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Bihar Board Matric result topper verification done, girls dominate 10th result, bseb matric topper
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Bihar Board Result : मैट्रिक टॉपर्स सूची में लड़कियां रहेंगी ज्यादा, जानिए कौन बन रहे टॉपर
कृष्ण बल्लभ नारायण, पटना
Published by: कुमार जितेंद्र ज्योति
Updated Mon, 27 Mar 2023 06:18 PM IST
सार
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Bihar Board Matric Toppers : मैट्रिक परीक्षा का परिणाम तैयार हो गया है। टॉपर्स की सूची बनाने के बाद रविवार तक उनका वेरीफिकेशन भी हो चुका है। 'अमर उजाला’ बता रहा है कि मैट्रिक परीक्षा में टॉपर कौन होंगे।
बिहार बोर्ड ने टॉपर्स वेरीफिकेशन की प्रक्रिया पूरी कर ली।
- फोटो : अमर उजाला
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (Bihar Board) की मैट्रिक परीक्षा का परिणाम तैयार हो गया है। टॉपर्स की सूची बनाने के बाद रविवार तक उनका वेरीफिकेशन भी हो चुका है। अब यह भी तय हो गया है कि टॉपर्स सूची में लड़कियों का जलवा है। इसी महीने 29 से 31 तारीख के बीच मैट्रिक परीक्षा का परिणाम घोषित होगा। 'अमर उजाला’ बता रहा है कि मैट्रिक परीक्षा में टॉपर कौन होंगे।
इनमें से ही पूछे गए थे प्रश्न।
- फोटो : अमर उजाला
रविवार तक किया गया वेरीफिकेशन
टॉपर घोषित करने से पहले सर्वाधिक नंबर लाने वाले पूरे बिहार के परीक्षार्थियों को बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर के निर्देश पर रविवार तक वेरीफिकेशन के लिए बोर्ड मुख्यालय में बुलाया गया था। इंटर परीक्षा का परिणाम जारी करने के साथ ही अध्यक्ष ने 'अमर उजाला’ से विशेष बातचीत में 31 मार्च तक परिणाम जारी करने के नजरिए से तैयारी कराने की बात कही थी।
इनमें से ही पूछे गए थे प्रश्न।
- फोटो : अमर उजाला
हैंड राइटिंग का भौतिक सत्यापन हुआ
करीब 250 परीक्षार्थियों में से छानकर टॉपर घोषित करेगा। इसमें कोई फर्जी टॉपर नहीं बन जाए, इसके लिए पिछले हफ्ते में रविवार तक सर्वाधिक नंबर वाले मैट्रिक परीक्षार्थी की उत्तर पुस्तिकाओं से हैंड राइटिंग का भौतिक सत्यापन किया गया। मतलब, लिखवा कर देखा गया कि परीक्षार्थी ने किसी दूसरे को तो नहीं बैठाया था।
इनमें से ही पूछे गए थे प्रश्न।
- फोटो : अमर उजाला
तीन पैमानों पर जांची गई योग्यता
करेक्ट, क्लियर और कॉन्फिडेंट...इन तीन पैमानों पर वेरीफिकेशन किया गया। वेरीफिकेशन के दौरान सर्वाधिक अंक लाने वालों को बारी-बारी कर एक्सपर्ट के सामने बुलाकर परखा गया कि वह प्रश्नों के उत्तर सही दे रहे हैं या नहीं। यह भी देखा गया कि जवाब देते समय क्लियरिटी है या नहीं, मतलब कन्फ्यूजन या अंदाजन तो नहीं है। इसके साथ ही यह भी देखा गया कि परीक्षार्थी कॉन्फिडेंट है या नहीं, मतलब अगर मीडिया के सामने पड़ा तो हिचकिचाएगा तो नहीं।
इनमें से ही पूछे गए थे प्रश्न।
- फोटो : अमर उजाला
सवाल ऑब्जेक्टिव, जवाब मौखिक
परीक्षार्थियों को टॉपर सूची में रखने या नहीं रखने के लिए करीब 100 सवालों के साथ एक्सपर्ट बैठे थे। ज्यादातर सवाल मैट्रिक परीक्षार्थियों के लिए आसान थे, हालांकि कुछ फंसाने वाले भी थे। खासकर हिंदी में पूछे गए वैज्ञानिक या गणितीय टर्म को लेकर परीक्षार्थी फंसे भी। कई परीक्षार्थियों से उनके जीवन का लक्ष्य भी पूछा गया तो कई से उनके जिले या पसंदीदा विषय के बारे में भी बोलने के लिए कहा गया।
इनमें से ही पूछे गए थे प्रश्न।
- फोटो : अमर उजाला
29 से 31 के बीच घोषित होंगे परिणाम-टॉपर
