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Ambikapur: बंद केनापारा कोयला खदान पर्यटन स्थल में हो रही तब्दील, राज्यमंत्री के बाद PM ने भी काम की सराहना की

अमर उजाला नेटवर्क, अम्बिकापुर Published by: आकाश दुबे Updated Wed, 22 Feb 2023 10:09 PM IST
सार

दिसंबर 2018 में शुरू हुई यह परियोजना आठ महीने की छोटी अवधि में ही पूरी हो गई। आसपास की हरियाली के साथ इस सुंदर और स्वच्छ जल निकाय के माध्यम से केनापारा और आसपास के गांवों के निवासियों के लिए आय के अतिरिक्त स्रोत प्रदान करने की संभावना है।

closed Kenapara coal mine is converted into a tourist destination
पर्यटन को बढ़ावा दिलाने के लिए कराया गया काम - फोटो : अमर उजाला

विस्तार

एनएच 43 पर स्थित एसईसीएल की बंद हो चुकी केनापारा कोयला खदान को एसईसीएल के द्वारा शासन-प्रशासन के सहयोग से आकर्षक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के प्रयास की पीएम मोदी ने सराहना की है। इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने से यहां तेजी रोजगार के अवसर भी बन रहे हैं। कोयला राज्य मंत्री द्वारा ट्वीट कर प्रशंसा करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस काम को सराहा है।

रेल-कोयला और खान राज्यमंत्री रावसाहब पाटिल दानवे द्वारा एसईसीएल के इस प्रयास की सराहना करते हुए ट्वीट किया गया कि ‘‘यह केवल बंजर पड़ी भूमि को सुंदर इको पर्यटन स्थल के रूप में बदलने का विचार था, जिसे न केवल लोगों द्वारा बल्कि पर्यटकों द्वारा भी देखा जा रहा है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एसईसीएल के इस प्रयास को सराहा तथा भारत सरकार के आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से कोयला राज्य मंत्री के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए लिखा कि ‘सतत विकास और पर्यावरण पर्यटन को आगे बढ़ाने के लिए सराहनीय प्रयास' प्रधानमंत्री तथा कोयला राज्यमंत्री द्वारा किए गए इस उत्साहवर्धन से एसईसीएल प्रबंधन भी काफी खुश है। 

साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) और छत्तीसगढ़ सरकार के प्रयासों से बंद पड़ी सूरजपुर जिले की केनापारा कोयला खदान वर्तमान में एक ईको-पर्यटन स्थल के रूप में उभर रही है। इससे एक ओर जहां स्थानीय लोगों को सैर-सपाटे के लिए एक नया स्थल मिला है। वहीं गरीबों, मुख्य रूप से बिश्रामपुर ओपन कास्ट माइन क्षेत्र के लोगों को रोजगार के अवसर भी मिल रहे हैं। एसईसीएल द्वारा इसके लिए 1.97 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई थी और 2018-19 के दौरान साइट को विकसित करने के लिए राज्य प्राधिकरण को सौंप दिया गया। 

दिसंबर 2018 में शुरू हुई यह परियोजना आठ महीने की छोटी अवधि में ही पूरी हो गई। आसपास की हरियाली के साथ इस सुंदर और स्वच्छ जल निकाय के माध्यम से जयनगर, केनापारा, कुंजनगर और बिश्रामपुर के आसपास के गांवों के निवासियों के लिए आय के अतिरिक्त स्रोत प्रदान करने की अपार संभावना है। पहले चरण में मछली पालन, नौका विहार सुविधा और एक फ्लोटिंग (तैरता हुआ) रेस्तरां आदि स्थानीय लोगों, विशेषकर समाज के पिछड़े और निम्न-आय वर्ग के लोगों के लिए के एक स्थायी आजीविका का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं। एसईसीएल की खदान बंद करने की योजना के बजट से निर्मित आकर्षक फ्लोटिंग रेस्तरां इस नवीन ईको-पर्यटन परियोजना के प्रमुख आकर्षणों में से एक है।
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