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संयुक्त अभ्यास पर दो टूक: भारत के बाद अमेरिका ने कहा- इससे चीन का कोई लेना-देना नहीं; वीजा मामले पर कही यह बात

पीटीआई, नई दिल्ली Published by: Jeet Kumar Updated Fri, 02 Dec 2022 10:27 PM IST
सार

मीडिया से बातचीत में भारत में अमेरिकी राजदूत जोन्स ने कहा कि वीजा के लिए लंबे इंतजार की समस्या कोरोनो वायरस महामारी के कारण शुरू हुई है। हम जानते हैं कि यह बहुत कठिन दौर है, धैर्य रखें।

अमेरिकी राजदूत
अमेरिकी राजदूत - फोटो : ANI

विस्तार

अमेरिका ने शुक्रवार को भारत-अमेरिका संयुक्त सैन्य अभ्यास को लेकर चीनी विरोध को खारिज कर दिया। उत्तराखंड में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास चल रहे इस अभ्यास पर चीनी आपत्ति को भारत पहले ही खारिज कर चुका है। इस पर अमेरिका ने कहा कि इससे चीन का कोई लेना-देना नहीं है। अमेरिकी दूतावास की नवनियुक्त प्रभारी राजदूत एलिजाबेथ जोंस ने कहा कि वाशिंगटन का हित नई दिल्ली के प्रयासों में सहयोग करने में है, ताकि भारत अधिक सक्षम देश बन सके।



जोंस ने जब उत्तराखंड में जारी भारत-अमेरिका सैन्य अभ्यास को लेकर चीनी आपत्ति के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि मैं इस संबंध में अपने भारतीय सहयोगियों के बयान को दोहराऊंगी कि इससे उनका कोई लेना-देना नहीं है। इससे पहले, बुधवार को चीनी विदेश मंत्रालय ने उत्तराखंड के औली में जारी ‘युद्ध अभ्यास’ का विरोध करते हुए दावा किया था कि यह अभ्यास वर्ष 1993 और 1996 में चीन और भारत के बीच हुए समझौते का उल्लंघन है।


भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को कहा था कि औली में सैन्य अभ्यास का वर्ष 1993 और वर्ष 1996 में हुए समझौतों से कोई लेना-देना नहीं है। भारत जिससे चाहे उसके साथ सैन्य अभ्यास कर सकता है और वह इस मामले में किसी तीसरे देश को वीटो नहीं देता।

इससे पहले राजदूत एलिजाबेथ ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिका भारत में वीजा जारी करने में लंबे इंतजार की समस्या को हल करने के लिए जबरदस्त प्रयास कर रहा है। जोंस ने कहा कि यह मुद्दा वाशिंगटन के लिए सबसे ऊपर है। वीजा लोगों को जल्दी मिले इसके लिए इंतजार को कम करने के प्रयास जारी हैं, इसके लिए वीजा सलाहकारों की भर्ती की जा रही है। पहली बार वीजा आवेदकों के लिए लंबी प्रतीक्षा अवधि को लेकर भारत में चिंताएं बढ़ रही हैं, विशेषकर बी1 (व्यवसाय) और बी2 (पर्यटक) श्रेणियों के तहत आवेदन करने वालों के लिए।

मीडिया से बातचीत में जोंस ने कहा कि वीजा के लिए लंबे इंतजार की समस्या कोरोनो वायरस महामारी के कारण शुरू हुई है, दुनिया के विभिन्न हिस्सों से लंबे समय तक लंबित रहने के बाद समस्या और तेजी से बढ़ गई। उन्होंने कहा कि स्थिति भारत में अच्छी नहीं है, क्योंकि यहां वीजा की मांग बहुत अधिक है। साथ ही कहा कि कई स्थानों पर वाइस काउंसलरों की भर्ती और प्रशिक्षण के लिए अभी वाशिंगटन में जबरदस्त भर्ती और प्रशिक्षण के प्रयास चल रहे हैं।

जोंस ने कहा कि भारत में हमारे मिशन को प्रशिक्षण प्राप्त लोग काफी संख्या में मिलने जा रहे हैं और ये लोग गर्मियों तक यहां दिल्ली में और हमारे वाणिज्य दूतावासों में वीजा जारी करने और ये साक्षात्कार करने के लिए पूरी तरह से तैनात होंगे। भारत में पहली बार बी1/बी2 वीजा आवेदकों की प्रतीक्षा अवधि तीन साल के करीब है।
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जोंस ने कहा कि हम जानते हैं कि यह बहुत कठिन दौर है, धैर्य रखें। मैं आपको गारंटी दे सकता हूं कि यह एक बहुत ही गंभीर मुद्दा है और वाशिंगटन इस पर नजर बनाए हुए है। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका ने इस साल भारतीय छात्रों को 82,000 वीजा जारी किए। उन्होंने कहा कि हम वास्तव में 82,000 छात्र वीजा जारी करने के लिए एक जबरदस्त प्रयास करके बेहद खुश हैं। जोन्स ने यह भी कहा कि एच1बी वीजा जारी करने के समय को "कम करने और खत्म करने" के प्रयास चल रहे हैं।

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