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नेपाल, बांग्लादेश, मलयेशिया से लेकर श्रीलंका तक भारत के ज्यादातर पड़ोसी देशों में प्याज पर महंगाई की तगड़ी मार पड़ी है। दुनिया में प्याज के सबसे बड़े निर्यातक भारत के इसके निर्यात पर प्रतिबंध के फैसले से तो संकट कुछ ज्यादा ही गहरा गया है। दरअसल भारत अपने पड़ोसी देशों की प्याज की ज्यादातर जरूरत की भरपाई करता है। इसके चलते इन देशों को अब चीन, म्यांमार, मिस्र और तुर्की जैसे देशों का रुख करना पड़ रहा है।
भारत में भारी बारिश के चलते प्याज की फसल में देरी हो रही है, जिसके कीमतें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। पिछले रविवार को स्थानीय कीमतें 4,500 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर पहुंच गई थीं, जो लगभग छह साल का ऊपरी स्तर है। इसके चलते सरकार ने निर्यात पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया था। इसके चलते नेपाल में पिछले एक महीने के दौरान प्याज की कीमतें लगभग दोगुनी हो गई हैं। इसका असर दूसरे पड़ोसी देशों पर भी पड़ा है।
सरकारी अधिकारियों और ट्रेडर्स ने कहा कि प्रतिबंध के बाद बांग्लादेश जैसे देशों ने कीमतों को थामने के लिए म्यांमार, मिस्र, तुर्की और चीन जैसे देशों से प्याज की आपूर्ति बढ़ाने का अनुरोध करना शुरू कर दिया है। हालांकि भारतीय निर्यात की भरपाई करना आसान नहीं होगा।
कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण के मुताबिक, भारत ने वित्त वर्ष 2018-19 में 22 लाख टन प्याज का निर्यात किया था। ट्रेडर्स का अनुमान है कि यह आंकड़ा एशियाई देशों द्वारा किए जाने वाले कुल आयात की तुलना में दोगुने से भी ज्यादा है।
बांग्लादेश: 15 दिन दोगुने हुए दाम
बांग्लादेश के एक ट्रेडर मोहम्मद इदरीस ने कहा कि किसी अन्य स्थान से होने वाली वैकल्पिक आपूर्ति के महंगा होने से भी आयातकों का सिरदर्द बढ़ जाएगा। बांग्लादेश की राजधानी में महज 15 दिन के भीतर प्याज की कीमतें दोगुने बढ़कर 1.42 डॉलर (100 रुपये) प्रति किलो के आसपास पहुंच गए हैं, जो दिसंबर 2013 के बाद सबसे ज्यादा है। इदरीस ने कहा, ‘एशिया और यूरोप में कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं।’ हालांकि, भारत की तर्ज पर बांग्लादेश सरकार ने भी सब्सिडी पर प्याज की बिक्री करनी शुरू कर दी है।
श्रीलंका में एक हफ्ते में 50 फीसदी बढ़ी कीमत
उधर, हालात गंभीर होने के बाद श्रीलंका ने पहले ही मिस्र और चीन को प्याज का ऑर्डर दे दिया है। श्रीलंका में पिछले एक हफ्ते में प्याज के भाव लगभग 50 फीसदी बढ़कर 1.7 डॉलर (120 रुपये) प्रति किलो तक पहुंच गए हैं।
भारतीय प्याज के दूसरे बड़े खरीदार मलयेशिया ने निर्यात पर प्रतिबंध को अस्थायी बताया है। उधर मुंबई की प्याज निर्यातक संघ के अध्यक्ष अजीत शाह ने कहा कि भारत ने खुद कीमतों को थामने के लिए मिस्र से आयात करना शुरू कर दिया है।
सार
- महज एक महीने में भारत के पड़ोसी देशों में दोगुने हुए प्याज के दाम, निर्यात पर प्रतिबंध से गहराया संकट
- आपूर्ति की भरपाई के लिए चीन, म्यांमार, मिस्र जैसे देशों का रुख करने को हुए मजबूर
विस्तार
नेपाल, बांग्लादेश, मलयेशिया से लेकर श्रीलंका तक भारत के ज्यादातर पड़ोसी देशों में प्याज पर महंगाई की तगड़ी मार पड़ी है। दुनिया में प्याज के सबसे बड़े निर्यातक भारत के इसके निर्यात पर प्रतिबंध के फैसले से तो संकट कुछ ज्यादा ही गहरा गया है। दरअसल भारत अपने पड़ोसी देशों की प्याज की ज्यादातर जरूरत की भरपाई करता है। इसके चलते इन देशों को अब चीन, म्यांमार, मिस्र और तुर्की जैसे देशों का रुख करना पड़ रहा है।
भारत में भारी बारिश के चलते प्याज की फसल में देरी हो रही है, जिसके कीमतें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। पिछले रविवार को स्थानीय कीमतें 4,500 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर पहुंच गई थीं, जो लगभग छह साल का ऊपरी स्तर है। इसके चलते सरकार ने निर्यात पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया था। इसके चलते नेपाल में पिछले एक महीने के दौरान प्याज की कीमतें लगभग दोगुनी हो गई हैं। इसका असर दूसरे पड़ोसी देशों पर भी पड़ा है।
सरकारी अधिकारियों और ट्रेडर्स ने कहा कि प्रतिबंध के बाद बांग्लादेश जैसे देशों ने कीमतों को थामने के लिए म्यांमार, मिस्र, तुर्की और चीन जैसे देशों से प्याज की आपूर्ति बढ़ाने का अनुरोध करना शुरू कर दिया है। हालांकि भारतीय निर्यात की भरपाई करना आसान नहीं होगा।
कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण के मुताबिक, भारत ने वित्त वर्ष 2018-19 में 22 लाख टन प्याज का निर्यात किया था। ट्रेडर्स का अनुमान है कि यह आंकड़ा एशियाई देशों द्वारा किए जाने वाले कुल आयात की तुलना में दोगुने से भी ज्यादा है।
बांग्लादेश: 15 दिन दोगुने हुए दाम
बांग्लादेश के एक ट्रेडर मोहम्मद इदरीस ने कहा कि किसी अन्य स्थान से होने वाली वैकल्पिक आपूर्ति के महंगा होने से भी आयातकों का सिरदर्द बढ़ जाएगा। बांग्लादेश की राजधानी में महज 15 दिन के भीतर प्याज की कीमतें दोगुने बढ़कर 1.42 डॉलर (100 रुपये) प्रति किलो के आसपास पहुंच गए हैं, जो दिसंबर 2013 के बाद सबसे ज्यादा है। इदरीस ने कहा, ‘एशिया और यूरोप में कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं।’ हालांकि, भारत की तर्ज पर बांग्लादेश सरकार ने भी सब्सिडी पर प्याज की बिक्री करनी शुरू कर दी है।
श्रीलंका में एक हफ्ते में 50 फीसदी बढ़ी कीमत
उधर, हालात गंभीर होने के बाद श्रीलंका ने पहले ही मिस्र और चीन को प्याज का ऑर्डर दे दिया है। श्रीलंका में पिछले एक हफ्ते में प्याज के भाव लगभग 50 फीसदी बढ़कर 1.7 डॉलर (120 रुपये) प्रति किलो तक पहुंच गए हैं।
भारतीय प्याज के दूसरे बड़े खरीदार मलयेशिया ने निर्यात पर प्रतिबंध को अस्थायी बताया है। उधर मुंबई की प्याज निर्यातक संघ के अध्यक्ष अजीत शाह ने कहा कि भारत ने खुद कीमतों को थामने के लिए मिस्र से आयात करना शुरू कर दिया है।