संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने सोशल मीडिया पर भारत के खिलाफ फर्जी वीडियो पोस्ट किए जाने के मामले पर पाकिस्तान को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की ओर से बार-बार इसी प्रकार के कार्य किए जाते रहे है। पुरानी आदतें कभी नहीं जाती है।
दूसरी ओर, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने भी पाकिस्तान को खरी-खोटी सुनाई है। प्रवक्ता ने कहा कि फर्जी खबर ट्वीट करो। पकड़े जाओ। डिलीट करो। फिर से वही काम करो। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार देर रात बांग्लादेश के सात साल पुराने हिंसा के वीडियो को यूपी में मुस्लिमों के खिलाफ भारतीय पुलिस द्वारा अत्याचार करने का दावा करते हुए ट्वीट किया। लेकिन, जब उनके इस फर्जीवाड़े की पोल खुली तो उन्होंने ट्वीट को हटा लिया था।
दरअसल, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर भीड़ के हमले की घटना से लोगों का ध्यान हटाने के लिए शुक्रवार को कई वीडियो पोस्ट कर ‘भारत में मुस्लिमों पर पुलिस अत्याचार’ का झूठा दावा किया।
बांग्लादेश के करीब सात साल पुराने वीडियो को ट्वीट कर इमरान ने दावा किया कि भारतीय पुलिस मुस्लिमों पर अत्याचार कर रही है। हालांकि, सोशल मीडिया पर जब इमरान की किरकिरी होने लगी तो उन्होंने ये वीडियो हटा दिए। वहीं, यूपी पुलिस ने भी ट्वीट कर साफ किया कि ये वीडियो यूपी के नहीं हैं। यूपी पुलिस ने ट्वीट किया, यह यूपी से नहीं है बल्कि मई, 2013 में बांग्लादेश की राजधानी ढाका की घटना का है।
वीडियो में इमरान जिन्हें यूपी पुलिस के जवान के तौर पर बता रहे थे, उनकी वर्दी पर साफ-साफ आरएबी लिखा हुआ देखा जा सकता है। आरएबी (रैपिड एक्शन बटालियन) बांग्लादेश पुलिस की आतंक निरोधी इकाई है। इमरान ने जिस वीडियो को ट्वीट किया, वही वीडियो यू-ट्यूब पर 10 सितंबर 2013 को अपलोड किया गया है। वीडियो के बारे में दावा किया गया है कि हिफाजत-ए-इस्लाम रैली पर बांग्लादेशी पुलिस ने बर्बरता की है।
पाकिस्तान के ननकाना साहिब में भीड़ का हमला
गौरतलब है कि पाकिस्तान के ननकाना साहिब में शुक्रवार को भीड़ ने सिखों के पवित्र स्थल ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर पथराव कर दिया और सिखों के खिलाफ नारेबाजी की। इसके कारण पहली बार भजन-कीर्तन रद्द करना पड़ा। ननकाना साहिब गुरू नानक का जन्मस्थान है। भारत ने गुरुद्वारे पर पथराव पर कड़ी निंदा की है। विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान से सिखों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और हमलावरों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने सोशल मीडिया पर भारत के खिलाफ फर्जी वीडियो पोस्ट किए जाने के मामले पर पाकिस्तान को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की ओर से बार-बार इसी प्रकार के कार्य किए जाते रहे है। पुरानी आदतें कभी नहीं जाती है।
दूसरी ओर, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने भी पाकिस्तान को खरी-खोटी सुनाई है। प्रवक्ता ने कहा कि फर्जी खबर ट्वीट करो। पकड़े जाओ। डिलीट करो। फिर से वही काम करो। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार देर रात बांग्लादेश के सात साल पुराने हिंसा के वीडियो को यूपी में मुस्लिमों के खिलाफ भारतीय पुलिस द्वारा अत्याचार करने का दावा करते हुए ट्वीट किया। लेकिन, जब उनके इस फर्जीवाड़े की पोल खुली तो उन्होंने ट्वीट को हटा लिया था।
दरअसल, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर भीड़ के हमले की घटना से लोगों का ध्यान हटाने के लिए शुक्रवार को कई वीडियो पोस्ट कर ‘भारत में मुस्लिमों पर पुलिस अत्याचार’ का झूठा दावा किया।
बांग्लादेश के करीब सात साल पुराने वीडियो को ट्वीट कर इमरान ने दावा किया कि भारतीय पुलिस मुस्लिमों पर अत्याचार कर रही है। हालांकि, सोशल मीडिया पर जब इमरान की किरकिरी होने लगी तो उन्होंने ये वीडियो हटा दिए। वहीं, यूपी पुलिस ने भी ट्वीट कर साफ किया कि ये वीडियो यूपी के नहीं हैं। यूपी पुलिस ने ट्वीट किया, यह यूपी से नहीं है बल्कि मई, 2013 में बांग्लादेश की राजधानी ढाका की घटना का है।
वीडियो में इमरान जिन्हें यूपी पुलिस के जवान के तौर पर बता रहे थे, उनकी वर्दी पर साफ-साफ आरएबी लिखा हुआ देखा जा सकता है। आरएबी (रैपिड एक्शन बटालियन) बांग्लादेश पुलिस की आतंक निरोधी इकाई है। इमरान ने जिस वीडियो को ट्वीट किया, वही वीडियो यू-ट्यूब पर 10 सितंबर 2013 को अपलोड किया गया है। वीडियो के बारे में दावा किया गया है कि हिफाजत-ए-इस्लाम रैली पर बांग्लादेशी पुलिस ने बर्बरता की है।
पाकिस्तान के ननकाना साहिब में भीड़ का हमला
गौरतलब है कि पाकिस्तान के ननकाना साहिब में शुक्रवार को भीड़ ने सिखों के पवित्र स्थल ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर पथराव कर दिया और सिखों के खिलाफ नारेबाजी की। इसके कारण पहली बार भजन-कीर्तन रद्द करना पड़ा। ननकाना साहिब गुरू नानक का जन्मस्थान है। भारत ने गुरुद्वारे पर पथराव पर कड़ी निंदा की है। विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान से सिखों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और हमलावरों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।