केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को लोकसभा में केंद्रीय बजट 2022 पर जवाब दिया। उन्होंने कहा कि इस देश में 44 यूनिकॉर्न की पहचान की गई है। उन्होंने काफी दौलत बनाई है। देश के विकास में अहम योगदान दिया है। वे भारत की प्रतिभा और नवाचार को आगे ले जा रहे हैं। खास बात यह है कि यह सब 2020 और 2021 के बीच हुआ है। ऐसे वक्त जब सिर्फ भारत ही नहीं, पूरी दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही थी। दरअसल, जब किसी भी प्राइवेट कंपनी का वैल्यूएशन एक बिलियन डॉलर से ज्यादा हो जाता है, तो उस कंपनी को फाइनेंशियल दुनिया में यूनिकॉर्न स्टार्टअप कहा जाता है।
उन्होंने कहा कि भारत में हर गांव में बिजली पहुंचाइ जा रही है। विद्युतीकरण की रफ्तार लगातार बढ़ाई जा रही है। कांग्रेस शासन के दौरान अंधकाल काफी प्रचलित था, जबकि अब हर गांव में और हर घर में बिजली है। उन्होंने मनरेगा पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि मनरेगा एक मांग आधारित कार्यक्रम है। जब भी मांग होती है, हम अतिरिक्त आवश्यक राशि देते हैं। हालांकि, सीतारमण के जवाब के दौरान कांग्रेस, आईयूएमएल और डीएमके ने वाकआउट किया। इस पर मंत्री ने कहा कि कांग्रेस के पास सदन में बैठने और सच्चाई का सामना करने का धैर्य नहीं है। इसके बजाय वे भाग जाते हैं।
लोकसभा में विपक्ष द्वारा बायकॉट किए जाने पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हमने जो सवाल सरकार से किए उसका जवाब नहीं दिया गया। वित्त मंत्री होते हुए भी उन्होंने यूपीए के कार्यकाल पर झूठे इलजाम लगाए। हमने कहा कि इलजाम लगाने से पहले प्रस्ताव लाएं। वहीं, वित्त राज्य मंत्री भागवत कराडी ने बताया कि बजट पर पूछे गए तमाम सवालों के तुलनात्मक जवाब निर्मला सीतारमण ने दिए हैं। उन्होंने सारी बातें बताईं कि हमने किसानों के लिए क्या किया, कितना रोजगार दिया। विपक्षी दल इसे पचा नहीं पाए और सदन से बाहर चले गए।
सीतारमण के जवाब की अहम बातें
- 2020-21 में कोविड-19 की वजह से जीडीपी में 9.57 लाख करोड़ रुपये की गिरावट आई।
- शहरों में बेरोजगारी घटकर महामारी-पूर्व के स्तर पर आई।
- बैंकों ने आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना के तहत एमएसमएई क्षेत्र को 3.10 लाख करोड़ रुपये के ऋण मंजूर किए।
- प्रधानमंत्री मुद्रा योजना को 2015 में पेश किया गया था। तब से इस योजना के तहत 1.2 करोड़ अतिरिक्त रोजगार के अवसरों का सृजन हुआ है।
- अमृतकाल की तरफ बढ़ने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार ने कई कदम उठाए हैं।
- आज जनधन योजना के कारण सभी भारतीय समस्त वित्तीय व्यवस्थाओं से जुड़े हैं और इन खातों में 1.57 लाख करोड़ रुपये जमा हैं। इनमें 55.6 प्रतिशत खाते महिलाओं के हैं।
- देश में 2020-21 में 44 यूनिकॉर्न (एक अरब डॉलर से अधिक के मूल्यांकन वाली इकाइयां) बने, जो अमृत काल का ही संकेत है।
- देश में रोजगार की स्थिति में अब सुधार का संकेत दिख रहा है। शहरों में बेरोजगारी अब कोविड-पूर्व के स्तर पर आ गई है।
राज्यसभा में बजट पर चर्चा के दौरान हुई दिलचस्प बहस
इससे पहले राज्यसभा में आम बजट 2022-23 पर चर्चा के दौरान विपक्ष और सत्ताधारी पार्टी के बीच स्थानीय या क्षेत्रीय भाषाओं में एक-दूसरे को घेरने की कोशिश की। कांग्रेस की ओ से पूछा गया कि बजट में का बा? इसके जवाब में सरकार की ओर से दावा किया गया कि बजट में सब बा।
दरअसल, चर्चा के दौरान छत्तीसगढ़ से कांग्रेस की सांसद छाया वर्मा ने आम बजट 2022-23 में गरीबों के हित के लिए कोई घोषणा नहीं होने का दावा करते हुए सरकार से सवाल किया कि बजट में का बा? गरीबन खातिर का बा? इस पर झारखंड से भाजपा के सांसद महेश पोद्दार ने जवाब उन्हीं के अंदाज में दिया।
उन्होंने कहा कि हम बोलेंगे भैया बजटवा में बहुत कुछ बा। अब सुनी! 75 से 100 साल के रास्ता बा। रोजगार के जुगाड़ बा। गरीबन के खातिर घर बा। नल से जल बा। नयका ट्रेन बा, बड़का-बड़का सड़क बा, गांव में सड़क बा, गंगा के केमिकल से मुक्ति बा, भारत में बनत देसी जहाज बा। कोरोना से उपाय बा, भारत के महाशक्ति बनावे के उपाय बा। क्रिप्टो पर टैक्स बा! पीएम गति शक्ति मास्टर प्लान बा? 5G आवत बा! पोस्ट ऑफिस में एटीएम बा! पूर्वांचल के विकास बा!
