साल 2018 में बोधगया के महाबोधि मंदिर परिसर में आईईडी लगाने के अपराध में एक विशेष एनआईए (राष्ट्री जांच एजेंसी) अदालत ने आतंकवादी संगठन जमात-उल मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के आठ सदस्यों को दोषी करार दिया। एजेंसी के एक अधिकारी ने बताया कि सभी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत दोषी ठहराया गया है।
जिन लोगों को इस मामले में दोषी करार दिया गया है उनके नाम पैगंबर शेख, अहमद अली, नूर आलम मोमिन, आदिल शेख, दिलवर हुसैन, अब्दुल करीम, मुस्तफिजुर रहमान और आरिफ हुसैन हैं। एनआईए के एक अधिकारी ने बताया कि यह मामला मंदिर के अंदर और उसके आस-पास तीन आईईडी लगाने का है। पहला आईईडी कालचक्र मैदान के पांच नंबर गेट पर मिला था जिसमें इसे निष्क्रिय करते समय धमाका हो गया था।
17 अगस्त को विशेष अदालत करेगी सजा का एलान
अधिकारी ने बताया कि इसके अलावा एक जिंदा आईईडी महाबोधि मंदिर के गेट नंबर चार पर एक श्रीलंका के मठ की सीढ़ियों के पास मिला था। दोषियों ने यह साजिश दलाई लामा और बिहार के राज्यपाल की मंदिर यात्रा के दौरान रची थी। एजेंसी ने इस मामले में सितंबर 2018 में आरोपपत्र दाखिल किया था और जनवरी 2012 में पूरक आरोपपत्र दाखिल किया था। विशेष अदालत दोषियों को सजा का एलान 17 दिसंबर को करेगी।
19 जनवरी को महाबोधि मंदिर में लगाए थे आईईडी
एनआईए ने बताया कि आठों दोषियों ने इस साजिश को अंजाम देने के लिए आपस में सपर्क किया, साथ में सफर किया, साजिश रची और विस्फोटक खरीदे। 19 जनवरी को इन्होंने मंदिर परिसर में तीनों आईईडी लगाए थे। एजेंसी ने इस घटना को लेकर तीन फरवरी 2018 को मामला दर्ज किया था। पिछले महीने एक अन्य मामले में एनआईए ने पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना से जेएमबी के एक आतंकी को गिरफ्तार किया था।
विस्तार
साल 2018 में बोधगया के महाबोधि मंदिर परिसर में आईईडी लगाने के अपराध में एक विशेष एनआईए (राष्ट्री जांच एजेंसी) अदालत ने आतंकवादी संगठन जमात-उल मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के आठ सदस्यों को दोषी करार दिया। एजेंसी के एक अधिकारी ने बताया कि सभी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत दोषी ठहराया गया है।
जिन लोगों को इस मामले में दोषी करार दिया गया है उनके नाम पैगंबर शेख, अहमद अली, नूर आलम मोमिन, आदिल शेख, दिलवर हुसैन, अब्दुल करीम, मुस्तफिजुर रहमान और आरिफ हुसैन हैं। एनआईए के एक अधिकारी ने बताया कि यह मामला मंदिर के अंदर और उसके आस-पास तीन आईईडी लगाने का है। पहला आईईडी कालचक्र मैदान के पांच नंबर गेट पर मिला था जिसमें इसे निष्क्रिय करते समय धमाका हो गया था।
17 अगस्त को विशेष अदालत करेगी सजा का एलान
अधिकारी ने बताया कि इसके अलावा एक जिंदा आईईडी महाबोधि मंदिर के गेट नंबर चार पर एक श्रीलंका के मठ की सीढ़ियों के पास मिला था। दोषियों ने यह साजिश दलाई लामा और बिहार के राज्यपाल की मंदिर यात्रा के दौरान रची थी। एजेंसी ने इस मामले में सितंबर 2018 में आरोपपत्र दाखिल किया था और जनवरी 2012 में पूरक आरोपपत्र दाखिल किया था। विशेष अदालत दोषियों को सजा का एलान 17 दिसंबर को करेगी।
19 जनवरी को महाबोधि मंदिर में लगाए थे आईईडी
एनआईए ने बताया कि आठों दोषियों ने इस साजिश को अंजाम देने के लिए आपस में सपर्क किया, साथ में सफर किया, साजिश रची और विस्फोटक खरीदे। 19 जनवरी को इन्होंने मंदिर परिसर में तीनों आईईडी लगाए थे। एजेंसी ने इस घटना को लेकर तीन फरवरी 2018 को मामला दर्ज किया था। पिछले महीने एक अन्य मामले में एनआईए ने पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना से जेएमबी के एक आतंकी को गिरफ्तार किया था।