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Women in Asia: एशिया में तेजी से बढ़ा महिलाओं का धन, फिर भी तीन चौथाई महिलाएं बदहाल

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, टोक्यो Published by: Harendra Chaudhary Updated Tue, 06 Dec 2022 03:13 PM IST
सार

Women in Asia: बॉस्टन कंसल्टैंसी ग्रुप की रिपोर्ट के मुताबिक एशियाई महिलाओं के सकल वार्षिक धन में हर साल दो ट्रिलियन डॉलर की वृद्धि हो रही है। 10.6 फीसदी की सालाना दर से हो रही यह वृद्धि कम से कम अगले चार साल तक इसी गति से जारी रहेगी...

Women in Asia
Women in Asia - फोटो : Agency (File Photo)

विस्तार

इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि एशियाई महिलाओं का साझा धन उत्तर अमेरिका को छोड़ कर दुनिया के बाकी किसी हिस्से की महिलाओं की तुलना में अधिक हो गया है। जहां तक धन की वृद्धि दर का सवाल है, तो एशियाई महिलाएं इस मामले में सबसे आगे हैं।

एशियाई महिलाओं के पास 2026 तक कुल 27 ट्रिलियन डॉलर का धन होगा। यह पश्चिमी यूरोप से छह ट्रिलियन डॉलर अधिक होगा। वैसे एशियाई महिलाओं का कुल धन 2021 में ही यूरोपीय महिलाओं के कुल धन से ज्यादा हो चुका था। यह बात बॉस्टन कंसल्टैंसी ग्रुप (बीसीजी) के विश्लेषण से सामने आई है। बीसीसी ने यह विश्लेषण रिपोर्ट वेबसाइट निक्कईएशिया.कॉम के लिए तैयार की है।

इस रिपोर्ट के मुताबिक एशियाई महिलाओं के सकल वार्षिक धन में हर साल दो ट्रिलियन डॉलर की वृद्धि हो रही है। 10.6 फीसदी की सालाना दर से हो रही यह वृद्धि कम से कम अगले चार साल तक इसी गति से जारी रहेगी। बीसीजी ने धन की परिभाषा के तहत जिन संपत्तियों को शामिल किया है, उनमें शामिल हैं- इन्वेस्टमेंट फंड, जीवन बीमा, पेंशन, लिस्टेड और अनलिस्टेड शेयरों, और अन्य इक्विटी में निवेश। इसके अलावा पास में मौजूद नकदी, बैंकों में जमा रकम, और बॉन्ड्स जैसे निवेश को भी इसमें शामिल किया गया है।   

बीसीजी ने अपने अध्ययन के दौरान मुख्य रूप से बांग्लादेश, चीन, भारत, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम पर अपना ध्यान केंद्रित किया। वेबसाइट निक्कई एशिया के मुताबिक इस अध्ययन से संबंधित कुछ अन्य रिपोर्टें आने वाले दिनों में जारी होंगी। उनसे यह सामने आएगा कि किन मुश्किलों से निकलते हुए महिलाओं ने पेशेवर दुनिया में अपने पांव जमाए हैं। इन रिपोर्टों से दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश चीन में महिलाओं की हुई प्रगति और उन्हें लगे झटकों आदि की पूरी तस्वीर सामने आएगी।

इस रिपोर्ट में महिलाओं के बीच मौजूद गैर-बराबरी पर भी रोशनी डाली गई है। इसके मुताबिक टॉप दस फीसदी महिलाओं के पास महिलाओं की कुल संपत्ति का 60 फीसदी हिस्सा है। जबकि निचली 50 प्रतिशत आबादी के पास इस धन का सिर्फ पांच फीसदी हिस्सा ही है। महिलाओं की आर्थिक हैसियत के बीच गैर-बराबरी एशिया के लगभग सभी देशों में मौजूद है। चीन और भारत में ऐसी गैर-बराबरी अधिक देखने को मिली है।

जहां तक पुरुष और महिला के बीच गैर-बराबरी का संबंध है, तो बीसीजी ने कहा है कि औसतन एक पुरुष के अपनी जिंदगी में जितना धन इकट्ठा करने की संभावना होती है, महिलाएं उसके 74 फीसदी प्रतिशत के बराबर धन ही हासिल कर पाती हैं।

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इसके पहले निक्कई एशिया और फॉर्ब्स मैग्जीन के एक अध्ययन से सामने आया था कि वैसे एशिया में महिला (डॉलर) अरबपतियों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। 2010 में एशिया में 13 महिलाएं ही अरबपति थीं, जबकि 2022 में यह संख्या 92 तक पहुंच चुकी है। इस प्रगति के बावजूद स्थिति यह है कि एशिया में 75 फीसदी महिलाएं असंगठित क्षेत्र में काम करती हैं, जहां अक्सर कामकाज की स्थितियां खतरनाक होती हैं।

साथ ही महिलाओँ को पुरुषों से कम वेतन मिलने का चलन भी बड़े पैमाने पर जारी है। आशंका है कि कोविड-19 महामारी से बने हालात ने महिलाओं के लिए और भी कठिन स्थिति बना दी है, जिससे उनकी गरीब बढ़ने का अंदेशा है।

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