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children death case; investigation team reached ambikapur medical college
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Children Death Case: स्वास्थ्य सचिव के नेतृत्व में जांच टीम मेडिकल कॉलेज पहुंची, 48 घंटे में देनी है रिपोर्ट
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, अंबिकापुर
Published by: मोहनीश श्रीवास्तव
Updated Tue, 06 Dec 2022 02:50 PM IST
सार
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चार बच्चों की मौत की सूचना मिलने पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव व स्वास्थ्य सचिव आर.प्रसन्ना ने अंबिकापुर पहुंच निरीक्षण किया था। इस दौरान मंत्री ने स्वास्थ्य अधिकारियों को फटकार भी लगाई थी। स्वास्थ्य अधिकारी एसएनआईसीयू में सीनियर डाक्टरों का ड्यूटी रोस्टर रजिस्टर भी नहीं दिखा पाए थे।
अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज के एमसीएच अस्पताल में जांच के लिए पहुंची टीम।
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर स्थित मेडिकल कॉलेज में रविवार रात चार बच्चों की मौत मामले में जांच शुरू हो गई है। स्वास्थ्य सचिव आर. प्रसन्ना के नेतृत्व में चार सदस्यीय टीम मंगलवार सुबह मेडिकल कॉलेज पहुंच गई है। मामले की जांच के लिए स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने 48 घंटे में रिपोर्ट मांगी है। आरोप है कि मेडिकल कॉलेज में एमसीएच अस्पताल के NICU में करीब दो घंटे तक बिजली नहीं थी। इसके चलते बच्चों की मौत हुई है। हालांकि कॉलेज प्रशासन ने इससे इनकार किया है।
अस्पताल अधीक्षक से पूछताछ, ड्यूटी रजिस्टर तलब
स्वास्थ्य सचिव आर. प्रसन्ना के नेतृत्व में पहुंची चार सदस्यीय टीम में डॉ. खंडेलवाल, डीएमई की टीम के डॉ. राकेश नहरेल और डॉ. समीर जैन शामिल हैं। टीम ने NICU में पहुंचकर निरीक्षण किया। इसके साथ ही अस्पताल अधीक्षक डॉ. लखन सिंह और मातृ एवं शिशु अस्पताल प्रभारी डॉ. सुमन सिंह से पूछताछ भी की। जांच टीम ने चिकित्सकों का ड्यूटी रोस्टर भी तलब किया और ड्यूटी लगाने के संबंध में जानकारी ली है। सोमवार को अस्पताल प्रबंधन ड्यूटी रजिस्टर नहीं दिखा सका था।
इन बिंदुओं पर जांच टीम का फोकस
सूत्रों के अनुसार जांच टीम कई बिंदुओं पर जांच कर रही है। इसमें परिजनों का आरोप और मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के दावे को लेकर भी जांच की जा रही है।
टीम यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या लाइट जाने के बाद मशीनें बंद हुई थीं और इनका क्या असर पड़ा।
चिकित्सा टीम ने इस दौरान क्या त्वरित कार्रवाई की थी।
ड्यूटी किन चिकित्सकों की लगी थी और वे अस्पताल में थे या नहीं।
विद्युत विभाग की टीम भी सोमवार से ही विद्युत व्यवस्था और फाल्ट की जांच कर रही है।
पहले भी लगे कई आरोप, गाज गिरना तय
मेडिकल कालेज अस्पताल में एक साथ चार बच्चों की मौत कों लेकर स्वास्थ्य विभाग के साथ स्वास्थ्य मंत्री की जमकर किरकिरी हुई है। इस घटना के तीन दिन पहले भी एमसीएच में ही प्रसूता व नवजात की मौत हो गई थी। परिजनों ने स्वास्थ्य अमले पर 10 हजार रुपये मांगने और लापरवाही का आरोप लगाया था। कई घंटों तक अमला प्रसूता को बेड तक उपलब्ध नहीं करा पाया था। स्वास्थ्य मंत्री खासे खफा दिखे। माना जा रहा है कि इस बार अधिकारियों पर गाज गिरना तय है।
भाजपा कार्यकर्ताओं ने दिखाए थे काले झंडे
अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में चार नवजातों की मौत पर सोमवार को स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव निरीक्षण के लिए पहुंचे थे। उनके साथ स्वास्थ्य सचिव आर. प्रसन्ना और बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. खंडेलवाल भी थे। इस दौरान भाजपाइयों ने स्वास्थ्य मंत्री को काले झंडे दिखाए और उनका पुतला फूंका था। वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेताओं और नेता प्रतिपक्ष ने भी प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर निशाना साधा। उन्होंने कांग्रेस सरकार में 25 हजार बच्चों की मौत का दावा करते हुए इस्तीफा मांगा।
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