यूएनएचआरसी में पाकिस्तान द्वारा अपना पक्ष रखने के बाद भारत ने अपना पक्ष रखते हुए पाकिस्तान को कड़ा जवाब दिया। भारत की ओर से विदेश मंत्रालय सचिव (पूर्व) विजय ठाकुर सिंह ने कहा कि पाकिस्तान झूठ की रनिंग कमेंट्री कर रहा है। भारत ने कश्मीर को पूरी तरह से आंतरिक मामला बताते हुए कहा कि धीरे-धीरे जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य हो रहे हैं। इसके साथ ही भारत ने आशंका जताई कि कश्मीर में सीमापार से आतंकी हमला हो सकता है।
विजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भारत सरकार जम्मू-कश्मीर में सामाजिक-आर्थिक समानता और न्याय के लिए विकासशील नीतियों को ग्रहण करते सकारात्मक कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि हाल ही में लागू किए गए कानूनी उपायों के परिणामस्वरूप ये प्रगतिशील नीतियां जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के हमारे नागरिकों पर पूरी तरह लागू हो जाएंगी। इससे लिंगभेद समाप्त होगा, किशोर अधिकारों की रक्षा बेहतर तरीके से की जा सकेगी और शिक्षा, सूचना और कार्य के अधिकार लागू किए जा सकेंगे।
पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए विजय सिंह ठाकुर ने कहा, एक प्रतिनिधिमंडल ने मेरे देश के खिलाफ झूठे और मनगढ़ंत आरोप लगाते हुए केवल झूठी बातें की हैं। दुनिया जानती है कि यह मनगढ़ंत कहानियां वैश्विक आतंकवाद के केंद्र से आती हैं, जहां आतंक के सरगनाओं को सालों से पनाह मिलती रही है।'
उन्होंने कहा, 'हम इस बात को दोहराना चाहते हैं कि यह संप्रभु निर्णय, संसद द्वारा पारित अन्य कानूनों की तरह, भारत के लिए पूरी तरह से आंतरिक है। कोई भी देश अपने आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप स्वीकार नहीं कर सकता, निश्चित रूप से भारत भी यह स्वीकार नहीं कर सकता।'
राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के मुद्दे पर बात करते हुए विजय सिंह ठाकुर ने कहा, 'एनआरसी एक वैधानिक, पारदर्शी और बिना भेदभाव वाली प्रक्रिया है जिसकी निगरानी भारत की सर्वोच्च अदालत ने की है। इसके प्रभावी होने के दौरान लिया गया हर फैसला भारतीय कानून के तहत है और भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं का पालन करेगा।'
यूएनएचआरसी में भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रथम सचिव विमर्श आर्यन ने अनुच्छेद 370 पर कहा कि यह भारतीय संविधान का एक अस्थायी प्रावधान था, हाल ही में इसमें किया गया बदलाव हमारे संप्रभु अधिकारों के तहत आता है और यह पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला है।
विमर्श ने कहा, 'हम इस मंच का राजनीतिकरण और ध्रुवीकरण करने के उद्देश्य से दिए गए पाकिस्तान के झूठे और बेबुनियाद बयानों पर आश्चर्यचकित नहीं हैं। पाकिस्तान को यह समझ में आ गया है कि हमारे इस फैसले ने उसके सीमापार आतंक को बढ़ावा देने में बाधा खड़ी कर दी है और इससे पाक के पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई है।
विमर्श आर्यन ने कहा कि कुछ पाकिस्तानी नेता तो इतना गिर गए हैं कि जम्मू-कश्मीर और अन्य देशों में हिंसा फैलाने के लिए जिहाद का नाम ले रहे हैं और यहां नरसंहार की तस्वीर बनाना चाहते हैं, जबकि वह भी इस बात को जानते हैं कि यह हकीकत से कितना दूर है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का इतिहास खुद इस बात को स्पष्ट करता है। पाक की यह बयानबाजी दुनिया के ध्यान को पाकिस्तान के धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न और उन्मूलन; चाहे वह ईसाई हो, सिख हो, शिया हो, अहमदिया हो या हिंदू हो; से भटका नहीं सकता।