विस्तार
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को लोकसभा में केंद्रीय बजट 2022 पर जवाब दिया। उन्होंने कहा कि इस देश में 44 यूनिकॉर्न की पहचान की गई है। उन्होंने काफी दौलत बनाई है। देश के विकास में अहम योगदान दिया है। वे भारत की प्रतिभा और नवाचार को आगे ले जा रहे हैं। खास बात यह है कि यह सब 2020 और 2021 के बीच हुआ है। ऐसे वक्त जब सिर्फ भारत ही नहीं, पूरी दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही थी। दरअसल, जब किसी भी प्राइवेट कंपनी का वैल्यूएशन एक बिलियन डॉलर से ज्यादा हो जाता है, तो उस कंपनी को फाइनेंशियल दुनिया में यूनिकॉर्न स्टार्टअप कहा जाता है।
उन्होंने कहा कि भारत में हर गांव में बिजली पहुंचाइ जा रही है। विद्युतीकरण की रफ्तार लगातार बढ़ाई जा रही है। कांग्रेस शासन के दौरान अंधकाल काफी प्रचलित था, जबकि अब हर गांव में और हर घर में बिजली है। उन्होंने मनरेगा पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि मनरेगा एक मांग आधारित कार्यक्रम है। जब भी मांग होती है, हम अतिरिक्त आवश्यक राशि देते हैं। हालांकि, सीतारमण के जवाब के दौरान कांग्रेस, आईयूएमएल और डीएमके ने वाकआउट किया। इस पर मंत्री ने कहा कि कांग्रेस के पास सदन में बैठने और सच्चाई का सामना करने का धैर्य नहीं है। इसके बजाय वे भाग जाते हैं।
लोकसभा में विपक्ष द्वारा बायकॉट किए जाने पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हमने जो सवाल सरकार से किए उसका जवाब नहीं दिया गया। वित्त मंत्री होते हुए भी उन्होंने यूपीए के कार्यकाल पर झूठे इलजाम लगाए। हमने कहा कि इलजाम लगाने से पहले प्रस्ताव लाएं। वहीं, वित्त राज्य मंत्री भागवत कराडी ने बताया कि बजट पर पूछे गए तमाम सवालों के तुलनात्मक जवाब निर्मला सीतारमण ने दिए हैं। उन्होंने सारी बातें बताईं कि हमने किसानों के लिए क्या किया, कितना रोजगार दिया। विपक्षी दल इसे पचा नहीं पाए और सदन से बाहर चले गए।
सीतारमण के जवाब की अहम बातें
- 2020-21 में कोविड-19 की वजह से जीडीपी में 9.57 लाख करोड़ रुपये की गिरावट आई।
- शहरों में बेरोजगारी घटकर महामारी-पूर्व के स्तर पर आई।
- बैंकों ने आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना के तहत एमएसमएई क्षेत्र को 3.10 लाख करोड़ रुपये के ऋण मंजूर किए।
- प्रधानमंत्री मुद्रा योजना को 2015 में पेश किया गया था। तब से इस योजना के तहत 1.2 करोड़ अतिरिक्त रोजगार के अवसरों का सृजन हुआ है।
- अमृतकाल की तरफ बढ़ने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार ने कई कदम उठाए हैं।
- आज जनधन योजना के कारण सभी भारतीय समस्त वित्तीय व्यवस्थाओं से जुड़े हैं और इन खातों में 1.57 लाख करोड़ रुपये जमा हैं। इनमें 55.6 प्रतिशत खाते महिलाओं के हैं।
- देश में 2020-21 में 44 यूनिकॉर्न (एक अरब डॉलर से अधिक के मूल्यांकन वाली इकाइयां) बने, जो अमृत काल का ही संकेत है।
- देश में रोजगार की स्थिति में अब सुधार का संकेत दिख रहा है। शहरों में बेरोजगारी अब कोविड-पूर्व के स्तर पर आ गई है।
राज्यसभा में बजट पर चर्चा के दौरान हुई दिलचस्प बहस
इससे पहले राज्यसभा में आम बजट 2022-23 पर चर्चा के दौरान विपक्ष और सत्ताधारी पार्टी के बीच स्थानीय या क्षेत्रीय भाषाओं में एक-दूसरे को घेरने की कोशिश की। कांग्रेस की ओ से पूछा गया कि बजट में का बा? इसके जवाब में सरकार की ओर से दावा किया गया कि बजट में सब बा।
दरअसल, चर्चा के दौरान छत्तीसगढ़ से कांग्रेस की सांसद छाया वर्मा ने आम बजट 2022-23 में गरीबों के हित के लिए कोई घोषणा नहीं होने का दावा करते हुए सरकार से सवाल किया कि बजट में का बा? गरीबन खातिर का बा? इस पर झारखंड से भाजपा के सांसद महेश पोद्दार ने जवाब उन्हीं के अंदाज में दिया।
उन्होंने कहा कि हम बोलेंगे भैया बजटवा में बहुत कुछ बा। अब सुनी! 75 से 100 साल के रास्ता बा। रोजगार के जुगाड़ बा। गरीबन के खातिर घर बा। नल से जल बा। नयका ट्रेन बा, बड़का-बड़का सड़क बा, गांव में सड़क बा, गंगा के केमिकल से मुक्ति बा, भारत में बनत देसी जहाज बा। कोरोना से उपाय बा, भारत के महाशक्ति बनावे के उपाय बा। क्रिप्टो पर टैक्स बा! पीएम गति शक्ति मास्टर प्लान बा? 5G आवत बा! पोस्ट ऑफिस में एटीएम बा! पूर्वांचल के विकास बा!