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कहते हैं कि समय कभी एक जैसा नहीं रहता. ऐसा इसलिए क्योंकि कब क्या हो जाए, कोई नहीं जानता, इसलिए एक साथ रहना और ये जानना बेहद जरूरी है कि आपदा की स्थिति में कैसे आप खुद को और अपने परिवारजनों को सुरक्षित रख सकते हैं। हमारे इस खास पॉडकास्ट 'कवच' में जानिए कैसे करें आपदाओं से खुद का बचाव।

कवच: बिच्छू का ज़हर कैसे उतारेंगे आप?

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सभी 16 एपिसोड

बिच्छू अक्सर घरों के अंदर दरारों में अपना घर बनाते हैं, बिच्छू अन्य छोटे स्थानों जैसे चट्टानों के नीचे और जलाऊ लकड़ी में भी रहते हैं। आप बिच्छू के सामने अनजाने से आजाते हैं तो बहुत सम्भव है कि वह आत्मरक्षा के लिए आपको जहरीला डंक मार दे।
 

जब कोई इंसान पानी में डूबता है तो सबसे पहले नाक और मुंह के ज़रिए पानी उसके फ़ेफ़ड़ों में तक पहुंचता है. इससे व्यक्ति की मांसपेशियां ऐंठने लगती हैं और शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह भी रुक जाता है

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में विनाश का कारण पानी की भारी मात्रा में अतिप्रवाह है। हर साल दुनिया भर में कई क्षेत्रों को बाढ़ की समस्या का सामना करना पड़ता है।
 

किसी डर से इंसान जीवन जीना तो नहीं छोड़ सकता लेकिन सतर्क तो हमेशा रहना चाहिए. क्योंकि घटनाएं, दुर्घटनाएं कभी बताकर नहीं आती. ऐसे में चलिए आपको बताएं कि अगर आप किसी तरह के भगदड़ में फंस गए तो क्या करें या क्या न करें
 

दोपहर के समय घरों से बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया है। आने वाले समय में लू का प्रकोप और बढ़ जाएगा। सावधानी ही लू या हीट वेव से बचने का तरीका है। 
 

कुकिंग गैस सिलेंडर में लीकेज या फिर स्विच में खराबी होने से अगलगी की आशंका रहती है. आग लगने पर आपातकाल स्थिति में आपको पैनिक होने की जरूरत नहीं है। जानिए बचने के उपाय
 

सुनामी, लगातार चलने वाली बहुत ही खतरनाक लहरें हैं, जो भूकंप गतिविधि या फिर पानी के भीतर होने वाले अन्य अशांति से आती हैं |[१] पिछले कुछ सालों से सुनामी एक अविश्वसनीय हानि का कारण बनी है |
 

आपको लगता है कि कोई आपके पीछे है। किसी को आपके आने जाने की खबर है। कहीं भी जाती हैं ये आदमी हर बार नजर आता है। आपको बेहद सावधानी और समझदारी की जरूरत है क्योंकि खतरा हर वक्त आप पर मंडरा रहा है। 
 

सैलानियों के लिए बर्फबारी का मौसम बेहद खास होता है। यही वजह है इन दिनों में काफी संख्या में सैलानी पहाड़ी इलाकों में घूमने जाते हैं। लेकिन, कई बार बर्फबारी का सुखद अहसास सबसे बुरे वक्त में तब्दील हो जाता है।

ऐसा कई बार होता है कि भूकम्प वगैरह आने पर या बिल्डिंग कमज़ोर होने से वो गिर जाती है। ऐसे में जो लोग उसके मलबे के नीचे दब जाते हैं, वो चिल्लाने लगते हैं। ऐसा नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे आप केवल अपनी एनर्ज़ी ही ज़ाया करेंगे 
 

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