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Forbes Philanthropy List: गौतम अदाणी एशिया के टॉप तीन 'दानवीरों' में, इन भारतीयों ने भी किया खूब 'परोपकार'

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: विवेक दास Updated Tue, 06 Dec 2022 05:44 PM IST
सार

Forbes Philanthropy List: 60 वर्षीय गौतम अदाणी अदाणी ग्रुप के संस्थापक हैं। यह ग्रुप भारत का सबसे बड़ा पोर्ट ऑपरेटर है। यह ग्रुप आधारभूत संरचना, उपभोक्ता वस्तुओं, बिजली उत्पादन व संचरण व रियल एस्टेट के कारोबार से जुड़ा है।

उद्योगपति गौतम अडाणी।
उद्योगपति गौतम अडाणी। - फोटो : amar ujala

विस्तार

दुनिया के सबसे अमीर कारोबारियों की लिस्ट में शुमार गौतम अदाणी परोपकार के मामले में भी पीछे नहीं हैं। गौतम अदाणी का नाम फाेर्ब्स की ओर से प्रकाशित एशियाई दानवीरों की सूची के 16 वें संस्करण में टॉप थ्री शामिल किया है। उनके अलावे इस लिस्ट में एचसीएल टेक्नोलॉजीज के शिव नादर, हैप्पीएस्ट माइंड्स टेक्नोलाॅजीज के अशोक सूटा का नाम शामिल हैं। एशिया के टाॅप दानवीरों की यह सूची मंगलवार को जारी की गई।

पिछले वर्ष जून में अदाणी ने दान में दी थी 60,000 करोड़ रुपये की राशि

गौतम अदाणी।
गौतम अदाणी। - फोटो : Amar Ujala
अदाणी ग्रुप के मुखिया गौतम अदाणी को इस लिस्ट में पिछले वर्ष जून में अपने 60वें जन्मदिन के मौके पर 60,000 करोड़ रुपये का दान करने के बाद जगह मिली है। इतनी बड़ी राशि परोपकार के लिए खर्च करने की घोषणा कर वे भारत के सबसे बड़े दानवीर बन गए। यह राशि स्वास्थ्य, शिक्षा और स्किल डेवलपमेंट पर खर्च होनी है। इस राशि को अदाणी परिवार के फाउंडेशन की ओर से खर्च की जाएगी, जिसकी स्थापना वर्ष 1996 में की गई थी।

अदाणी भारत में सबसे बड़ा पोर्ट ऑपरेट करने वाली कंपनी के मुखिया हैं

गुजरात का मुंद्रा पोर्ट।
गुजरात का मुंद्रा पोर्ट। - फोटो : Social Media
60 वर्षीय गौतम अदाणी अदाणी ग्रुप के संस्थापक हैं। यह ग्रुप भारत का सबसे बड़ा पोर्ट ऑपरेटर है। यह ग्रुप आधारभूत संरचना, उपभोक्ता वस्तुओं, बिजली उत्पादन व संचरण व रियल एस्टेट के कारोबार से जुड़ा है। गौतम अदाणी की संपत्ति में वर्ष 2022 में बड़ा इजाफा हुआ है। वे कुछ समय के लिए दुनिया के दूसरे सबसे धनवान उद्योगपति भी रहे। 

एचसीएल के मुखिया शिव नादर ने 11,600 करोड़ रुपये की राशि दान में दी

shiv nadar
shiv nadar - फोटो : facebook/https://www.facebook.com/vigneshmurugesan95
इस लिस्ट में दूसरा भारतीय नाम शिव नादर का है। पिछले कुछ दशकों के दौरान शिव नादर फाउंडेशन के माध्यम से वे अपनी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा परोपकारी कार्यों पर खर्च कर चुके हैं। इस वर्ष भी वे करीब 11,600 करोड़ रुपये शिव नादर फाउंडेशन को दान कर चुके हैं, जिसकी स्थापना उन्होंने 1994 में की थी। इसका उद्देश्य शिक्षा के माध्यम से लोगों को सशक्त करते हुए एक न्यायसंगत और योग्यता आधारित समाज बनाना था

नादर ने कला और संस्कृति को बढ़ावा देने वाले शिक्षण संस्थानों की स्थापना के लिए दी मदद

एचसीएल के चेयरमेन शिव नादर (फाइल फोटो)
एचसीएल के चेयरमेन शिव नादर (फाइल फोटो) - फोटो : Social Media
'शिव नादर, एचसीएल टेक्नोलॉजीज के सह-संस्थापक हैं पर उन्होंने आईटी कंपनी के सभी पदों से वर्ष 2021 में इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने शिवनादर फाउंडेशन के माध्यम से कला और संस्कृति को बढ़ावा देने वाले शिक्षण संस्थानों जिनमें स्कूल व विश्वविद्यालय शामिल हैं स्थापित करने में मदद की है। इस फाउंडेशन के दूसरे ट्रस्टियों में उनकी पत्नी किरण नादर, बेटी रोशनी नादर और दामाद शिखर मल्होत्रा का नाम है।

हैप्पीएस्ट माइंड्स के अशोक सूटा ने दाना में दिए 600 करोड़ रुपये

ashok soota
ashok soota - फोटो : social media
फोर्ब्स के परोपकारियों की लिस्ट में तीसरे भारतीय का नाम है अशोक सूटा। उन्होंने इस वर्ष 600 करोड़ रुपये का दान किया है। यह राशि उन्होंने अप्रैल 2021 में स्थापित मेडिकल रिसर्ज ट्रस्ट के माध्यम से खर्च करने की बात कही थी। इस राशि को बढ़ती उम्र और न्यूरोलॉजिकल बीमारियों से संबंधित अध्ययन पर खर्च करने की बात कही गई थी। उन्होंने एसकेएन (SKAN- Scientific Knowledge for Ageing and Neurological Ailments) की स्थापना 200 करोड़ रुपये के दान के साथ की थी, आगे चलकर इस राशि को तीन गुना कर दिया गया।

फोर्ब्स ने कहा- इस सूची में एशिया-प्रशांत क्षेत्र के व्यक्तिगत रूप से परोपकार करने वालों को शामिल किया गया

फोर्ब्स की परोपकारियों की सूची।
फोर्ब्स की परोपकारियों की सूची। - फोटो : Agency (File Photo)
फोर्ब्स के अनुसार, इस गैर-रैंक वाली सूची में एशिया-प्रशांत क्षेत्र के व्यक्तिगत रूप से परोपकार करने वाले लोगों को शामिल किया गया है। इसमें वे लोग शामिल हैं जो परोपकार के लिए अपनी कमायी हुई राशि से दान देने के साथ-साथ उसके क्रियान्वयन के लिए अपना समय और ध्यान दें रहे हैं। इस सूची में कंपनियों की ओर सीएसआर के तहत खर्च की जाने वाली राशि शामिल नहीं की गई है।
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