पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
सरकार ने उन कर्मचारियों को पुराने पेंशन सिस्टम के तहत पेंशन देने का फैसला लिया है, जिनकी नियुक्ति एक जनवरी 2004 से पहले हो गई थी, लेकिन उन्होंने नौकरी इस तारीख उसके बाद ज्वाइन की थी। ऐसे सरकारी कर्मचारी अब नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) की बजाय सेंट्रल सिविल सर्विसेज (पेंशन) रूल्स, 1972 का चयन कर सकते हैं।
जितेंद्र सिंह ने दिया बयान
इस संदर्भ में कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मामलों के मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार का यह आदेश सब कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा। यह सिर्फ उन्हीं कर्मचारियों पर लागू होगा जिनकी नियुक्ति की प्रक्रिया एक जनवरी 2004 को पूरी हो गई थी।
लंबे समय से मांग कर रहे थे कर्मचारी
इस ऐतिहासिक निर्णय से केंद्रीय कर्मियों की मांग पूरी हो गई है। जिन कर्मचारियों की भर्ती से जुड़ी प्रक्रिया तो पहली पूरी हो गई थी लेकिन जिन्होंने विभिन्न कारणों से नौकरी एक जनवरी, 2004 के बाद नौकरी ज्वाइन की थी, वे लंबे समय से इसकी मांग कर रहे थे। फैसला पेंशन एंड पेंशनर्स वेलफेयर डिपार्टमेंट द्वारा लिया गया है।
31 मई 2020 है आखिरी तारीख
ध्यान रहे कि इस विकल्प का चयन करने की आखिरी तारीख 31 मई 2020 है। यानी 31 मई तक जो कर्मचारी इस विकल्प का चयन नहीं करते हैं, वे एनपीएस कवर के तहत ही बने रहेंगे।
कर्मचारियों ने खटखटाया था कोर्ट का दरवाजा
मोदी सरकार ने इस फैसले के जरिए ऐसे कर्मचारियों की काफी समय से लंबित शिकायतों का निपटारा हो गया है, जिनके लिखित परीक्षा, साक्षात्कार और परिणाम एक जनवरी 2004 से पहले प्रकाशित हो गया था। लेकिन प्रशासनिक कारणों व अन्य तरह की देरी की वजह से कर्मचारी इस तारीख तक नौकरी ज्वाइन नहीं कर पाए थे। इसके लिए कई कर्मचारियों ने कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था। लेकिन अब इससे जुड़े मुकदमों में भी कमी आएगी ।
विस्तार
सरकार ने उन कर्मचारियों को पुराने पेंशन सिस्टम के तहत पेंशन देने का फैसला लिया है, जिनकी नियुक्ति एक जनवरी 2004 से पहले हो गई थी, लेकिन उन्होंने नौकरी इस तारीख उसके बाद ज्वाइन की थी। ऐसे सरकारी कर्मचारी अब नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) की बजाय सेंट्रल सिविल सर्विसेज (पेंशन) रूल्स, 1972 का चयन कर सकते हैं।
जितेंद्र सिंह ने दिया बयान
इस संदर्भ में कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मामलों के मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार का यह आदेश सब कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा। यह सिर्फ उन्हीं कर्मचारियों पर लागू होगा जिनकी नियुक्ति की प्रक्रिया एक जनवरी 2004 को पूरी हो गई थी।
लंबे समय से मांग कर रहे थे कर्मचारी
इस ऐतिहासिक निर्णय से केंद्रीय कर्मियों की मांग पूरी हो गई है। जिन कर्मचारियों की भर्ती से जुड़ी प्रक्रिया तो पहली पूरी हो गई थी लेकिन जिन्होंने विभिन्न कारणों से नौकरी एक जनवरी, 2004 के बाद नौकरी ज्वाइन की थी, वे लंबे समय से इसकी मांग कर रहे थे। फैसला पेंशन एंड पेंशनर्स वेलफेयर डिपार्टमेंट द्वारा लिया गया है।
31 मई 2020 है आखिरी तारीख
ध्यान रहे कि इस विकल्प का चयन करने की आखिरी तारीख 31 मई 2020 है। यानी 31 मई तक जो कर्मचारी इस विकल्प का चयन नहीं करते हैं, वे एनपीएस कवर के तहत ही बने रहेंगे।
कर्मचारियों ने खटखटाया था कोर्ट का दरवाजा
मोदी सरकार ने इस फैसले के जरिए ऐसे कर्मचारियों की काफी समय से लंबित शिकायतों का निपटारा हो गया है, जिनके लिखित परीक्षा, साक्षात्कार और परिणाम एक जनवरी 2004 से पहले प्रकाशित हो गया था। लेकिन प्रशासनिक कारणों व अन्य तरह की देरी की वजह से कर्मचारी इस तारीख तक नौकरी ज्वाइन नहीं कर पाए थे। इसके लिए कई कर्मचारियों ने कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था। लेकिन अब इससे जुड़े मुकदमों में भी कमी आएगी ।