जिनेवा स्थित यूएनएचआरसी में आज कश्मीर आधारित सेशन में भारत और पाकिस्तान दोनों अपने दावे पेश कर रहे हैं। दुनिया के हर मंच पर मुंह की खाने के बाद पाकिस्तान ने यूएनएचआरसी में झूठे आरोपों के जरिए भारत को घेरने को कोशिश की। इससे पहले उसे यूएन, आईओसी सहित कई मंचों पर जबरदस्त हार का सामना करना पड़ा है। उसका साथ सिर्फ चीन ही दे रहा है।
कुरैशी ने आरोप लगाया कि जम्मू कश्मीर को जेल में तब्दील कर दिया गया है। लोगों को बुनियादी सुविधाओं से भी वंंचित रखा गया है। साथ ही उन्होंने मांग की कि कश्मीर में मानवाधिकार संगठनों और पत्रकारों का जाने की इजाजत दी जाए। बैठक को को संबोधित करते हुए कुरैशी ने कहा कि शीर्ष मानवाधिकार निकाय को मुद्दे को लेकर अपनी उदासीनता से विश्व मंच पर शर्मसार नहीं होना चाहिए।
मार्च 2006 में स्थापित हुए यूएनएचआरसी में कुल 47 निर्वाचित सदस्य देश हैं। भौगोलिक स्थिति को देखते हुए सदस्यों को पांच क्षेत्रीय समूहों में बांटा गया है। अफ्रीकन स्टेट्स में 13 सदस्य, एशिया-पैसिफिक में 13 सदस्य, ईस्टर्न यूरोपियन स्टेट्स में छह सदस्य, लैटिन अमेरिकन और कैरिबियन स्टेट्स में 8-8 सदस्य, जबकि वेस्टर्न यूरोपियन और अन्य स्टेट्स के लिए सात सीटें निर्धारित हैं।
नए सदस्य- बुर्किना फासो, कैमरून, इरिट्रिया, सोमालिया, और टोगो। सभी अफ्रीकन स्टेट्स।
ईस्टर्न यूरोपियन स्टेट्स ग्रुप- बुल्गारिया और चेक रिपब्लिक, जबकि लैटिन अमेरिकन-कैरिबियन स्टेट्स कैटिगरी में अर्जेंटीना, बहामास और उरुग्वे।
वेस्टर्न यूरोपियन- ऑस्ट्रिया, डेनमार्क और इटली नए सदस्य निर्वाचित।
यूएनएचआरसी में पाकिस्तान द्वारा अपना पक्ष रखने के बाद भारत ने अपना पक्ष रखते हुए पाकिस्तान को कड़ा जवाब दिया। भारत की ओर से विदेश मंत्रालय सचिव (पूर्व) विजय ठाकुर सिंह ने कहा कि पाकिस्तान झूठ की रनिंग कमेंट्री कर रहा है। भारत ने कश्मीर को पूरी तरह से आंतरिक मामला बताते हुए कहा कि धीरे-धीरे जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य हो रहे हैं। इसके साथ ही भारत ने आशंका जताई कि कश्मीर में सीमापार से आतंकी हमला हो सकता है।
#WATCH Secy (East) MEA at UNHRC: A delegation has given a running commentary with offensive rhetoric of false allegations & concocted charges against my country. World is aware that this narrative comes from epicentre of global terrorism, where ring leaders were sheltered for yrs pic.twitter.com/x8LL9lJyX0
— ANI (@ANI) September 10, 2019
विजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भारत सरकार जम्मू-कश्मीर में सामाजिक-आर्थिक समानता और न्याय के लिए विकासशील नीतियों को ग्रहण करते सकारात्मक कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि हाल ही में लागू किए गए कानूनी उपायों के परिणामस्वरूप ये प्रगतिशील नीतियां जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के हमारे नागरिकों पर पूरी तरह लागू हो जाएंगी। इससे लिंगभेद समाप्त होगा, किशोर अधिकारों की रक्षा बेहतर तरीके से की जा सकेगी और शिक्षा, सूचना और कार्य के अधिकार लागू किए जा सकेंगे।
पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए विजय सिंह ठाकुर ने कहा, एक प्रतिनिधिमंडल ने मेरे देश के खिलाफ झूठे और मनगढ़ंत आरोप लगाते हुए केवल झूठी बातें की हैं। दुनिया जानती है कि यह मनगढ़ंत कहानियां वैश्विक आतंकवाद के केंद्र से आती हैं, जहां आतंक के सरगनाओं को सालों से पनाह मिलती रही है।'
