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अफगानिस्तान: मदद के नाम पर ओआईसी के सिर्फ 24 देशों ने पाकिस्तान आने की हामी भरी, जानिए पूरा मामला

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कराची Published by: शक्तिराज सिंह Updated Sat, 18 Dec 2021 10:20 PM IST
सार

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा है कि ओआईसी की इस बैठक के दौरान अफगानिस्तान में तालिबान-संचालित सरकार की मुश्किल सियासी हकीकत पर भी चर्चा की जाएगी। 

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पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी - फोटो : पीटीआई

विस्तार

पाकिस्तान रविवार को अफगानिस्तान में मदद के तरीके खोजने के नाम पर 57 सदस्यीय इस्लामी सहयोग संगठन (ओआईसी) के विदेश मंत्रियों की बैठक आयोजित करने जा रहा है। लेकिन इस बैठक में सिर्फ 24 देशों में आने की हामी भरी है। कयास हैं कि पाक का इरादा बैठक में अफगानिस्तान को मान्यता दिलाने का है। हालांकि विदेश मंत्री ने कहा वह पड़ोसी को मानवीय मदद दिलाना चाहता है।


पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा है कि ओआईसी की इस बैठक के दौरान अफगानिस्तान में तालिबान-संचालित सरकार की मुश्किल सियासी हकीकत पर भी चर्चा की जाएगी। इस दौरान अफगानिस्तान की मदद करने के लिए पाकिस्तान मुस्लिम देशों को एकजुट करेगा और तालिबान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नरम छवि बनाने के लिए राजी करने की कोशिश करेगा। 


कुरैशी ने कहा, ओआईसी की बैठक तालिबान शासन को आधिकारिक मान्यता नहीं देती। इस बैठक का अर्थ सिर्फ इतना है कि ‘कृपया, अफगानिस्तान को छोड़िए नहीं, संपर्क बनाए रखिए। कुरैशी ने कहा, हम अफगानिस्तान के लोगों के लिए बात कर रहे हैं। हम किसी विशेष समूह की बात नहीं कर रहे। इस बैठक में भाग लेने के लिए अफगानिस्तान के लिए तालिबान द्वारा नियुक्त विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी भी पाक पहुंच गए हैं।

अफगानिस्तान के संबंध में धमकी की अनुमति नहीं: मुत्तकी
पाकिस्तान के लिए रवाना होने से पहले अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी ने कहा कि किसी भी देश को अफगानिस्तान के संबंध में धमकी देने की अनुमति नहीं दी जाएगी। ओआईसी सत्र में अफगानिस्तान के लाखों लोगों को पर्याप्त भोजन, दवा और आश्रय देने के लिए समर्थन जुटाने के तरीकों पर ध्यान दिया जाएगा। बता दें, तालिबान को अफगानिस्तान पर कब्जा किए 100 से ज्यादा दिन हो गए हैं लेकिन उसे दुनिया के किसी भी देश ने मान्यता नहीं दी है।

संयुक्त राष्ट्र के लिए अफगानिस्तान के राजदूत ने दिया इस्तीफा
यूएन में अफगानिस्तान की पूर्व सरकार के राजदूत गुलाम इसाकजई ने मौजूदा तालिबान शासकों द्वारा उनकी जगह अपने राजदूत को नियुक्त करने की कोशिशों के बीच पद से इस्तीफा दे दिया है। संयुक्त राष्ट्र प्रवक्ता फरहान हक ने इसकी पुष्टि की है। संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान के मिशन ने ट्वीट किया कि नसीर फैक अस्थायी प्रभारी राजदूत के तौर पर जिम्मेदारी निभाएंगे। तालिबान नेता लंबे समय से अपने प्रतिनिधि मोहम्मद सुहेल शाहीन को इस पद पर नियुक्त करने की कोशिश में जुटे थे।
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