार किया जा सके जो आम जनता द्वारा प्रयोग के लिहाज से सुरक्षित हो।‘‘
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