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अमेरिका: आव्रजन प्रणाली नहीं बदली तो कई ‘ड्रीमर्स’ को छोड़ना पड़ेगा देश, आठ माह के भीतर बदलाव जरूरी

एजेंसी, वाशिंगटन Published by: देव कश्यप Updated Fri, 18 Mar 2022 01:36 AM IST
सार

नीति संबंधी एक दस्तावेज के अनुसार, अमेरिका में बिना पर्याप्त कागजात वाले लगभग 1.1 करोड़ प्रवासी हैं, जिनमें से पांच लाख से अधिक भारतीय हैं। एक जानकारी के मुताबिक, अमेरिका में करीब 70,000 भारतीय ऐसे हैं जिनके पास पर्याप्त दस्तावेज न होने से उन्हें ‘ड्रीमर्स’ माना जाता है।

If the immigration system does not change many dreamers have to leave America change necessary within 8 months
अमेरिकी ‘ड्रीमर्स’। (सांकेतिक तस्वीर) - फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार

अमेरिका में एक भारतीय अमेरिकी ‘ड्रीमर’ ने सांसदों से कहा है कि आव्रजन प्रणाली में यदि कोई सार्थक विधायी सुधार नहीं किया गया, तो उन्हें आठ माह में वह देश छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। जबकि वे चार वर्ष की उम्र से अमेरिका में ही रह रही हैं। ‘ड्रीमर’ उन प्रवासियों को कहते हैं, जिनके पास अमेरिका में रहने के लिए पर्याप्त दस्तावेज नहीं हैं और जो बचपन में अपने माता-पिता के साथ यहां आए थे।



नीति संबंधी एक दस्तावेज के अनुसार, अमेरिका में बिना पर्याप्त कागजात वाले लगभग 1.1 करोड़ प्रवासी हैं, जिनमें से 5,00,000 से अधिक भारतीय हैं। ‘मूडी कॉलेज ऑफ कम्युनिकेशन’ से हाल में स्नातक करने वाली 23 वर्षीय पत्रकार अतुल्य राजकुमार ने आव्रजन, नागरिकता एवं सीमा सुरक्षा पर सीनेट न्यायिक उपसमिति के सदस्यों से कहा, यदि आठ महीने में कोई बदलाव नहीं किया गया, तो मुझे मजबूरन देश छोड़ना पड़ेगा, जो 20 साल से मेरा घर है।


‘कानूनी प्रवास के लिए बाधाओं को दूर करने’ के विषय पर सुनवाई के दौरान उपसमिति के सामने गवाही देते हुए, भारतीय-अमेरिकी अतुल्य राजकुमार ने सांसदों से कहा कि हर साल पांच हजार से अधिक ‘ड्रीमर’ इससे प्रभावित होते हैं। एक जानकारी के मुताबिक, अमेरिका में करीब 70,000 भारतीय ऐसे हैं जिनके पास पर्याप्त दस्तावेज न होने से उन्हें ‘ड्रीमर्स’ माना जाता है।

कई लोग हुए देश छोड़ने के लिए मजबूर
कानूनी प्रवास पर बाधाओं को दूर करने के लिए हुई सुनवाई के दौरान भारतवंशी अतुल्य राजकुमार ने कहा कि नर्सिंग में स्नातक करने वाली एक छात्रा एरिन को वैश्विक महामारी के बीच मजबूरन देश छोड़ना पड़ा था। एक डाटा विश्लेषक छात्र को दो महीने पहले देश छोड़ना पड़ा।

समर को भी चार महीने में देश छोड़ना होगा, जबकि उनका परिवार उनके जन्म के समय से ही कानूनी तौर पर यहां रह रहा है। पत्रकार अतुल्य राजकुमार वाशिंगटन की निवासी हैं। उन्होंने अपने परिवार के संघर्ष और इस दौरान हुए उनके भाई के निधन की कहानी को भी सांसदों के समक्ष साझा किया।

मैं खराब व्यवस्था से हताश हूं : सांसद
सांसद एलेक्स पेडिला ने कहा, मैं इस खराब व्यवस्था से हताश हूं जिसका सामना आपको, आपके भाई और हजारों ‘ड्रीमर्स’ को करना पड़ा। हमने आज यह सुनवाई इसलिए की, क्योंकि हम अमेरिकी संसद (कांग्रेस) की निष्क्रियता को इस पीड़ा का कारण बने रहने नहीं दे सकते। पेडिला, आव्रजन, नागरिकता एवं सीमा सुरक्षा पर सीनेट की न्यायिक उपसमिति के प्रमुख हैं।

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