बिहार बोर्ड को परीक्षाफल देने से पहले टॉपर्स वेरीफिकेशन की प्रक्रिया करनी होती है। परीक्षाफल जारी होने के पहले की यह अंतिम प्रक्रिया है। इसके बाद टॉपर्स की सूची बनाई जाती है, जिसमें देखा जाता है कि सर्वाधिक नंबर वाले कितने परीक्षार्थी हैं। उन सभी को टॉप 1 में रखा जाएगा। उसके बाद जिन सभी का प्राप्तांक होगा, उन्हें सेकंड टॉपर के रूप में घोषित किया जाएगा। टॉप 10 तक अगर परीक्षार्थियों की संख्या ज्यादा रहेगी, जैसी संभावना है- तो संभव है कि टॉप 5 या टॉप 6 तक ही टॉपर्स की सूची जारी हो। इंटर परीक्षा में टॉप 6 की सूची जारी की गई थी।
इनमें से ही पूछे गए थे प्रश्न।
- फोटो : अमर उजाला
सुपौल, नालंदा, औरंगाबाद का जलवा
‘अमर उजाला’ ने वेरीफिकेशन के लिए आए परीक्षार्थियों से मिलकर जाना कि उनसे कैसे और क्या सवाल पूछे गए। तीन दिनों तक सुबह 8 बजे से दोपहर बाद तीन बजे तक करीब सवाल सौ परीक्षार्थियों से बात की गई। जब सवाल रिपीट होने लगे, तब नोट करना बंद किया गया। सामने आया कि करीब 100 सवाल घुमा-फिरा या रैंडम आधार पर पूछे गए थे। करीब 200 परीक्षार्थियों में सबसे ज्यादा वेरीफिकेशन के लिए सुपौल, नालंदा, औरंगाबाद- इन तीन जिलों के परीक्षार्थी आए थे। इंटर परीक्षा में भी औरंगाबाद का जलवा दिखा था।
इन 100 में से ही औसतन 10 सवाल पूछे गए थे।
- फोटो : अमर उजाला
सिमुलतला आवासीय विद्यालय से भी टॉपर
इंटर परीक्षा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट सिमुलतला आवासीय विद्यालय जमुई से टॉपर नहीं थे। इंटर के वेरीफिकेशन में ही इन्हें मौका नहीं मिला था। मैट्रिक में 20 से ज्यादा बच्चे सिमुलतला आवासीय विद्यालय से आए थे। इनमें दो-तीन को छोड़ बाकी लड़कियां थी। वैसे, पूरे वेरीफिकेशन के दौरान लड़कियों की तादाद सबसे ज्यादा थी। मतलब, टॉपर्स की सूची में लड़कियां ज्यादा रहेंगी- तय है।
इन 100 में से ही औसतन 10 सवाल पूछे गए थे।
- फोटो : अमर उजाला
सभी तरह के सवाल पूछे गए
मैट्रिक में चूंकि हर विषय पढ़ना होता है, इसलिए टॉपर चुनने के लिए भी परीक्षार्थियों से लगभग हर विषय से सवाल पूछे गए। किसी से हिंदी की लाइन को संस्कृत में बदलने कहा गया तो किसी को अंग्रेजी में। इसी तरह किसी से साइंस का सवाल पूछने के बाद इतिहार से जुड़ी जानकारी पूछ ली गई। अलग सवालों के पीछे परीक्षार्थी की ओवरऑल जानकारी का पता लगाना था।
इन 100 में से ही औसतन 10 सवाल पूछे गए थे।
- फोटो : अमर उजाला
परीक्षार्थियों का मन भारी नहीं हो, रखा ख्याल
वेरीफिकेशन के लिए आए परीक्षार्थियों की तैयारी भी अच्छी थी और बोर्ड ने भी ख्याल रखा था कि कोई संभावित टॉपर किसी दबाव में आकर आत्मविश्वास न खो दे। इसलिए परीक्षार्थियों से सवाल पूछने के पहले सामान्य माहौल देने का प्रयास किया गया था। परीक्षार्थियों ने वेरीफिकेशन के बाद बताया कि वह किसी दबाव में नहीं थे और आसानी से जवाब देकर आए हैं। ज्यादातर लड़कियों ने कहा कि उन्हें सभी सवालों के जवाब आते थे, क्योंकि यह कोर्स से ही थे।
इन 100 में से ही औसतन 10 सवाल पूछे गए थे।
- फोटो : अमर उजाला
किरकिरी से बचने के लिए निकाला रास्ता
बिहार बोर्ड ने टॉपर्स घोटाले से बचने के लिए रिजल्ट में टॉपर घोषित करने के पहले परीक्षार्थियों के भौतिक सत्यापन की यह प्रक्रिया अपनाई है। दरअसल, बोर्ड के रिजल्ट के बाद कई बार टॉपर मीडिया के सामान्य सवालों का जवाब नहीं दे पाते थे। एक इंटर टॉपर के कारण पूरे देश में बिहार बोर्ड की बहुत ज्यादा बेइज्जती हो गई थी, जब उसने विषय का ही नाम गलत बता दिया था और स्पेलिंग भी गलत बता रही थी। वह इकलौता केस नहीं था। इसलिए बोर्ड ने वेरीफिकेशन के बगैर टॉपर घोषित करने की परंपरा ही खत्म कर दी।
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