विभिन्न प्रांतों से आपदाग्रस्त इलाकों के लिए भेजी जाने वाली राहत सामग्री के कई वाहन तीर्थनगरी में ही खाली हो रहे हैं। यह सामग्री उन लोगों को बांटी जा रही है, जो गंगा और उसकी सहायक नदी के तटों पर अतिक्रमण कर रह रहे हैं।
इस ओर न तो प्रशासन गौर कर रहा है और न ही सामग्री का वितरण करने वाली संस्थाएं। पहाड़ के कई आपदाग्रस्त सुदूरवर्ती इलाकों में रह रहे ग्रामीण अभी भी राहत सामग्री, खाद्यान्न आदि से महरूम हैं।
गलत लोगों तक पंहुच रही राहत
उनकी मदद के लिए देशभर से विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाएं, नागरिक सहायता सामग्री भेज रहे हैं। इनमें से अब तक कई ट्रक सामग्री तीर्थनगरी में बंट चुकी है। बुधवार को भटिंडा पंजाब से आपदा पीड़ितों के लिए लाई गई एक ट्रक खाद्य सामग्री लेने के लिए मुनिकीरेती में स्थानीय लोगों की काफी भीड़भाड़ देखी गई।
लक्ष्मणझूला मार्ग पर राहत सामग्री लेने के लिए जमा भीड़ के चलते कुछ देर में ही पूरा ट्रक खाली हो गया। इस दौरान शीशमझाड़ी, चंद्रभागा, चंद्रेश्वनगर, मायाकुंड के सैकड़ों लोगों को आटा, चावल, दाल, कपड़े आदि बांटे गए।
स्थानीय स्तर पर यह सामग्री ऐसे लोगों को वितरित की जा रही है, जो गंगा और अन्य नदियों के किनारे सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर जमे हैं।
इस दौरान बाबा बलवीर सिंह, प्रधान मगर सिंह, नायब सिंह, फते सिंह, नत्था सिंह, राजू सिंह ने बताया कि वह पहाड़ के आपदाग्रस्त इलाकों में खाद्यान्न से वंचित लोगों के लिए सामग्री लेकर यहां पहुंचे थे। हमें किसी ने बताया कि स्थानीय लोग भी आपदा से ग्रस्त हैं।
जरूरतमंद तक नहीं पंहुची राहत
लिहाजा सामग्री यहां बांट दी गई। उन्होंने बताया कि वर्तमान में पहाड़ों में मार्गों के खराब होने की जानकारी मिली है, लिहाजा सड़कें ठीक होने पर वहां भी राहत सामग्री वितरित की जाएगी।
उधर, प्रशासन भी नदी तटों पर अतिक्रमण कर रहने वाले लोगों को बाकायदा आपदा पीड़ित घोषित कर राहत राशि की खैरात बांट रहा है। स्थानीय लोगों ने इसे सरकारी धन का दुरुपयोग करार दिया है।
विभिन्न प्रांतों से आपदाग्रस्त इलाकों के लिए भेजी जाने वाली राहत सामग्री के कई वाहन तीर्थनगरी में ही खाली हो रहे हैं। यह सामग्री उन लोगों को बांटी जा रही है, जो गंगा और उसकी सहायक नदी के तटों पर अतिक्रमण कर रह रहे हैं।
इस ओर न तो प्रशासन गौर कर रहा है और न ही सामग्री का वितरण करने वाली संस्थाएं। पहाड़ के कई आपदाग्रस्त सुदूरवर्ती इलाकों में रह रहे ग्रामीण अभी भी राहत सामग्री, खाद्यान्न आदि से महरूम हैं।
गलत लोगों तक पंहुच रही राहत
उनकी मदद के लिए देशभर से विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाएं, नागरिक सहायता सामग्री भेज रहे हैं। इनमें से अब तक कई ट्रक सामग्री तीर्थनगरी में बंट चुकी है। बुधवार को भटिंडा पंजाब से आपदा पीड़ितों के लिए लाई गई एक ट्रक खाद्य सामग्री लेने के लिए मुनिकीरेती में स्थानीय लोगों की काफी भीड़भाड़ देखी गई।
लक्ष्मणझूला मार्ग पर राहत सामग्री लेने के लिए जमा भीड़ के चलते कुछ देर में ही पूरा ट्रक खाली हो गया। इस दौरान शीशमझाड़ी, चंद्रभागा, चंद्रेश्वनगर, मायाकुंड के सैकड़ों लोगों को आटा, चावल, दाल, कपड़े आदि बांटे गए।
स्थानीय स्तर पर यह सामग्री ऐसे लोगों को वितरित की जा रही है, जो गंगा और अन्य नदियों के किनारे सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर जमे हैं।
इस दौरान बाबा बलवीर सिंह, प्रधान मगर सिंह, नायब सिंह, फते सिंह, नत्था सिंह, राजू सिंह ने बताया कि वह पहाड़ के आपदाग्रस्त इलाकों में खाद्यान्न से वंचित लोगों के लिए सामग्री लेकर यहां पहुंचे थे। हमें किसी ने बताया कि स्थानीय लोग भी आपदा से ग्रस्त हैं।
जरूरतमंद तक नहीं पंहुची राहत
लिहाजा सामग्री यहां बांट दी गई। उन्होंने बताया कि वर्तमान में पहाड़ों में मार्गों के खराब होने की जानकारी मिली है, लिहाजा सड़कें ठीक होने पर वहां भी राहत सामग्री वितरित की जाएगी।
उधर, प्रशासन भी नदी तटों पर अतिक्रमण कर रहने वाले लोगों को बाकायदा आपदा पीड़ित घोषित कर राहत राशि की खैरात बांट रहा है। स्थानीय लोगों ने इसे सरकारी धन का दुरुपयोग करार दिया है।