सड़कों पर यातायात नियमों का पालन नहीं करना हादसों को दावत देता है। सड़कों पर होने वाली इन दुर्घटनाओं की वजह से बड़ी संख्या में लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है। सड़क हादसों में मरने वाले लोगों में वो लोग भी शामिल होते हैं जिनकी कोई गलती नहीं होती, बल्कि वो तो नियमों का पालन कर रहे होते हैं। नियम तोड़ने वाले लोगों पर लगाम कसने और सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए थे। इनमें नया मोटर व्हीकल एक्ट भी शामिल है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को संसद को बताया कि मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम को लागू करने के बाद से यातायात नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में अब तक करीब 8 करोड़ चालान काटे जा चुके हैं। केंद्र सरकार ने एक सितंबर 2019 को नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू किया था। तक से लेकर अब तक ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले करोड़ों लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए और ट्रैफिक नियमों के सही ढंग से पालन करने के लिए 5 अगस्त 2019 को संसद में मोटर एक्ट (संशोधन) बिल पारित किया गया था। जिसके बाद राष्ट्रपति ने 9 अगस्त 2019 को इस बिल को मंजूरी दी थी। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने 2019-20 का आंकड़ा पेश करते हुए बताया कि जहां वर्ष 2019 में सड़क दुघर्टनाओं के 4,49,002 मामले सामने आए थे, वहीं वर्ष 2020 में मामलों की संख्या घटकर 3,66,138 हो गई। जो बेहतर संकेत है।
नए संशोधित अधिनियम के लागू होने के बाद से चालान की संख्या में भारी इजाफा हुआ है। गडकरी ने संसद को बताया कि मंत्रालय ने शिक्षा, इंजीनियरिंग (सड़क और वाहन दोनों), प्रवर्तन और आपातकालीन देखभाल के आधार पर सड़क सुरक्षा के मुद्दे को हल करने के लिए एक कई तरीके अपनाएं हैं।
देश में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए हर संभव कोशिशें की जा रही हैं। नए नियमों के जरिए सड़क हादसों पर नियंत्रण करने का प्रयास जारी है। कुछ आंकड़ों की तुलना करें तो दो सालों में चालानी कार्रवाई में बड़ा अतंर आया है। नया कानून लागू होने के बाद 7,67,81,726 के चालान काटे गए हैं। वहीं इसी अवधि में इससे पूर्व 1,96, 58, 897 ट्रैफिक चालान किए गए थे।
मोटर व्हीकल (संशोधन) एक्ट 2019 पास होने के बाद इस पर खूब हंगामा हुआ था। दरअसल, कानून में अन्य बदलावों के अलावा इसमें ट्रैफिक के नियम तोड़ने पर भारी जुर्माने का प्रावधान किया गया था। नए कानून के तहत शराब पीकर गाड़ी चलाने का जुर्माना 2000 रुपये से बढ़ाकर 10 हजार किया गया था। इसके अलावा रैश ड्राइविंग का जुर्माना 1000 से बढ़ाकर 5000 रुपये किया गया था। बिना लाइसेंस के गाड़ी चलाने का जुर्माना 500 रुपये से बढ़ाकर 5 हजार रुपये कर दिया गया था। सीट बेल्ट या हेलमेट न पहनने पर भी जुर्माना 100 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये किया गया था। इस एक्ट के लागू होते ही देश में कई ऐसे चालान हुए, जिनमें दोपहिया वाहन की कीमत से ज्यादा जुर्माने की राशि बनी। इस पर कई राज्यों ने नियम लागू न करने की बात कही थी।
इस बीच केंद्रीय मंत्री ने राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस की शुभकामनाएं भी दीं।
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सड़कों पर यातायात नियमों का पालन नहीं करना हादसों को दावत देता है। सड़कों पर होने वाली इन दुर्घटनाओं की वजह से बड़ी संख्या में लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है। सड़क हादसों में मरने वाले लोगों में वो लोग भी शामिल होते हैं जिनकी कोई गलती नहीं होती, बल्कि वो तो नियमों का पालन कर रहे होते हैं। नियम तोड़ने वाले लोगों पर लगाम कसने और सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए थे। इनमें नया मोटर व्हीकल एक्ट भी शामिल है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को संसद को बताया कि मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम को लागू करने के बाद से यातायात नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में अब तक करीब 8 करोड़ चालान काटे जा चुके हैं। केंद्र सरकार ने एक सितंबर 2019 को नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू किया था। तक से लेकर अब तक ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले करोड़ों लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।