उन्होंने कहा, 'हम इस बात को दोहराना चाहते हैं कि यह संप्रभु निर्णय, संसद द्वारा पारित अन्य कानूनों की तरह, भारत के लिए पूरी तरह से आंतरिक है। कोई भी देश अपने आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप स्वीकार नहीं कर सकता, निश्चित रूप से भारत भी यह स्वीकार नहीं कर सकता।'
राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के मुद्दे पर बात करते हुए विजय सिंह ठाकुर ने कहा, 'एनआरसी एक वैधानिक, पारदर्शी और बिना भेदभाव वाली प्रक्रिया है जिसकी निगरानी भारत की सर्वोच्च अदालत ने की है। इसके प्रभावी होने के दौरान लिया गया हर फैसला भारतीय कानून के तहत है और भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं का पालन करेगा।'
यूएनएचआरसी में भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रथम सचिव विमर्श आर्यन ने अनुच्छेद 370 पर कहा कि यह भारतीय संविधान का एक अस्थायी प्रावधान था, हाल ही में इसमें किया गया बदलाव हमारे संप्रभु अधिकारों के तहत आता है और यह पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला है।
Vimarsh Aryan, First Secretary MEA at United Nations Human Rights Council: As regards Organisation of Islamic Cooperation (OIC), it has no locus standi to comment on the internal affairs of India. https://t.co/kr2HmEbylf
— ANI (@ANI) September 10, 2019
विमर्श आर्यन ने कहा कि कुछ पाकिस्तानी नेता तो इतना गिर गए हैं कि जम्मू-कश्मीर और अन्य देशों में हिंसा फैलाने के लिए जिहाद का नाम ले रहे हैं और यहां नरसंहार की तस्वीर बनाना चाहते हैं, जबकि वह भी इस बात को जानते हैं कि यह हकीकत से कितना दूर है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का इतिहास खुद इस बात को स्पष्ट करता है। पाक की यह बयानबाजी दुनिया के ध्यान को पाकिस्तान के धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न और उन्मूलन; चाहे वह ईसाई हो, सिख हो, शिया हो, अहमदिया हो या हिंदू हो; से भटका नहीं सकता।
जिनेवा स्थित यूएनएचआरसी में आज कश्मीर आधारित सेशन में भारत और पाकिस्तान दोनों अपने दावे पेश कर रहे हैं। दुनिया के हर मंच पर मुंह की खाने के बाद पाकिस्तान ने यूएनएचआरसी में झूठे आरोपों के जरिए भारत को घेरने को कोशिश की। इससे पहले उसे यूएन, आईओसी सहित कई मंचों पर जबरदस्त हार का सामना करना पड़ा है। उसका साथ सिर्फ चीन ही दे रहा है।
कुरैशी ने आरोप लगाया कि जम्मू कश्मीर को जेल में तब्दील कर दिया गया है। लोगों को बुनियादी सुविधाओं से भी वंंचित रखा गया है। साथ ही उन्होंने मांग की कि कश्मीर में मानवाधिकार संगठनों और पत्रकारों का जाने की इजाजत दी जाए। बैठक को को संबोधित करते हुए कुरैशी ने कहा कि शीर्ष मानवाधिकार निकाय को मुद्दे को लेकर अपनी उदासीनता से विश्व मंच पर शर्मसार नहीं होना चाहिए।
मार्च 2006 में स्थापित हुए यूएनएचआरसी में कुल 47 निर्वाचित सदस्य देश हैं। भौगोलिक स्थिति को देखते हुए सदस्यों को पांच क्षेत्रीय समूहों में बांटा गया है। अफ्रीकन स्टेट्स में 13 सदस्य, एशिया-पैसिफिक में 13 सदस्य, ईस्टर्न यूरोपियन स्टेट्स में छह सदस्य, लैटिन अमेरिकन और कैरिबियन स्टेट्स में 8-8 सदस्य, जबकि वेस्टर्न यूरोपियन और अन्य स्टेट्स के लिए सात सीटें निर्धारित हैं।
नए सदस्य- बुर्किना फासो, कैमरून, इरिट्रिया, सोमालिया, और टोगो। सभी अफ्रीकन स्टेट्स।
ईस्टर्न यूरोपियन स्टेट्स ग्रुप- बुल्गारिया और चेक रिपब्लिक, जबकि लैटिन अमेरिकन-कैरिबियन स्टेट्स कैटिगरी में अर्जेंटीना, बहामास और उरुग्वे।
वेस्टर्न यूरोपियन- ऑस्ट्रिया, डेनमार्क और इटली नए सदस्य निर्वाचित।
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